December 8, 2025

सभी दलों ने ‘अन्नदाता’ किसानों को दिया धोखा : ललित मोहन

भागलपुर/पटना (गौतम सुमन गर्जना)। जिस अन्नदाता किसानों की वजह से पूरा देश खुशहाल है और जिनकी मेहनत के बलबूते हम खूद को जीवंत समझ सांस लेते हैं, उसी अन्नदाता किसानों की बदहाली के कारण आज अपने देश में खुशहाली का अभाव है। उक्त बातें वंचित समाज पार्टी चुनाव अभियान समिति के चेयरमैन ललित मोहन सिंह ने किसानों की बदहाली और देश की फटहाली विषय पर चिंता प्रकट करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कोई भी सरकार किसानों की हित के सवाल पर न तो सोचने का कार्य किया और न ही इसके प्रति पूरी सजगता से अपनी मनसा ही प्रकट की है। उन्होंने बताया कि किसानों के प्रति सरकार की नीति और नियति उजागर नहीं होने के कारण ही देश में अन्य सभी वर्ग आगे बढ़ गए लेकिन किसान पीछे चले गये, जो अब चिंता की नहीं बल्कि चिंतन का विषय बन चुका है।
इस बाबत उन्होंने आगे कहा कि जो भी पार्टियां अब तक सत्ता में आई है, सभी ने किसानों के साथ धोखा कर उन्हें केवल ठगने का कार्य किया है। श्री सिंह ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को सातवां वेतन आयोग, महंगाई भत्ता तो कभी चिकित्सकीय भत्ता मिलता है लेकिन किसानों को सिर्फ उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी बड़ी मुश्किल से मिल पाता है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1970 में सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 70 रुपये प्रति क्विंटल तय किया था, जबकि 2019-20 में गेंहूं का समर्थन मूल्य 1,750 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया। इधर, सरकारी अधिकारी जो एयर कंडिशनर कमरों में बैठे रहते हैं, उनके वेतन में इस दौरान 200 प्रतिशत से अधिक वृद्धि की गई। उन्होंने वर्तमान नीतीश सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि आखिर इन अन्नदाताओं के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों किया जाता रहा है, क्या किसान इस देश के नागरिक नहीं हैं? श्री सिंह ने इसके लिए किसी एक पार्टी को दोषी नहीं ठहराते हुए कहा कि जिस सरकार को जब और जैसे मौका मिला, वैसे ही उन्होंने देश के अन्नदाता किसानों को बदहाल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

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