BIHAR : चैती छठ प्रारंभ, व्रतियों ने घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर कीं नहाय-खाय
* चैती छठ पर ग्रहों का युग्म संयोग, शोभन में खरना शनिवार को
* रवियोग योग में सायंकालीन अर्घ्य रविवार को, प्रात:कालीन अर्घ्य सोमवार को

पटना। चैती छठ के चार दिवसीय अनुष्ठान के तहत शुक्रवार को व्रतियों ने नहाय-खाय का पूजन पूरे पवित्रता व निष्ठा के साथ संपन्न की। हालांकि कोरोना महामारी के कारण इस बार व्रतियों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। व्रतियों ने घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर बहुत आस्था के साथ नहाय-खाय संपन्न की। नहाय-खाय में लौकी का प्रसाद बनाना होता है, जो कि इस बार बाजार में कम और महंगा होने के बावजूद ही व्रती ने इसकी व्यवस्था कर विधि को पूरा किया। कल व्रती खरना (लोहंडा) की पूजा में खीर, रोटी, मौसमी फल का प्रसाद बनाकर इसे पूजा के बाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास की संकल्प लेंगी।

36 घंटे के उपवास का व्रती लेंगे संकल्प
भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य कर्मकांड विशेषज्ञ ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने बताया कि चैती छठ पर ग्रह-गोचरों का युग्म संयोग बन रहा है। कल शोभन योग में पूरे दिन निर्जला उपवास के बाद व्रती संध्या में सूर्य की आराधना कर दूध, गुड़, अरवा चावल से बने प्रसाद को ग्रहण कर 36 घंटे का उपवास आरंभ करेगी। भगवान भास्कर को रविवार को रवियोग में सायंकालीन अर्घ्य और सोमवार को सुकर्मा योग में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रती संकल्पित अनुष्ठान संपन्न कर पारण करेंगी।

