December 8, 2025

साल का पहला खंडग्रास सूर्यग्रहण 21 जून को, आर्थिक मंदी व अति वृष्टि के आसार

पटना। भारतीय ज्योतिष विज्ञान परिषद के सदस्य ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश झा ने पंचांगों के हवाले से बताया कि आषाढ़ कृष्ण अमावस्या 21 जून रविवार को खंडग्रास सूर्य ग्रहण लग रहा है। संपूर्ण विश्व में चल रही कोरोना महामारी, प्राकृतिक आपदाओं तथा कई देशों के बीच तनाव की स्थिति में यह सूर्य ग्रहण लग रहा है। इस सूर्य ग्रहण पर एक साथ कई प्रकार के संयोग बन रहे हैं। सूर्य ग्रहण के दिन सूर्य कर्क रेखा से ठीक ऊपर होगा। ग्रहण के दिन रविवार है, यह दिन भगवान सूर्य को समर्पित होता है और इस दिन एक-दो नहीं बल्कि पूरे 6 ग्रह वक्री चाल में रहेंगे। इसे कंकाकृति, खंडग्रास और चूड़ामणि योग भी माना गया है। यह ग्रहण भारत में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। इसके अलावे इस ग्रहण को एशिया, अफ्रिका एवं यूरोप में भी देखा जाएगा।
ग्रहण काल की समयावधि
सार्वभौमिक परिदृश्य में ग्रहण काल आरंभ प्रात: 09:15 बजे से हो जाएगा। इस ग्रहण का स्पर्श बनारसी पंचांग से सुबह 10:31 बजे शुरू होकर दोपहर 02:04 बजे, वहीं मिथिला पंचांग के मुताबिक प्रात: 10:25 बजे से शुरू तथा 01:52 बजे समाप्त होगा। इस ग्रहण का मध्य काल दोपहर 12:18 बजे होगा। यह खंडग्रास सूर्य ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र व मिथुन राशि में लगेगा तथा इसका मोक्ष आर्द्रा नक्षत्र में होगा।
दो से अधिक ग्रहण होते कष्टकारी
आचार्य झा ने वृहत संहिता के हवाले से बताया कि 05 जून को ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को वृश्चिक राशि व ज्येष्ठा नक्षत्र में इस वर्ष का दूसरा उपच्छाया चंद्रग्रहण लगा था। किसी भी मास में दो या उससे अधिक ग्रहण होना आम जनमानस के कष्टकारी होता है। यह ग्रहण आर्थिक मंदी, अति वृष्टि, राजनैतिक उथल-पुथल, महंगाई, विपदा, बेरोजगारी आदि लेकर आते हैं। इससे बचने के लिए स्नान, दान, धर्म, सूर्य उपासना, गायत्री मंत्र का जाप, आदित्य हृदय स्त्रोत का पाठ श्रेयस्कर रहेगा।
सूर्य ग्रहण पर 6 ग्रह होंगे वक्री
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ माना गया है। ग्रहण में राहु सूर्य को ग्रास कर लेता है। ऐसी परिस्थिति में सूर्य कष्ट में रहते हैं। 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण में एक साथ पूरे 6 ग्रह वक्री यानि उलटी चाल में रहेंगे। इस दिन बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु वक्री रहेंगे। ऐसे में यह सूर्य ग्रहण खास रहेगा। यह ग्रहण देश और विदेश के वर्तमान स्थिति के लिहाज से अशुभ रहेगा। ग्रहण पर मंगल की दृष्टि पड़ने से देश में विपदाएं और नकारात्मकता का जोर रहेगा।
ग्रहण में चार राशियां होंगे प्रभावित
ज्योतिर्विद आचार्य राकेश झा ने बताया कि 21 जून को लगने वाले सूर्य ग्रहण में चार राशियां प्रभावित होंगे। यह ग्रहण मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के लिए अशुभ, वृष, तुला, कुंभ व धनु के लिए मध्यम तथा मेष, सिंह, कन्या और मकर राशि के लिए शुभ होगा।
सूतक काल में ये होते हैं वर्जित
ज्योतिष गणना के अनुसार सूतक काल के समय को अशुभ माना गया है। इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कृत वर्जित होते हैं। सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले से तथा चंद्र ग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले ही आरंभ हो जाता है और ग्रहण के खत्म होने के साथ इसका सूतक भी खत्म हो जाता है। सूतक काल में मंदिर में प्रवेश, श्रीविग्रह का स्पर्श, भोजन करना, यात्रा, गौदोहन, हलचालन, मूर्ति पूजा और मूर्तियों का स्पर्श, तुलसी के पौधे का स्पर्श वर्जित है। गर्भवती महिलाओं को चाकू एवं छुरी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है। सूर्य को नग्न आंखों से न देंखें। इसके अलावा बच्चे के जन्म और किसी की मृत्यु पर भी सूतक काल प्रभावी होता है।

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