शोक सभा में शामिल हुए CM नीतीश, कहा- नई पीढ़ी तक शैवाल गुप्ता द्वारा किये गये अच्छे कार्यों की जानकारी पहुंचाएं
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होटल मौर्या में आयोजित स्व. डॉ. शैवाल गुप्ता के शोक सभा में शामिल हुए। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि शैवाल गुप्ता के निधन के बाद आज शोक सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें कई लोगों ने उनसे जुड़ी कई बातों की जानकारी दी है। आज के इस आयोजन में शैवाल गुप्ता की पत्नी श्रीमती उषाशी गुप्ता, उनकी बेटी स्मिता गुप्ता एवं दामाद सौरभ चक्रवर्ती भी उपस्थित थे। आद्री के डायरेक्टर प्रभात घोष ने भी शैवाल गुप्ता से जुड़ी बातों को साझा किया। उन्होंने कहा कि हमलोगों का जब से शैवाल गुप्ता से रिश्ता रहा है, उससे पहले से कई लोगों का उनसे रिश्ता रहा है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि शैवाल गुप्ता अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री के साथ-साथ आद्री के संस्थापक भी थे। अनेक विषयों में उनकी अच्छी जानकारी थी। वे वैचारिक रुप से कम्युनिष्ट थे लेकिन सभी पार्टियों के नेताओं के साथ उनका मधुर संबंध था। वे बिहार के विकास के लिए हमेशा लगे रहते थे। हमलोग उनकी राय लेते रहते थे। आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट वर्ष 2008 से शुरू किया गया, जिसे तैयार करने में उनका महत्वपूर्ण सहयोग मिलता रहा। सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनांस गठित किया गया। इसमें भी उनका सहयोग मिला। उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हमलोगों ने अभियान चलाया। इसको लेकर वर्ष 2013 में यूपीए सरकार द्वारा गठित रघुराम राजन कमिटी में शैवाल गुप्ता को भी सदस्य के रुप में शामिल किया गया था। देश-विदेश के लोग या पत्रकार जब बिहार के संबंध में जानकारी लेने आते थे तो वे शैवाल गुप्ता से जरुर चर्चा करते थे। शैवाल गुप्ता ने कई विषयों पर आलेख भी लिखे हैं, जिसकी काफी चर्चा हुई है। आद्री ने शराबबंदी से होने वाले फायदे के संबंध में एक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी किया। इस रिपोर्ट में बताया गया कि शराबबंदी लागू होने से लोगों के बीच दूध की खपत बढ़ गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शैवाल गुप्ता ने अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का भी आयोजन किया था जिसमें तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के साथ मुझे भी शामिल होने का मौका मिला था। उन्होंने कई सम्मेलनों का आयोजन कराया। जब भी मुझे आमंत्रित किया मैं उनके कार्यक्रमों में शामिल होता रहा। पिछले कुछ वर्षो से उनकी तबीयत खराब रह रही थी लेकिन फिर भी वे अपने काम के प्रति सक्रिय थे। अपनी तबीयत को लेकर वे चिंतित नहीं रहते थे। शैवाल गुप्ता जी अपने काम में व्यस्त रहते थे, हमेशा आत्मविश्वास से भरे दिखते थे और उत्साहित रहते थे। वे सभी लोगों के साथ अपनी बात स्पष्टता के साथ रखते थे। बिहार के विकास को लेकर उनका अपना ओपिनियन था। इसको लेकर वे लोगों को जागरुक करते रहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आद्री में काफी क्षमता है। मेरा आग्रह है कि नई पीढ़ी को स्व. शैवाल गुप्ता द्वारा किये गये अच्छे कार्यों की जानकारी हेतु उनके आलेख और उनके विचारों को पब्लिश करायें। आपकी जो भी जरूरत होगी हम सहयोग करते रहेंगे।
प्रोफेसर अमर्त्य सेन ने भी शैवाल गुप्ता के कार्यों से जुड़ी कई बातों की चर्चा की है। प्रो. सेन बिहार से विशेष तौर पर जुड़े रहे हैं। उन्होंने नालंदा यूनिवर्सिटी की स्थापना में काफी सहयोग दिया है। वे इसके चांसलर भी रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बने बिहार म्यूजियम के निर्माण के संबंध में भी उनके महत्वपूर्ण सुझाव मिले थे। पीडीएस सिस्टम के संबंध में भी उनकी राय मिली थी। जिसके आधार पर ग्रामीण क्षेत्र के 85 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र के 73 प्रतिशत लोगों को पीडीएस का लाभ दिया गया।
शोक सभा में पद्मभूषण लॉर्ड मेघनाद देसाई, पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे, डॉक्टर एए हई सहित कई गणमान्य शख्सियत विभिन्न माध्यमों से शामिल हुये।

