चमकी बुखार की रोकथाम और इलाज के लिए बिहार सरकार ने कस ली है कमर
पटना। देश में कोरोना का कहर थमा भी नहीं कि बिहार सरकार पर चमकी बुखार से निपटने को लेकर प्रेशर बन गया है। चमकी बुखार को लेकर सरकार ने कसी कमर ली है। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि मुजफ्फरपुर समेत प्रदेश के 12 जिलों में चमकी बुखार की रोकथाम और इलाज के लिए सरकार हरसंभव कदम उठा रही है। इस बीमारी से निपटने के लिए 366 स्वास्थ्य केंद्रों में तैयारी की गई है। डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा चुका है और अस्पतालों को आवश्यक दवाएं भी मुहैया करा दी गई हैं।
मंत्री ने कहा कि चमकी बुखार पर नियंत्रण के लिए कुछ दिनों पूर्व राज्य के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक की थी। साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने भी इस मुद्दे पर बैठक की थी। जिसमें लिए गए निर्णयों को लागू किया जा रहा है। एसकेएमसीएच, मुजफ्फरपुर में 60 बेड का नया इंसेफ्लाइटिस वार्ड बनाकर एसकेएमसीएच प्रशासन को सौंप दिया गया है। इस अस्पताल में नए पीकू अस्पताल के निर्माण का काम भी पूरा किया जा चुका है। एक सप्ताह के अंदर इसे चालू कर दिया जाएगा।
मंत्री ने आगे बताया कि कुछ दिन पूर्व एईएस प्रभावित जिलों में 18 एंबुलेंस विशेष तौर पर भेजी गई थीं। इन जिलों मेंं अब 28 और एंबुलेंस शनिवार को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थियों में जिन मरीजों को अस्पताल आने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल सकेगी, उन्हें सरकार एंबुलेंस से आने पर उस पर हुए खर्च का भुगतान करेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग ने 12 जिलों के 366 स्वास्थ्य संस्थानों के लिए 747 एईएस किट विशेष तौर पर बनवाएं हैं उन्हें जिलों और प्रखंडों में भेजा जा रहा है। किट में 11 प्रकार के उपकरण हैं।


