December 5, 2025

प्रवासियों को वापस लाने को लेकर बिहार में राजनीति तेज, तेजस्वी ने मांगा सीएम से जवाब

पटना। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण बीते 37 दिन से बिहार के 28 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं। जिसमें मजदूर, छात्र शामिल हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को गाईडलाइन में संशोधन करते हुए प्रवासियों को अपने घर जाने की छूट तो दे दी है, लेकिन ये लोग अपने राज्य कैसे वापस लौटेंगे, इस पर संशय बना है। प्रवासी बिहारियों को वापस लाने को लेकर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इतनी बसें नहीं हैं कि पूरे देश से लोगों को वापस लाया जा सके। मोदी ने इसके लिए केंद्र सरकार से विशेष ट्रेन चलाने की मांग की।

वहीं, इस मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जवाब मांगा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में फंसे अपने राज्यवासियों को बसों द्वारा वापस बुला सकती है तो बिहार सरकार क्यों नहीं? डबल इंजन सरकार क्या गरीबों के लिए इतना भी नहीं कर सकती? मुख्यमंत्री स्वयं जवाब दें।

एक अन्य ट्विट में कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी, विपक्ष सरकार को 2000 बस दे रहा है। बसें ले लीजिए और हमारे गरीब बिहारी भाइयों को ले आइए। भले इसका श्रेय भी आप ले लीजिए। हमें कोई आपत्ति नहीं। लेकिन कृपया कर के तत्काल प्रभाव से कुछ किजीए। कितना सोचेंगे। ये सोचने का समय नहीं कर्तव्य करने का समय है।

इसके पहले तेजस्वी ने एक और ट्विट कर कहा कि विगत 15 सालों से सत्ता से चिपके असमर्थ-असहाय लोग कहते हैं कि बिहार सरकार के पास मात्र 500-600 बसें है। हम आपको गरीब मजदूरों की मदद के लिए उससे तीन गुणा अधिक बस सौंप रहे है। आप इन बसों का अपनी निगरानी में गृह मंत्रालय के दिशा-निदेर्शों का अनुपालन करते हुए प्रयोग किजीए।

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