December 23, 2025

बिहार में जनवरी से वाटर मेट्रो शुरू होने के आसार, पर्यटकों को मिलेगी सुविधा, अंतिम चरण में तैयारी

पटना। बिहार में गंगा नदी पर वाटर मेट्रो शुरू करने की योजना लंबे समय से चर्चा में रही है। दशहरा के अवसर पर इसे शुरू करने की तैयारी थी, ताकि त्योहारों के मौसम में पर्यटकों को नई सुविधा मिल सके। हालांकि तकनीकी, प्रशासनिक और प्रक्रियात्मक कारणों से उस समय यह योजना साकार नहीं हो सकी। इसके बाद क्रिसमस, प्रकाश पर्व जैसे कई अवसर गुजर गए और अब वर्ष 2025 भी अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इन सबके बीच अब यह उम्मीद जगी है कि नए साल 2026 के जनवरी महीने से गंगा में वाटर मेट्रो सेवा शुरू हो सकती है।
गंगा में पहुंचा इलेक्ट्रॉनिक जहाज
वाटर मेट्रो योजना को धरातल पर उतारने के लिए कोलकाता के हावड़ा में हुगली नदी के तट पर हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा एक आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक जहाज तैयार किया गया है। करीब 12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस जहाज का नाम एमवी-गोमधरकुंवर रखा गया है। यह जहाज अब पटना के गायघाट स्थित बंदरगाह के समीप गंगा नदी में पहुंच चुका है। जहाज के पहुंचते ही वाटर मेट्रो को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं और संबंधित विभाग अंतिम चरण की औपचारिकताओं में जुटे हुए हैं।
तकनीकी जांच और ट्रायल पूरा
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के पटना निदेशक अरविंद कुमार के अनुसार, वाटर मेट्रो के लिए आए इस जहाज की तकनीकी जांच पूरी कर ली गई है। गंगा नदी में इसका ट्रायल भी सफलतापूर्वक किया गया है। ट्रायल के दौरान जहाज की गति, संतुलन, बैट्री क्षमता और सुरक्षा मानकों की जांच की गई, जो संतोषजनक पाई गई। इससे यह साफ हो गया है कि तकनीकी रूप से जहाज संचालन के लिए तैयार है।
रजिस्ट्रेशन और प्रमाण पत्र की प्रक्रिया
हालांकि जहाज के संचालन में अब भी कुछ औपचारिकताएं शेष हैं। वाटर मेट्रो को नियमित रूप से चलाने के लिए जहाज का रजिस्ट्रेशन और सर्वे प्रमाण पत्र जरूरी है, जो पश्चिम बंगाल सरकार से प्राप्त किया जाना है। इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग द्वारा जहाज का सर्वे किया जा चुका है और उसकी रिपोर्ट भी मिल चुकी है। अब केवल प्रमाण पत्र जारी होने का इंतजार है। अधिकारियों का मानना है कि यह प्रक्रिया पूरी होते ही वाटर मेट्रो के संचालन का रास्ता साफ हो जाएगा।
रूट और चार्जिंग व्यवस्था
वाटर मेट्रो सेवा दीघा घाट से कंगन घाट के बीच शुरू करने की योजना है। इस रूट पर पर्यटकों को गंगा की सुंदरता को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा। दीघा घाट से रवाना होने के बाद जहाज एनआईटी घाट पर पहली बार चार्ज होगा। इसके बाद यह कंगन घाट तक जाएगा और लौटते समय फिर से एनआईटी घाट पर चार्जिंग के बाद दीघा घाट पहुंचेगा। इस पूरे मार्ग पर तैरते सामुदायिक जेटी पर चार्जिंग प्वाइंट स्थापित किए जा रहे हैं।
बिहार सरकार की भूमिका
वाटर मेट्रो के संचालन के लिए आवश्यक चार्जिंग प्वाइंट लगाने की जिम्मेदारी बिहार सरकार की है। दीघा घाट और एनआईटी घाट पर चार्जिंग व्यवस्था की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा पर्यटन विभाग कंगन घाट पर भी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। फिलहाल यह काम टेंडर प्रक्रिया में है। अधिकारियों का कहना है कि समय रहते यह व्यवस्था भी पूरी कर ली जाएगी।
बैट्री और संचालन क्षमता
इलेक्ट्रॉनिक वाटर मेट्रो जहाज की बैट्री तकनीक इसे खास बनाती है। जहाज की बैट्री महज आधे घंटे में चार्ज हो जाती है और एक बार चार्ज होने पर यह लगभग डेढ़ घंटे तक लगातार चल सकता है। इससे ईंधन की बचत के साथ-साथ पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा। गंगा जैसी पवित्र नदी में प्रदूषण रहित परिवहन की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं
वाटर मेट्रो जहाज को यात्रियों की सुविधा और आराम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। इसमें वातानुकूलन की सुविधा उपलब्ध है, जिससे गर्मी और उमस के मौसम में भी सफर आरामदायक रहेगा। जहाज में बैठने के लिए 50 सीटें हैं, जबकि लगभग 25 यात्रियों के खड़े होने की भी व्यवस्था की गई है। सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा गया है, ताकि यात्रियों को निश्चिंत यात्रा का अनुभव मिल सके।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
गंगा में वाटर मेट्रो शुरू होने से बिहार के पर्यटन को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। पटना आने वाले पर्यटकों को अब सड़क मार्ग के साथ-साथ नदी के रास्ते घूमने का विकल्प भी मिलेगा। इससे न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। प्रशासन का मानना है कि यह सेवा गंगा किनारे बसे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों को जोड़ने में भी सहायक होगी।
जनवरी से शुरुआत की उम्मीद
लंबे इंतजार और कई चरणों की तैयारियों के बाद अब वाटर मेट्रो के शुरू होने की उम्मीद मजबूत हो गई है। यदि सभी औपचारिकताएं समय पर पूरी हो जाती हैं, तो जनवरी 2026 से गंगा में वाटर मेट्रो सेवा शुरू हो सकती है। इससे बिहार के पर्यटन नक्शे पर एक नई और आधुनिक पहचान जुड़ने की संभावना है।

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