नीतीश जी, एक बात गांठ बांध लीजिए आपके जुल्म से क्या झुकूंगा?, पप्पू यादव के पुत्र ने संभाला सोशल मीडिया पर मोर्चा

पटना/वीरपुर/सुपौल। 32 साल पुराने अपहरण केस में मंगलवार शाम को पटना से गिरफ्तार किए गए जाप सुप्रीमो और पूर्व सांसद पप्पू यादव को सुपौल के वीरपुर जेल में रखा गया है। अब पप्पू ने जेल में व्याप्त अव्यवस्थाओं के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार की रात से बंद पप्पू यादव ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार को उनके ट्वीटर से पोस्ट हुआ- वीरपुर जेल में मैं भूख हड़ताल पर हूं। यहां ना पानी है, ना वॉशरूम है। मेरे पांव का आॅपरेशन हुआ था, नीचे बैठ नहीं सकता, कमोड भी नहीं है। कोरोना मरीज की सेवा करना, उनकी जान बचाना, दवा माफिया, हॉस्पिटल माफिया, आक्सीजन माफिया, एम्बुलेंस माफिया को बेनकाब करना ही मेरा अपराध है। मेरी लड़ाई जारी है।
वहीं एक अन्य ट्वीट में कहा गया है कि नीतीश जी, एक बात गांठ बांध लीजिए कि जब कोरोना महामारी में लोगों के बीच जाने से मरने की बात से नहीं डरा तो आपके जुल्म से क्या झुकूंगा? मैं, मेरे साथी और मेरा परिवार न डरा है न डरेगा! भाजपा को उसकी औकात दिखा चुका हूं। आप अपनी कुर्सी की चिंता कीजिए। जिंदगियां बचाने की लड़ाई जारी रहेगी।
वहीं पार्टी के साथियों से अपील करते हुए पप्पू यादव के ट्वीटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा, मैं जेल में हूं, पर जिंदगी बचाने और सेवा करने की राजनीति जारी रहनी चाहिए। रानीगंज विशनपुर की बेटी सोनी जो मां-पिता को खो अनाथ हो गई। उन्हें अपनी मां को मजबूरन दफनाना पड़ा। उनकी भरपूर मदद करें! वहीं बहन रुचि जिनके अस्मत पर डॉ. अखिलेश ने हाथ डाला, उन्हें न्याय दिलाने को लड़ें!
पुत्र ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाला
इधर, पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद उनके पुत्र सार्थक रंजन ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल लिया है। उसने आरोप लगाया है कि मंगलवार 9 बजे से लेकर आज सुबह 3 बजे तक मेरे पिता के साथ एक मुजरिम की तरह बर्ताव किया गया है। मैं जानना चाहता हूं कि जुर्म है क्या? हॉस्पिटल की सच्चाई दिखलाना जुर्म है क्या? या जरूरतमंद लोगों की मदद करना जुर्म है? जो एम्बुलेंस लोगों के काम आ सकते थे, उन्हें एक कैंपस में खड़ा करके रखा गया। पापा ने बिहार के हर एक घर के लिए अपना घर छोड़ा है। इस वक्त हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते।

नीतीश जी
एक बात गांठ बांध लीजिए कि जब कोरोना महामारी में लोगों के बीच जाने से मरने की बात से नहीं डरा तो आपके जुल्म से क्या झुकूंगा? मैं, मेरे साथी और मेरा परिवार न डरा है न डरेगा!
BJP को उसकी औकात दिखा चुका हूं।आप अपनी कुर्सी की चिंता कीजिए।जिंदगियां बचाने की लड़ाई जारी रहेगी।
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) May 12, 2021
कल हुई थी गिरफ्तारी
बता दें बिहार में पूर्व सांसद व जाप सुप्रीमो पप्पू यादव को मंगलवार को पटना स्थित मंदिरी आवास से कोरोना गाइडलाइन तोड़ने के आरोप में पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया। जबकि, देर शाम में मधेपुरा पुलिस ने 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में अपनी हिरासत में ले लिया और रात में ही सड़क मार्ग से पटना से मधेपुरा ले गई। मधेपुरा ले जाने के क्रम में जगह-जगह पप्पू समर्थकों ने प्रदर्शन किया। देर रात करीब 11 बजे पप्पू यादव को मधेपुरा कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की। उन्होंने पूर्व सांसद को रिमांड टू जेल का आदेश देते हुए न्यायिक हिरासत में वीरपुर (सुपौल) जेल भेजने को कहा।
लेकिन बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि सुबह में पटना पुलिस कोरोना गाइडलाइन तोड़ने के आरोप में पप्पू यादव को गिरफ्तार करती है और शाम होते होते यह बात सामने आती है कि पप्पू यादव पर 32 साल पुराने अपहरण के एक मामले में वारंट निर्गत है। उसके बाद मधेपुरा पुलिस पटना पहुंच पप्पू यादव को अपने साथ ले जाती है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पप्पू यादव लगातार समाजसेवा में जुटे हुए थे, वे कोरोना पीड़ितों के दिक्कतों को दूर करने के लिए लगातार अभियान चला रखा था। ऐसे समय में उनकी गिरफ्तारी कई सवाल खड़े करती है। इस दौरान भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के छपरा स्थित घर पर छापा मारा था, जहां कई एम्बुलेंस ढ़ककर रखे गए थे, जो एमपी लैड फंड से खरीदा गया था। पप्पू यादव ने इस मामले को पूरजोर तरीके से उठाया। उसके बाद पप्पू यादव को घेरने की मुहिम शुरू हुई और आज नतीजा आपके सामने है। जो नेता दिन-रात लोगों की सेवा में जुटा रहा, यह सत्ताधारी नेताओं को रास नहीं आयी। कहा जाता है कि जिस तरह से पप्पू यादव लोगों की सेवा में जुटे थे, पटनावासियों के लिए चहेता नेता के रूप में उभरने लगे थे। ऐसे में खासकर भाजपा को भारी नुकसान दिखने लगा, क्योंकि पटना के लगभग सीटों पर भाजपा का कब्जा है। उनके मुहिम को रोकने के लिए षड्यंत्र रचा गया।