लॉकडाउन में घरों में अदा हुई ईद की नमाज, वाट्सएप-फेसबुक पर दी मुबारकबाद
फुलवारी शरीफ। लॉकडाउन की बंदिशों के चलते मुस्लिमों ने घरों पर ही नमाज अदा करके देश में खुशहाली और कोरोना से निजात की दुआ मांगी। लॉकडाउन के बीच मुकद्दस रमजान के पूरे रोजे रखने के बाद रोजेदारों को ईद का तोहफा मिला तो चेहरों की रौनक बढ़ गयी। सोमवार की सुबह हुई तो लोग ईद की नमाज के लिए घरों में ही जगह तय कर ली और स्नान के बाद नए-नए कपड़े पहन इत्र लगाया और नियत कर ईद की नमाज के लिए परिवार के लोगो के साथ जमा हुए। कई घरों में लोगों ने ईद की नमाज अदा करने के लिए मौलाना साहेब को बुलाया था। ईद की नमाज अदा के बाद मौलाना ने तकरीरें भी सुनाई और सबने कहा- ईद मुबारक।
नमाज के वक्त सड़कों पर लॉकडाउन की सख्ती नजर आई। कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर ईद का जश्न घरों में मनाने की अपील की गई थी। संक्रमण फैलने की आशंका के चलते ईदगाहों व मस्जिदों में जमात के साथ ईद की नमाज अदा करने को मना किया गया था। ईद की तैयारियां चांद रात से ही शुरू हो गई थी। किराना की दुकानों पर सेवईयां व अन्य सामान खरीदने के लिए रविवार को लोगों का तांता लगा रहा। रात को ही घरों की साफ-सफाई के साथ सजावट होने लगी। सुबह हुई तो लोग नमाज की तैयारियों में जुट गए। कुर्ता-पजामा पहन और सिर पर टोली लगाने के बाद नमाज अदा की। इस दौरान लोगों को ईदगाह न जाने का अफसोस भी रहा।


न गले मिले न एक-दूसरे घर जाकर सेवईया खायी
न गले मिले न एक-दूसरे घर जाकर सेवईया खायी और दूर दूर से ही मोबाईल में कॉल, मैसेज, वीडियो कॉल, वाट्सएप्प के जरिये दोस्तों और रिश्तेदारों को ईद की मुबारकबाद पेश की गयी। कोरोना के चलते पहली बार लोगों ने न तो ईद की नमाज के लिए ईदगाह और मस्जिद गये और न ही एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। ईद का मौका हो और गले न मिले तो ऐसी ईद का मलाल तो लोगों को हमेशा रहेगा। राजधानी के मुस्लिम बाहुल्य इलाका फुलवारी शरीफ में इसापुर, खानकाह, मिलकियाना महतवाता, चौराहा, खलीलपुरा शाही संगी मस्जिद, लाल मियां की दरगाह, नया टोला, कर्बला, सब्जपुरा, हारून नगर, अली नगर, चितकोहरा, राजा बाजार, समनपुरा सहित ग्रामीण इलाके में भी ईद की खुशियां इस बार फीकी रही और लोग घरों में कैद होकर ही ईद की मुबारक लम्हों को एक-दूसरे से साझा किये। बच्चो को इस बार ईद में न तो मेला घुमने या पार्क, रिश्तेदारों के घरों में ले जाया गया और न ही सिनेमा थियेटर में ईद का जश्न मना पाए। घरों में अपने बच्चों और बुजुर्गों के साथ ही ईद को खुशनुमा बनाने में परिवार जुटा रहा। वहीं एकाध इलाके में कुछेक युवा ईद पर एक दूसरे के मुहल्ले में जाकर दोस्तों को ईद की मुबारकबाद पेश करते देखे गये लेकिन इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। सार्वजानिक रूप से कही भी ईद पर पहले की तरह सड़कों, गलियों व मुहल्लों में गले मिलकर ईद मुबारकबाद पेश करते हुए नहीं देखा गया।
ईद की नमाज घरो में अदा करके नजीर पेश किया : मौलाना शिबली अल कासमी
इमारत शरिया के कार्यवाहक नाजिम मौलाना शिबली अल कासमी ने कहा कि इस बार ईद की नमाज और ईद का जश्न लोगों ने घरों में अदा करके एक नजीर पेश किया है, इसके लिए सभी लोगों को ईद की बहुत बहुत मुबारकबाद। उन्होंने कहा कि कोरोना किसी की जाति-धर्म और मजहब को देख कर नहीं होता। ऐसे वक्त में सरकार और देशवासियों की सुरक्षा सर्वोपरी है। रमजान के बाद ईद पर लोगों ने देशभक्ति और हर वर्ग के लोगों के स्वास्थ्य को सबसे ऊपर माना है।
पहली बार ईद की नमाज के वक्त सूना रहा खानकाह ए मुजिबिया
ईद की नमाज के लिए फुलवारी शरीफ के खानकाह ए मुजिबिया का परिसर पहले जहां नमाजियों की भीड़ से पटा रहता था, ऐसा पहली बार हुआ जब कोरोना के चलते ईद की नमाज के वक्त खानकाह ए मुजिबिया का परिसर सूना सूना सा रहा। खानकाह आने-जाने वाले रास्ते पर भी ईद की नमाज के वक्त सुरक्षा कर्मियों की मुस्तैदी रहती थी, वहीं इस बार ईद की नमाज खानकाह में अदा नहीं करने को लेकर सारे रास्ते सुने रहे। खानकाह ए मुजिबिया के प्रबंधक हजरत मौलाना मिनाहुजुद्दीन कादरी ने सभी लोगों को ईद पर लॉक डाउन का पालन करते हुए ईद की नमाज अदा करने के लिए मुबारकबाद पेश की है। मौलाना कादरी ने कहा कि हमने पहले जो गुजारिश की थी, उसके अनुसार लोगों ने ईद का जश्न घरों में ही मनाया है। यह पूरे समाज के लिए एक अच्छा संदेश गया है।

