‘लॉक डाउन’ की बिहार समेत विभिन्न राज्यों में उड़ी धज्जियां, सीएम नीतीश को कहना पड़ा कड़ाई से कराएं पालन

CENTRAL DESK : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर रविवार को सुबह 7 से रात 9 बजे तक पूरे देश में जनता कर्फ्यू लागू किया गया, देशवासियों ने रविवार शाम 5 बजे थाली और ताली बजाकर अभिवादन भी किया, ऐसा लगा मानो देश इस वैश्विक महामारी से लड़ने के तैयार है, लेकिन शाम होते-होते कई हिस्सों में इसका असर कम हो गया। जिस संक्रमण से बचने के लिए जनता कर्फ्यू और राज्यों में लॉकडाउन लागू किया गया था, इसके बावजूद बेपरवाह होकर लोग सड़कों पर उतर आए। नतीजा यह हुआ कि इस लापरवाही से परेशान पीएम मोदी को सोमवार को फिर पूरे देश से अपील करना पड़ा कि लॉकडाउन को गंभीरता से लें। इसी लापरवाही और गंभीरता के चलते बिहार में 31 मार्च तक जारी लॉकडाउन की उड़ती धज्जियां को लेकर सीएम नीतीश को प्रशासन से इसे कड़ाई से पालन कराने के लिए सोमवार को कहना पड़ा। लॉकडाउन के पहले ही दिन पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, गया समेत कई शहरों में लॉकडाउन बेअसर दिखा। मछली, पान और कपड़े की दुकानें खुली दिखी। दूसरे राज्य से लौट रहे लोगों की भारी भीड़ पटना बस स्टैंड पर दिखाई दी। मीठापुर बस स्टैंड पर कई ऐसी भी बसें थीं, जहां सीट नहीं मिलने पर छतों पर बैठकर लोग अपनी मंजिलों तक गए। हालांकि प्रशासन ने दोपहर में यहां मोर्चा संभाला।
झारखंड: पुलिस को लाउडस्पीकर पर अपील करनी पड़ी
झारखंड में पुलिस बैरिकेडिंग कर लोगों को रोक रही थी। राजधानी रांची में भी लोग लॉक डाउन का पालन करते नहीं दिखे। बाजार आम दिनों की तरह खुले रहे। हरमू रोड पर तो लंबा जाम लग गया। रांची की सड़कों पर बढ़ती भीड़ को देख पुलिस को लाउडस्पीकर से लोगों को घर में रहने की अपील करनी पड़ी। रांची के हरमू रोड पर पुलिस ने बैरिकेडिंग कर वाहनों को रोका। लोगों से वापस घर जाने की अपील की जा रही है। लॉकडाउन के बाद भी बसें चल रही हैं। यात्रियों से भरी बस पलामू के मोहम्मदगंज पहुंची, जिनकी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई।
पंजाब में लगाना पड़ा कर्फ्यू
उधर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पूरे पंजाब में 31 मार्च तक कर्फ्यू लागू कर दिया। अमरिंदर ने कहा कि कर्फ्यू में किसी भी तरह की रियायत नहीं दी जाएगी। संक्रमण रोकने के लिए राज्य में धारा 144 लगाई गई थी, फिर लॉकडाउन कर दिया गया था, लेकिन इसका असर दिखाई नहीं दिया और नए केस सामने आते रहे। मजबूरन सरकार को कर्फ्यू लगाना पड़ा।
