सीएम नीतीश बताएं, उन्हें चुनाव कराने की जल्दबाजी क्यों है : रतन मंडल

भागलपुर। बिहार की एक्चुअल स्थिति और परिस्थिति पर चुप्पी साध वर्चुअल रैली और वर्चुअल बैठक में व्यस्त रहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कृपया यह बताएं कि आखिर इस कोरोना काल और बाढ़ की विभीषिका की घड़ी में उन्हें चुनाव कराने की आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों है, जबकि बिहार के लोग कोरोना महामारी और बाढ़ की विभीषिका से त्राहिमाम कर असमय काल के गाल में समा रहे हैं। उक्त बातें वंचित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो.(डॉ.) रतन मंडल ने कही। उन्होंने कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं है कि मुख्यमंत्री को खुद के द्वारा 15 सालों तक किए गए घोटालों, झूठ- लूट व खसोट के साथ अपनी अकर्मण्यता का एहसास हो चुका है और उन्हें सत्ता की कुर्सी जाने का डर सता रहा है। उन्होंने कहा कि यह बात तय है कि नीतीश कुमार की कुर्सी खिसकने के बाद उनकी हालात भी उनके बड़े भाई लालू प्रसाद यादव से भी बदतर होंगे।
डॉ. मंडल ने कोरोना व बाढ़ जैसी महाआपदाओं के लिये केवल एक अधिकारी की नियुक्ति के मामले में आगे कहा कि केवल एक आईएस अधिकारी के भरोसे दोनों विभाग को छोड़ देना जनता के साथ पूरी तरह से नाइंसाफी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रश्न करते हुए पूछा कि बिहार में योग्य आईएएस अधिकारियों की कमी है क्या, जो सिर्फ एक आईएस अधिकारी के भरोसे ही आपदा प्रबंधन तथा स्वास्थ्य दोनों महकमों को रखा गया है? उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के विस्तृत खतरे तथा बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर राज्य सरकार को उक्त दोनों विभागों में अलग-अलग अनुभवी अधिकारियों की तैनाती करनी चाहिए, लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने दोनों पदों पर एक साथ वरिष्ठ आईएएस प्रत्यय अमृत को तैनात कर यह साबित कर दिया है कि बिहार में योग्य अधिकारियों की घोर किल्लत है।
