December 5, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव में प्रबंधन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा, दुपहिया वाहनों का नंबर बस का नंबर बताकर बिल किया सबमिट

पटना। बिहार में पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में प्रबंधन के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। दरअसल पटना जिले में चुनाव की तैयारियों और प्रबंधन को लेकर जो बिल एजेंसियों की तरफ से जमा किया गया, उस पर रविवार होने के बाद जिला प्रशासन ने जांच कराई, तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां सामने आई है।
एजेंसी ने 42 करोड़ का बिल दिया
विधानसभा चुनाव में अर्धसैनिक बलों की कई कंपनियां पटना जिले में तैनात की गई थी। अर्ध सैनिक बलों के रहने के लिए टेंट, खाने की व्यवस्था और एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए गाड़ियों समेत अन्य खर्चे के लिए एजेंसी ने 42 करोड़ का बिल दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में पटना जिले में 50 अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की गई थी, जिस पर तकरीबन दो करोड़ 30 लाख रुपए का खर्च आया था, जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में पटना जिले में 215 कंपनियों पर खर्च का आकलन 42 करोड़ दिखाया गया।
पटना के दो एजेंसियों के खिलाफ जांच जारी
ओवर बिलिंग को लेकर पटना के तत्कालीन डीएम कुमार रवि ने संदेह जताते हुए जांच के लिए 3 सदस्यों की कमेटी बनाई। इस कमेटी में तत्कालीन अपर समाहर्ता राजस्व राजीव कुमार श्रीवास्तव, डीआरडीए के निदेशक अनिल कुमार और जिला भविष्य निधि पदाधिकारी और अवर निर्वाचन पदाधिकारी, मसौढ़ी राजू कुमार शामिल थे। कमिटी ने खर्च का आकलन कर 13 करोड़ 40 लाख के भुगतान के लिए जिलाधिकारी को अनुशंसा कर दी थी। अधिकारी ने बताया कि जिन एजेंसियों के खिलाफ जांच हो रही है, उसमें पटना के सिन्हा डेकोरेशन और महावीर डेकोरेशन शामिल है।
बिल के सत्यापन का आदेश
जांच में खुलासा हुआ कि अर्धसैनिक बलों को जिस जगह पर ठहराने के लिए टेंट लगाने का बिल दिया गया, वहां कभी सैनिक बल के जवान ठहरे ही नहीं। इतना ही नहीं, दुपहिया वाहनों का नंबर बस का नंबर बताकर बिल सबमिट कर दिया गया। मामला पकड़ में आने के बाद अब पटना के मौजूदा डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बिल के सत्यापन का आदेश दिया है और सैनिक बल के जवानों के ठहरने के लिए जो टेंट और पंडाल लगाने का खर्च का ब्यौरा दिया गया है, वह बाजार भाव से ज्यादा है।
फोर व्हीलर की जगह दुपहिया गाड़ियों का नंबर डाला
चुनाव के दौरान जिन गाड़ियों में तेल का खर्च दिखाया गया, उनमें फोर व्हीलर समेत बड़ी गाड़ियों की जगह दुपहिया गाड़ियों का नंबर डाल दिया गया। एक दुपहिया वाहन में सैकड़ों लीटर डीजल का खर्च दिखाया गया और यह बात जांच में सामने आई है। आडिट के दौरान जब यह बात पकड़ में आए, तब बड़े अधिकारी हरकत में आए। ऐसे 10 वाहनों के खर्च के ब्यौरा में गड़बड़ी पकड़ी गई है, इसकी जांच चल रही है।

https://youtu.be/2rtAkvXnbn4

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