फुटपाथ, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीब मजदूरों को खाद्य पदार्थ वितरण कराएं राज्य सरकार : जाप

पटना। कोरोना महामारी को लेकर 3 सप्ताह का लॉकडाउन बिहार सहित पूरे देश मे लागू है। लॉकडाउन का सीधा असर दियारी मजदूर झुग्गी-झोपड़ी वालों पर रहा है। जन अधिकार पार्टी (लो) युवा परिषद के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश तिवारी ने बयान जारी कर कहा है कि बिहार की राजधानी पटना में लॉकडाउन से झुग्गी झोपड़ी वाले, ठेला चालक, रिक्शा चालक और पंचर बनाने वाले मजदूरों की स्थिति दयनीय है। वह लोग भुखमरी का शिकार हो रहे हैं। उनके आंखों से आंसू लगातार निकल रहे हैं। राज्य सरकार उन्हें किसी प्रकार की कोई व्यवस्था मुहैया नहीं करा रही है, जो ठीक नहीं है। गरीब बेवस लोग मीडिया से अपनी बातों को रखने का काम कर रहा है लेकिन सरकार फिर भी सजग नहीं हो रही है।
रजनीश ने कहा कि सरकार एक ओर मुख्यमंत्री राहत कोष से श्रमिक प्रवासियों के लिए 100 करोड़ रुपया जारी किया है लेकिन सरकार द्वारा जारी किया गया नंबर लग नहीं रहा है उस नंबर का कोई रिस्पांस नहीं मिल पा रहा है। लोग फंसे के फंसे हैं और उन्हें किसी प्रकार की मदद अब तक नहीं पहुंच पाया है। बिहार तमाम जिले एवं राजधानी पटना में रोज मेहनत मजदूरी करने वाले मजदूर सड़क के किनारे स्थित झुग्गी-झोपड़ी वाले, पंचर बनाने वाले की स्थिति देख अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह लोग भूख के मारे किस कदर तड़प रहे हैं।
वहीं जन अधिकार पार्टी का सेवा दल एवं पप्पू ब्रिगेड भी ऐसे लोगों की सेवा में लगा हुआ है। लेकिन ऐसे लोगों की संख्या अत्याधिक है और उन्हें मरने के लिए छोड़ा नहीं जा सकता, सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। रजनीश ने कहा कि लॉकडाउन लागू होने के बाद बिहार पुलिस की बर्बरता भी नजर आ रही है। जरूरी कामों से जा रहे लोगों पर पुलिस लाठी भांज कर उन्हें गंभीर रूप से चोट पहुंचाने का काम कर रही है। ऐसे में पूरा पुलिस महकमा बदनाम हो रहा है। सरकार सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
