पटना में दवा की ब्लैक मार्केटिंग : जिंक की दवा का एमआरपी 55, ग्राहकों से वसूले जा रहे थे 65, दुकानदार पकड़ाया
पटना। बिहार सरकार की सख्ती के बाद भी कालाबाजारी के मामले कम नहीं हो रहे हैं। मंगलवार को औषधि विभाग की टीम ने एक और बड़ा मामला पकड़ा है। राजधानी पटना के पत्रकार नगर में एक दुकानदार 55 रुपए एमआरपी वाली जिंक दवा लोगों को 65 रुपए में बेच रहा था। इसी दौरान टीम ने दुकानदार को रंगेहाथ पकड़ा है, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई हो रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, औषधि विभाग ने पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के संजय गांधी नगर हनुमान नगर स्थित मां काली मेडिको में छापेमारी की। वहां पाया गया कि जिंक की दवा जिंकोनिया-50 का एमआरपी 55 है लेकिन उसे 65 रुपए में बेचा जा रहा है। इस दवा को स्टॉक करके रखा गया है और फिर ब्लैक किया जा रहा है। पूछताछ में दुकानदर ने भी स्वीकार किया कि दवा को अधिक दाम में बेचा गया है। इन दौरान एक ग्राहक ने 6 स्टिप दवा ली थी, जिसका मूल्य 330 रुपया हुआ था, लेकिन उससे 390 रुपए लिए गए थे।
औषधि विभाग के निरीक्षक कयूमुद्दीन अली अंसारी ने बताया कि जिंक का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित मरीजों के साथ सामान्य लोगों में वायरस से बचाव को लेकर दिया जा रहा है। इस कारण से इस दवा की डिमांड इन दिनों ज्यादा है। उन्होंने बताया कि दुकानदार से संबंधित दवा का अभिलेख मांगा गया, लेकिन वह भी नहीं दिखाया गया। महामारी अधिनियम के साथ दवा की कालाबाजारी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने के लिए पत्रकार नगर थाना की पुलिस को आवेदन दिया गया है। औषधि निरीक्षक का कहना है कि दवा दुकानदार प्रेम कुमार के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।


