मायलन ने कोरोना का दवा रेमडेसिविर डेसरेम का पहला बैच उतारा, दवा की बढ़ती मांग के बाद बढ़ाएगी आपूर्ति
पटना। वैश्विक दवा कंपनी मायलन ने भारतीय बाजार में डेसरेम ब्रांड नाम से रेमडेसिविर उतारने की घोषणा की ताकि कोविड-19 महामारी का अत्यंत आवश्यक इलाज आसान हो और इलाज की कमी पूरी की जा सके। अस्पताल में भर्ती ऐसे वयस्कों और बच्चों के इलाज के लिए इसे मंजूरी दी गई है, जो कोविड-19 के संदिग्ध या लैबोरेटरी से प्रमाणित मरीज हैं और जिनमें बीमारी के गंभीर लक्षण हैं। इसके साथ कंपनी ने राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 7829980066 भी शुरू की है ताकि मरीज और स्वास्थ्य सेवा कर्मी रेमडेसिविर और उसकी उपलब्धता के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। अध्यक्ष, भारत और उभरते बाजार, राकेश बमजई ने कहा कि पूरे भारत में बढ़ते कोविड-19 के मामले को देखते हुए मायलन ने इस महामारी से लड़ने की ठान ली है। डेसरेम के लांच और हमारे राष्ट्रीय हेल्पलाइन की शुरूआत के साथ हमारा लक्ष्य कोविड-19 के गंभीर लक्षण वाले वयस्कों और बच्चों के इलाज में अत्यंत महत्वपूर्ण दवा सुलभ कराना है। वर्तमान में पूरी मायलन टीम तेजी से मरीजों के इलाज की दिशा में बढ़ रही है।
बता दें मायलन ने अपनी जेनेरिक दवा रेमडेसिविर डेसरेम का पहला बैच बाजार में उतार दिया है और दवा की बढ़ती मांग देखते हुए पूरे देश में इसकी आपूर्ति बढ़ाएगी। मरीज और स्वास्थ्य सेवा कर्मी राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 7829980066 पर कॉल कर भारत में डेसरेम की उपलब्धता के बारे में जानकारी ले सकते हैं। मायलन बेंगलुरु में स्थित अपने अत्याधुनिक इंजेक्टेबल प्लांट में डेसरेम बनाएगी। इस प्लांट में भारत और अन्य निर्यात बाजारों के लिए दवा बनेगी, जहां मायलन को रेमडेसिविर बिक्री के लिए गिलियड से लाइसेंस मिला है। मायलन और गिलियड के बीच इससे पूर्व घोषित करार दोनों संगठनों के लंबे ऐतिहासिक संबंधों का हिस्सा है, जिसका मकसद भारत और पूरी दुनिया की मुख्य सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं से निपटना है। इसकी शुरूआत उच्च गुणवत्ता की सस्ती एचआईवी-एड्स एंटीरेट्रोवाइरल दवा की सुलभता बढ़ाने के साथ हुई और अब कोविड-19 के इलाज को शामिल कर साझेदारी का विस्तार किया गया है।


