BIHAR : फरक्का बराज के सभी गेट खोले गये, बागमती खतरे के निशान से ऊपर
पटना। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मीडिया के साथ संवाद में जल संसाधन सचिव संजीव हंस ने राज्य की विभिन्न नदियों के जलस्तर एवं बाढ़ सुरक्षात्मक तटबंधों की स्थिति के संबंध में बताया कि अभी कोसी नदी का जलश्राव 2,00,300 क्यूसेक है। गंडक नदी के जलग्रहण क्षेत्र में निरंतर बरसात हो रही है और कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। इन दोनों नदियों के क्षेत्र में स्थिति नियंत्रण में है। बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बेनीबाद से हायाघाट तक स्टैटिक या बहुत मामूली वृद्धि होने की संभावन है। कमला बलान नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बरसात होने से झंझारपुर रेल पुल के पास स्थिति फॉलिंग ट्रेंड में है। अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में कोई वृद्धि नहीं देखी जा रही है और कुछ जगहों पर जलस्तर में कमी आ रही है। महानंदा नदी के जलस्तर में कुछ जगहों पर फॉलिंग ट्रेंड है तो कुछ जगहों पर राइजिंग ट्रेंड है। गंगा नदी में सभी जगहों पर स्थिति स्टैटिक या फॉलिंग है। फरक्का बराज के सभी गेट खोल दिए गये हैं। अगले तीन दिनों का जो पूर्वानुमान है उसके अनुसार महानंदा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश होने की संभावना है। कोशी, गंडक, कमला बलान और बूढी गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में भी बारिश की संभावना व्यक्त की गयी है। तटबंध के टूटान स्थल पर कट एंड प्रोटेक्शन का काम चल रहा है। मोतिहारी वाले टूटान स्थल पर कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य पूर्ण हो चुका है। गोपालगंज के देवापुर में एक टूटान स्थल का कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य पूरा हो गया है और दूसरे स्थल पर कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य जारी है। बगहा जिला के बैकुंठपुर प्रखंड में टूटान स्थल पर भी कट एंड प्रोटेक्शन का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
बिहार के 12 जिले बाढ़ से प्रभावित
वहीं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 12 जिलों के कुल 102 प्रखंडों की 901 पंचायतें प्रभावित हुयी हैं, जहां आवश्यकतानुसार राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। पूर्वी चम्पारण में 02, गोपालगंज में 11, खगड़िया में 01 और समस्तीपुर में 05 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं। इन सभी 19 राहत शिविरों में कुल 25,116 लोग आवासित हैं। उन्होंने बताया कि 989 कम्यूनिटी किचेन चलाए जा रहे हैं, जिनमें प्रतिदिन 5,71,122 लोग भोजन कर रहे हैं। वहीं अब तक प्रभावित इलाकों से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बोट्स के माध्यम से 2,88,283 लोगों को निष्क्रमित किया गया है।


