कड़ाके की ठंड में पटना की सड़कों पर निकले नीतीश, जदयू नेताओं से की मुलाकात, संगठन विस्तार पर हुई चर्चा
पटना। राजधानी पटना में घने कोहरे और कड़ाके की ठंड के बीच भी बिहार की राजनीति में सोमवार की सुबह खासा हलचल भरी रही। दिल्ली दौरे से लौटने के अगले ही दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरी तरह एक्शन मोड में नजर आए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे उन्होंने अपने आवास से निकलकर पटना की सड़कों का रुख किया और एक के बाद एक वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात कर सियासी और प्रशासनिक संकेत स्पष्ट कर दिए। सत्ता के गलियारों में इस सक्रियता को महज औपचारिक भेंट नहीं, बल्कि दिल्ली में हुई अहम बैठकों के बाद का रणनीतिक मंथन माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अलग-अलग बंद कमरे में मुलाकात हुई थी। इन बैठकों को लेकर पहले से ही राजनीतिक चर्चाओं का बाजार गर्म था। ऐसे में दिल्ली से लौटते ही अगले दिन सुबह-सुबह मुख्यमंत्री का सड़क पर उतरना और सीधे मंत्रियों के आवास पर पहुंचना कई संदेश देता नजर आया। घने कोहरे के कारण राजधानी की सड़कों पर दृश्यता काफी कम थी। ठंडी हवा और गिरते तापमान ने आम लोगों की दिनचर्या को प्रभावित किया, लेकिन मुख्यमंत्री की सक्रियता पर इसका कोई असर नहीं दिखा। नीतीश कुमार सबसे पहले अपने वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी के आवास पहुंचे, जहां दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक चौधरी के आवास गए और उनसे भी मुलाकात कर राय-मशविरा किया। इसके अलावा उन्होंने अपने प्रधान सचिव दीपक कुमार से भी मुलाकात कर प्रशासनिक और राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। इन मुलाकातों को लेकर सियासी हलकों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ हुई बातचीत के प्रमुख बिंदुओं पर ही मुख्यमंत्री ने अपने भरोसेमंद सहयोगियों से चर्चा की है। सूत्रों का कहना है कि यह बैठकें केवल शिष्टाचार तक सीमित नहीं थीं, बल्कि आने वाले दिनों में संगठन विस्तार, सरकार के भीतर संभावित बदलाव और प्रशासनिक फैसलों को लेकर गंभीर विचार-विमर्श हुआ है। मुख्यमंत्री का इस तरह सुबह-सुबह मंत्रियों के घर पहुंचना अपने आप में असामान्य माना जा रहा है। आम तौर पर ऐसी बैठकों के लिए सचिवालय या आधिकारिक आवास को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन सड़क पर निकलकर व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करना यह संकेत देता है कि कुछ अहम फैसलों पर तेजी से काम चल रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह पहल जदयू संगठन को मजबूत करने और आने वाले राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से बेहद अहम हो सकती है। राजधानी पटना में सोमवार की सुबह कोहरा इतना घना था कि वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। इसके बावजूद मुख्यमंत्री का सड़क पर उतरना उनके कामकाजी अंदाज और सक्रिय नेतृत्व को दर्शाता है। सत्ता से जुड़े सूत्रों की मानें तो दिल्ली की बैठकों के बाद बिहार की राजनीति में जल्द ही कुछ बड़े फैसले या बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ठंड और कोहरे के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह सक्रियता राजधानी की सियासत में नई हलचल पैदा करने के लिए काफी मानी जा रही है। आने वाले दिनों में सरकार और संगठन से जुड़े फैसलों पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।


