लॉक डाउन में गरीबों की हालत खराब, कोई कर्जा-पईंचा तो कोई खा रहा नमक-भात

फुलवारी शरीफ। (अजित कुमार)लॉक डाउन का असर गांव में दिखने लगा है। भाकपा माले प्रखंड सचिव गुरुदेव दास ने शनिवार को फुलवारी प्रखंड के विभिन्न गांव का दौरा कर लोगों के हाल चाल की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि गांव में कई गरीब मजदूर परिवार ऐसे हैं, जिनके घरों में अनाज का कोई दाना नहीं है। रोजी रोटी पर आफत है। कोई कर्जा-पईंचा मांग के खा रहा है तो कोई नमक-भात पर गुजारा कर रहा है। कई ऐसे परिवार हैं जिनका राशन कार्ड नहीं है और न ही उनके पास कोई बैंक में खाता ही है। माले नेता ने कहा, सरकार ने घोषणा किया है कि बगैर राशन कार्ड वाले को भी मदद किया जायेगा, यह स्वागतयोग्य है लेकिन जिनके पास खाता नहीं है उसे कैसे मदद मिलेगी। माले के प्रखंड सचिव गुरुदेव दास ने कहा कि पलंगा में रजमहली देवी ने बताया कि हमारे पास राशन नहीं है, काम बंद होने के कारण हमारे पास खाने के लिए नहीं है। हमें पेंशन भी नहीं मिलता है और राशन कार्ड है लेकिन राशन नहीं मिला है। इनके पास बैंक में खाता नहीं है। वहीं रामजी माझी का कहना है कि हमारे पास राशन कार्ड नहीं है। दो किग्रा चावल गांव में से मांग कर लाएं हैं तो मार-भात बच्चे को खिलाया है। वहीं जब हम माधोपुर में गये तो झोपारु मांझी ने कहा कि हालत खराब है। एक किलो चावल पैचा मांगकर लाया हूं और नमक-भात हम अपने बच्चों को खिलाया। इसी गांव में जलेबी पासवान के घर गया तो बताया कि हमारे यहां खाना नहीं बना है, पड़ोसी के यहां से खाना मांग कर खाये हैं। इनका कहना है कि लेकिन दूसरे लोग कितना दिन देंगे। यही बात गोकुल पासवान ने कहा।

इसके बाद कुरकुरी में गये तो मांझी परिवार हमें पिला राशन कार्ड दिखाई और कहा कि यह कार्ड पर राशन नहीं मिलेगा तो ऐसे करीब 20 लोगों के पास कार्ड हैं। कुछ लोग कहे कि सरकार ने कहा है कि 3 महिना के गैस मुफ्त में दिया जाएगा लेकिन गैस लाने जाते हैं तो पैसा की मांग किया जाता है। अब लॉक डाउन में पैसा कहा से लायें। काम-धंधा-रोजगार सब बंद है। वहीं बैंक में इतना भीड़ हो जाता है कि हम पूरे दिन रहें और पैसा नहीं मिला, तब वापस आना पड़ा।
माले नेता ने कहा कि ऐसे दर्द भरी दास्तान अधिकांश गरीब परिवारों का है। गुरुदेव दास ने कहा है कि कोरोना वायरस में लगे लॉक डाउन में सरकार गरीब परिवारों को राशन के साथ पांच हजार रुपया दे। सही प्राधिकार के जरिये चिन्हित किया जाए ताकि गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल सके।