बिहार में आयुष्मान कार्ड से मिलने वाली इलाज की राशि बढ़ी, लोगों को बड़ी राहत, नई दरें हुई लागू
पटना। बिहार में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर एक महत्वपूर्ण और राहत देने वाली खबर सामने आई है। आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज कराने वाले लाभार्थियों के लिए सरकार ने कई अहम पैकेजों की दरों में बढ़ोतरी कर दी है। इस फैसले से खासतौर पर गरीब, मजदूर और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा, जिनके लिए गंभीर बीमारी के समय इलाज का खर्च सबसे बड़ी चिंता बन जाता है। नई दरें लागू होने के बाद अब मरीजों को बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद बढ़ गई है और अस्पतालों के सामने भी भुगतान को लेकर आने वाली दिक्कतें कम होंगी।
इलाज के खर्च में बढ़ोतरी का फैसला क्यों जरूरी था
पिछले कुछ वर्षों में निजी और सरकारी अस्पतालों में इलाज का खर्च तेजी से बढ़ा है। दवाइयों, ऑपरेशन, जांच और अस्पताल में भर्ती रहने की लागत पहले की तुलना में कहीं ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में आयुष्मान कार्ड के तहत मिलने वाली राशि कई मामलों में अपर्याप्त साबित हो रही थी। मरीजों को या तो अतिरिक्त पैसे खर्च करने पड़ते थे या फिर अस्पताल इलाज से हाथ खड़े कर देते थे। इन समस्याओं को देखते हुए बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति ने इलाज की दरों की समीक्षा की और उन्हें व्यावहारिक बनाने का निर्णय लिया।
गॉल ब्लाडर ऑपरेशन की राशि में बड़ा इजाफा
नई दरों के तहत गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन पर मिलने वाली राशि में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। पहले इस ऑपरेशन के लिए आयुष्मान योजना के तहत 22 हजार 800 रुपये का भुगतान होता था। अब यह राशि बढ़ाकर 32 हजार रुपये कर दी गई है। इस बढ़ोतरी से उन मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी, जिन्हें पित्त की थैली से जुड़ी गंभीर समस्या होती है और ऑपरेशन कराना अनिवार्य हो जाता है। अस्पतालों को भी अब ऑपरेशन के वास्तविक खर्च के अनुसार भुगतान मिलने की संभावना बढ़ेगी।
किडनी स्टोन के इलाज में भी बढ़ी सहायता
किडनी में पथरी का इलाज आमतौर पर महंगा माना जाता है, खासकर जब सर्जरी या आधुनिक तकनीक से इलाज करना पड़े। पहले इस इलाज के लिए सरकार 35 हजार रुपये का भुगतान करती थी, जो कई बार पर्याप्त नहीं होता था। अब नई व्यवस्था के तहत यह राशि बढ़ाकर 46 हजार रुपये कर दी गई है। इससे मरीजों को बेहतर तकनीक और सुविधाओं के साथ इलाज मिलने में मदद मिलेगी और इलाज के बीच पैसे की कमी बाधा नहीं बनेगी।
अन्य सर्जरी पैकेजों में भी संशोधन
बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के अनुसार सिर्फ गॉल ब्लाडर और किडनी स्टोन ही नहीं, बल्कि अधिकांश सर्जरी से जुड़े पैकेजों में औसतन 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अस्पतालों को इलाज की वास्तविक लागत के अनुरूप भुगतान मिले और वे आयुष्मान योजना के मरीजों का इलाज करने से पीछे न हटें। कई निजी अस्पताल पहले कम दरों की वजह से इस योजना से दूरी बना रहे थे, लेकिन अब उम्मीद की जा रही है कि उनकी भागीदारी बढ़ेगी।
मोतियाबिंद ऑपरेशन को लेकर अभी भी असंतोष
हालांकि सरकार के इस फैसले से ज्यादातर मरीजों को राहत मिली है, लेकिन मोतियाबिंद ऑपरेशन की दरों में फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसे लेकर मरीजों और कुछ अस्पतालों की ओर से पहले भी शिकायतें सामने आती रही हैं। खासतौर पर बुजुर्ग मरीजों का कहना है कि कम भुगतान के कारण कई जगहों पर इलाज में परेशानी होती है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में सरकार इस पर भी पुनर्विचार कर सकती है।
सरकार और स्वास्थ्य समिति की मंशा
इस पूरे फैसले को लेकर बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा ने स्पष्ट किया है कि मरीजों की सुविधा और इलाज की गुणवत्ता सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि नई दरें केंद्र सरकार की सहमति के बाद लागू की गई हैं, ताकि आयुष्मान भारत योजना के उद्देश्यों को सही मायनों में पूरा किया जा सके। उनका कहना है कि योजना का लाभ तभी सार्थक होगा, जब मरीजों को बिना आर्थिक चिंता के इलाज मिल सके।
गरीब और जरूरतमंदों के लिए बड़ा सहारा
बिहार जैसे राज्य में, जहां बड़ी आबादी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आती है, आयुष्मान कार्ड कई परिवारों के लिए जीवन रेखा साबित हो रहा है। इलाज की बढ़ी हुई राशि से अब इन परिवारों को गंभीर बीमारी के समय कर्ज लेने या संपत्ति बेचने की मजबूरी कम होगी। इससे न सिर्फ मरीजों की सेहत बेहतर होगी, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी मजबूत होगी।
आयुष्मान योजना का बढ़ता महत्व
इलाज की दरों में बढ़ोतरी का यह फैसला आयुष्मान भारत योजना को और प्रभावी बनाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यह योजना अब सिर्फ एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए भरोसेमंद इलाज का जरिया बनती जा रही है। आने वाले दिनों में अगर अन्य पैकेजों की भी समीक्षा की जाती है, तो यह योजना बिहार के स्वास्थ्य तंत्र में और मजबूत भूमिका निभा सकती है।


