September 17, 2025

तेजस्वी-चिराग के सुर मिले,भाजपा की बांछें खिली,सीएम नीतीश की बेचैनियां बढ़ी…

पटना।नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के राष्ट्रपति शासन लगाने संबंधी मांगने नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है। बिहार में कोरोना का कहर जारी है। विधानसभा के आम चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं।चुनाव आयोग समय पर चुनाव कराने की बात कर रहा है।वहीं प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल राजद- कांग्रेस,लोजपा आदि चुनाव अभी टालने को लेकर अपने मंसूबे स्पष्ट कर दिए हैं। राजद-लोजपा ने तो सीधे-सीधे चुनाव को आगे बढ़ाने की मांग भी कर दी है।कल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने समय पर चुनाव ना होने की स्थिति में राष्ट्रपति शासन की मांग करके केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार दोनों को पसोपेश में डाल दिया है।राज्य के हालात कोरोना के कहर के मद्देनजर अभी चुनाव कराने लायक नहीं दिखते हैं।अगर समय पर चुनाव होते हैं।तो 3 माह पूर्व ही चुनाव प्रचार तथा सरकारी क्रियाकलाप बड़े पैमाने पर शुरू होंगे।फिलहाल कोरोना के हालात को देखते हुए राज्य के राजधानी पटना समेत कई जिलों में लॉकडाउन लागू है।ऐसे में समय पर चुनाव कराने की बात चुनाव आयोग के लिए न सिर्फ एक चुनौती है। बल्कि आने वाले समय में बमुश्किल भी है।ऐसे में राजद की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव तथा लोजपा की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के सुर एकाएक मिल जाने से नीतीश सरकार के समक्ष बेचैनियां उत्पन्न हो गई है।बताया जा रहा है कि चिराग के चुनाव टालने संबंधित बयान को लेकर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने जो ट्वीट किया था,उसे भी डिलीट करना पड़ा। दरअसल भाजपा समझ रही है की वर्तमान हालात में कोरोना के कहर को देखते हुए चुनाव समय पर कराना संभव नहीं दिखता है।वैसे भाजपा के बड़े नेता अभी इस मुद्दे पर गेंद चुनाव आयोग के पाले में फेंक कर निश्चिंत हो जा रहें हैं। मगर हकीकत से वे ज्यादा दूर नहीं है।ठीक ऐसे समय में राजद की ओर से राष्ट्रपति शासन की मांग कर देना।कहीं ना कहीं भाजपा को भी भा गया होगा।प्रदेश में अगर राष्ट्रपति शासन लागू होता है।तो सत्ता की कुंजी भाजपा के पास रहेगी।वैसे भी देश ने पिछले दो सालों दौरान भाजपा के द्वारा बनाए गए अन्य राज्यों में राज्यपालों के क्रियाकलापों को नजदीक से देखा-समझा है।ऐसे में बिहार में भी अगर राष्ट्रपति शासन की मांग तेज हो जाती है तथा समय की जरूरत भी यही कहती है,तो भाजपा भी राष्ट्रपति शासन लगाने से गुरेज नहीं करेगी।

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