भारत में सिर्फ़ 11 दिनों में महिला हिंसा की 92000 शिकायतें दर्ज, हेल्पलाइन नंबर शुरू करने की मांग

पटना। माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य रामपरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि लॉक डाउन के दौरान सबसे अधिक महिलाएं और बच्चियां हिंसा की शिकार हो रही है। इसके लिए संयूक्त राष्ट्र ने भी चिंता व्यक्त की है। घरेलू हिंसा में विश्व स्तर पर बढोतरी हुई है, वही भारत में सिर्फ़ 11 दिनों में सरकारी हेल्प लाइन के अनुसार महिला हिंसा की 92000 शिकायतें दर्ज हो चुकी है। इसी बीच बिहार में कई घटनाएं सामने आई है, जहानाबाद में इलाज और एंबुलेंस के अभाव में एक बेबस मां अपने बच्चे को दम तोड़ते देखती रही, गया के अस्पताल में एक महिला मरीज के साथ बलात्कार की घटना, उसी प्रकार खगौल में एक बच्ची के साथ बलात्कार की घटना सामने आई। यह बहुत ही दु:खद और शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि राज्य महिला आयोग एवं महिला हेल्प लाईन के अनुसार बिहार में रोज करीब एक दर्जन घटना घरेलू हिंसा, यौन हिंसा, छेड़खानी का मामला फोन पर दर्ज होता है। वैसे में करोना वायरस से आम जनता की सुरक्षा के साथ-साथ महिला सुरक्षा की गारंटी सरकार को तुरंत करनी चाहिए। इसके अलावे सरकार ने पीएनपीडीटी (भूर्ण निर्धारण परीक्षण) एक्ट को जून तक के लिए ढीला करने का निर्णय लिया है, जो काफी चिंता का विषय है। इसका विरोध करते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय को पार्टी ने पत्र लिख कर इसे वापस लेने की मांग की है। पार्टी ने मांग किया कि महिला सुरक्षा के लिए तुरंत घरेलू हिंसा विरोधी हेल्पलाइन नंबर शुरू किया जाय और बढ़ते महिला हिंसा पर रोक लगाई जाए।
