75 दिन बाद खुले बिहार के धार्मिक स्थल, महावीर मंदिर में नहीं जुटी श्रद्धालुओं की भीड़
पटना। कोरोना संकट के बीच सोमवार को 75 दिनों बाद बिहार के सभी धार्मिक स्थल के गेट खुल गए। धार्मिक स्थलों के गेट खुलते ही श्रद्धालुओं का तांता लग गया। इस दौरान बिहार के विभिन्न धार्मिक स्थलों से सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने की भी तस्वीरें सामने आयी है। वहीं पटना जंक्शन स्थित महावीर मंदिर में श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने पहुंचे पर कोरोना की वजह से भक्तों की पहले जैसी भीड़ नहीं दिखी। श्रद्धालुओं में कोरोना वायरस का खौफ स्पष्ट रूप से यहां नजर आया। भगवान के दर्शन के लिए मंदिर समिति की तरफ से मेन गेट के बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाया गया है, ताकि मंदिर ज्यादा भीड़ बढ़ने की स्थिति में श्रद्धालु बाहर से ही भगवान के दर्शन कर सके।


बता दें महावीर मंदिर परिसर में घुसने से पहले भक्तों को मेन गेट के पास लगे आॅटोमैटिक हैंड सैनिटाइजर से हाथ सैनिटाइज करना होगा। सामने नल लगे हैं और हैंडवॉश भी रखा है। जूते-चप्पल को काउंटर पर रखने की व्यवस्था की गई है। सामान लेकर अंदर जाने की इजाजत नहीं है। गेट पर लगे मेटल डिटेक्टर से पहले भक्तों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। तापमान सामान्य रहने पर ही अंदर जाने की इजाजत दी जा रही है। इस दौरान मंदिर में पूजा करने पहुंचे लोगों को पुलिसकर्मी और समिति के सदस्य सोशल डिस्टेंसिंग का बखूबी पालन करा रहे हैं। मंदिर में लगे सभी घंटे में लाल कपड़ा बांधा गया है क्योंकि सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन में घंटा बजाने पर रोक है।
इस दौरान महावीर मंदिर में काम करने वाले वीरेंद्र तिवारी ने कहा कि लॉकडाउन से पहले आम दिनों में रोजाना करीब 25 हजार से ज्यादा लोग भगवान के दर्शन करने आते थे। लेकिन आज लॉक डाउन के बाद मंदिर खुलने के पहने दिन मात्र दो से ढाई हजार लोग ही आए हैं। अभी कई ट्रेनों का परिचालन नहीं हो रहा है और इस वजह से अगले कुछ दिनों में भीड़ बढ़ने की उम्मीद भी नहीं है।
इधर, नैवेद्यम काउंटर के कैशियर ने बताया कि आम दिनों में यहां करीब दो हजार किलो नैवेद्यम की बिक्री होती है। मंगलवार, शनिवार और अन्य खास दिनों में पांच हजार किलो से ज्यादा का नैवेद्यम बिकता है। लेकिन, आज महज 500 किलो नैवेद्यम की बिक्री हुई है।

