BJP MLA ने शराबबंदी को बताया विफल, JDU ने कहा- मजबूती से लागू कराने के लिए सरकार कर रही काम
पटना। सीतामढ़ी जिला में बीते दिन शराब तस्करों के साथ मुठभेड़ में एक दारोगा की मौत के बाद शराबबंदी को लेकर बिहारी का सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। विपक्षी दलों के लगातार हमलों के बीच अब भाजपा नेताओं ने भी नीतीश सरकार से शराबबंदी की समीक्षा कराने की मांग की है। बाढ़ से भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र ज्ञानू ने शराबबंदी को विफल बताया है। हालांकि जदयू ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है।
शुक्रवार को विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कहा कि बिहार में पूरी तरह से शराबबंदी नहीं है। उन्होंने इसके लिए कुछ पुलिस और माफियाओं को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वो लोग अवैध रुप से बिहार में शराबबंदी को सफल होने नहीं दे रहे हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जिस ईमानदारी के साथ पुलिस वालों को इस कार्य में लगना चाहिए वो उतने ईमानदार नहीं हैं। बिहार सरकार को एक संशोधन करना चाहिए कि शराबबंदी कानून में पुलिस की टीम को शामिल न करके उत्पाद विभाग के साथ एक पुलिस की विशेष टीम बनानी चाहिए। उस टीम में थाने की पुलिस को शामिल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि थाना पुलिस को शराब के अवैध कारोबार से निपटने की जिम्मेदारी से मुक्त रखा जाए, क्योंकि वो लोग न तो शराबबंदी को पूरी तरह से सफल बना रहे हैं और न ही क्राइम कंट्रोल कर पा रहे हैं।
जदयू ने कही यह बात
शराबबंदी पर भाजपा नेताओं के बयान पर जदयू नेता व भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कौन क्या बोलता है, इस पर मुझे नहीं जाना है। बयान देने वालों का अपना निजी विचार हो सकता है, लेकिन बिहार में मजबूती से शराबबंदी पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग शराबबंदी के खिलाफ बोलते हैं हमलोग तो उनसे भी पूछते हैं कि बताएं कहां शराब का कारोबार हो रहा है। लोग कोई सूचना तो देते नहीं हैं। कोई सरकार को सहयोग नहीं देता। सरकार ने एक नियम बनाया है। इसमें तो सबलोग साथ थे। ऐसा तो नहीं है कि कोई खिलाफ थे। सबकी सहमति से यह कानून बना है। इसको प्रदेश में मजबूती से लागू कराने के लिए सरकार काम कर रही है। कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शराबबंदी को लेकर पूरी तरह से गंभीर हैं और इसमें किसी तरह से समझौता नहीं कर सकते है।


