December 8, 2025

परिवार नियोजन को ले बिहार सरकार ने कसी कमर, क्वारंटाइन सेंटरों में अप्रैल-मई में 17.53 लाख कंडोम वितरित

पटना। कोरोना संकट के बीच देश के विभिन्न राज्यों से लाखों की संख्या में अपने गृह प्रदेश बिहार लौटे प्रवासी मजदूरों को लेकर जहां बिहार सरकार उनके रोजगार को लेकर गंभीर है, वहीं दूसरी ओर सरकार जनसंख्या वृद्धि को लेकर चिंतित नजर आने लगी है। यही कारण है कि राज्य सरकार परिवार नियोजन को लेकर प्रवासियों को जागरूक ही नहीं कर रही, बल्कि परिवार नियोजन किट भी देने का काम कर रही है।
सोमवार को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में बढ़ती जनसंख्या से चिंतित राज्य सरकार ने क्वारंटाइन सेंटरों में रहने वाले लोगों को केवल स्वास्थ्य, योग आदि का प्रशिक्षण और उनकी स्कील मैपिंग ही नहीं की, बल्कि वहां से जाते वक्त उन्हें परिवार नियोजन से संबंधित जानकारियां व गर्भ निरोधक सामग्रियां भी दी गयी। अप्रैल में जहां 2.14 लाख तो मई में जब क्वारंटाइन सेंटर में बाहर से आने वालों की संख्या बढ़ी तो 15.39 लाख कंडोम का वितरण किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक दशक के दौरान बिहार की जनसंख्या में 25 फीसदी की वृद्धि हो रही है। वैसे लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा, बाल विवाह निषेद्य व अन्य निरोधात्मक उपायों को अपना कर पिछले एक दशक में प्रजनन दर को 4.3 से घटा कर 3.2 पर लाने में सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए फ्रंट लाइन आशा कार्यकर्ताओं और एनएनएम द्वारा कोरोना संक्रमण का घर-घर सर्वें के दौरान और 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि पूरी कर घर जाने वालों को परिवार नियोजन के बारे में सजग किया गया तथा जिन्हें जरूरत थी उन्हें दो-दो पैकेट कंडोम उपलब्ध कराये गये। योग्य दंपतियों को उनकी इच्छानुसार इस दौरान करीब 11 लाख दैनिक व आपातकालीन गर्भ निरोधक गोलियों का भी वितरण किया गया। सुशील मोदी ने अपील की कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर भी गर्भ निरोधक सामग्रियां उपलब्ध है, जिन्हें जरूरत हो वहां से ले सकते हैं।

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