स्वास्थ्य व्यवस्था के मुद्दे पर सीपीआई, एआईएसएफ, एआईवाईएफ ने किया PMCH मेन गेट पर प्रदर्शन
पटना। बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली, मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों की घोर उपेक्षा के मुद्दे पर राजधानी के पीएमसीएच मेन गेट पर सीपीआई, एआईएसएफ, एआईवाईएफ के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने डॉक्टरों व अन्य कोरोना वारियर्स के जीवन व भविष्य की गारंटी देने, पत्रकारों को स्वास्थ्य कर्मियों की तरह 50 लाख का बीमा सुनिश्चित करने, देश के बड़े पूंजीपतियों पर 10 फीसदी कोरोना कर लगाने, एम्बुलेंस सेवा नि:शुल्क करने, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट 48 घंटे में देने और सभी जिलों में वेंटिलेटर युक्त अस्पताल शुरू करने की मांग की। इस दौरान ‘बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति सुधारो या गद्दी छोड़ दो, इंसानों के जीवन से खिलवाड़ बंद करो, सभी मरीजों को आक्सीजन, वेंटिलेटर, बेड उपलब्ध कराओ, कोविड मरीजों का हाल जानने के लिए परिजनों से मिलने की व्यवस्था करो’ सहित कई नारे लगाए।
सरकारी कुव्यवस्था से भी मरीजों की जा रही जान
सभा को संबोधित करते हुए सीपीआई की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य विश्वजीत कुमार ने कहा कि देश और बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था खुद आईसीयू में है। आॅक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर के बिना मरीज तड़प रहे हैं। शासन-प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नहीं। उन्होंने कोविड मरीजों के परिजनों को पीएमसीएच सहित सभी अस्पतालों में हाल जानने के लिए मिलने देने की मांग करते हुए कहा कि सरकारी कुव्यवस्था की वजह से भी मरीजों की जान जा रही है।
आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट 48 घंटे में देने की मांग
वहीं सीपीआई के नगर संयोजक देवरत्न प्रसाद ने आरटीपीसीआर रिपोर्ट 48 घंटे में देने की मांग करते हुए कहा कि जयाप्रभा-मेदांता अस्पताल को कोविड अस्पताल के रूप में सरकार परिणत कर अपनी देखरेख में ले। उन्होंने बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के जिम्मेदार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के इस्तीफे की मांग की।


