16 से 31 दिसंबर तक प्रदेश में 27171 शिक्षकों को मिलेगी नई पोस्टिंग, ट्रांसफर की अधिसूचना जारी
पटना। बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग ने अंतर-जिला स्थानांतरण के तहत 27,171 शिक्षकों को नए प्रखंड आवंटित कर दिए हैं। इसके साथ ही स्थानांतरण की पूरी समय-सारिणी भी जारी कर दी गई है। विभाग के अनुसार, इन शिक्षकों की नई पोस्टिंग 16 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इस निर्णय को शिक्षकों की सुविधा, कार्यस्थल संतुलन और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
पूरी तरह डिजिटल रही स्थानांतरण प्रक्रिया
इस बार अंतर-जिला स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल माध्यम से संपन्न किया गया है। शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल के जरिए आवेदन, विकल्प चयन और प्रखंड आवंटन की व्यवस्था की। 24 नवंबर से 5 दिसंबर तक शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए, जिसमें प्रत्येक शिक्षक को पांच प्रखंडों का विकल्प चुनने का अवसर दिया गया। विभाग का कहना है कि डिजिटल प्रक्रिया अपनाने से पारदर्शिता बनी रही और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या पक्षपात की संभावना समाप्त हो गई।
प्रखंड आवंटन की समयबद्ध प्रक्रिया
शिक्षकों के प्रखंड आवंटन की प्रक्रिया 10 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच पूरी की गई। इस दौरान ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपलब्ध डेटा के आधार पर सभी शिक्षकों को उनके द्वारा चुने गए पांच विकल्पों में से किसी एक प्रखंड में स्थानांतरित किया गया। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस प्रक्रिया में शिक्षकों की वरिष्ठता, सेवा अवधि और विशेष परिस्थितियों का ध्यान रखा गया, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो।
कितने और किस स्तर के शिक्षक हुए शामिल
इस अंतर-जिला स्थानांतरण में कुल 27,171 शिक्षक शामिल हैं। इनमें प्रारंभिक विद्यालयों से लेकर माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक के शिक्षक शामिल किए गए हैं। लंबे समय से कई शिक्षक अपने गृह जिले या सुविधाजनक स्थान पर पोस्टिंग की मांग कर रहे थे। ऐसे में यह स्थानांतरण अभियान शिक्षकों की वर्षों पुरानी अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
शिक्षकों की प्राथमिकताओं को दी गई अहमियत
शिक्षा विभाग ने इस प्रक्रिया में शिक्षकों की प्राथमिकताओं को विशेष महत्व दिया। प्रत्येक शिक्षक से पांच प्रखंडों का विकल्प इसलिए मांगा गया, ताकि उन्हें अपनी सुविधा और परिस्थितियों के अनुसार स्थान चुनने का अवसर मिल सके। विभाग का दावा है कि अधिकांश शिक्षकों को उन्हीं प्रखंडों में आवंटन मिला है, जिन्हें उन्होंने प्राथमिकता के रूप में चुना था। इससे शिक्षकों में संतोष और विश्वास बढ़ने की उम्मीद है।
16 से 31 दिसंबर तक होगी नई पोस्टिंग
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि आवंटित प्रखंडों में शिक्षकों का स्थानांतरण 16 दिसंबर से शुरू होगा और 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। सभी शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे निर्धारित समय सीमा के भीतर अपने नए प्रखंडों में योगदान दें। विभाग ने यह भी कहा है कि समय पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने वाले शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जा सकती है।
शिक्षा व्यवस्था को संतुलित करने की कोशिश
अंतर-जिला स्थानांतरण का एक प्रमुख उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की संख्या का संतुलन बनाना भी है। कई जिलों और प्रखंडों में शिक्षकों की कमी लंबे समय से महसूस की जा रही थी, जबकि कुछ स्थानों पर अपेक्षाकृत अधिक शिक्षक पदस्थापित थे। इस स्थानांतरण से यह असंतुलन दूर होने की उम्मीद है, जिससे छात्रों को बेहतर और नियमित शिक्षण मिल सकेगा।
छात्रों और स्कूलों को भी होगा लाभ
शिक्षा विभाग का मानना है कि इस स्थानांतरण प्रक्रिया का सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा। जब शिक्षकों की उपलब्धता संतुलित होगी, तो स्कूलों में पढ़ाई बाधित नहीं होगी। साथ ही, शिक्षकों के मनोबल में वृद्धि होने से शिक्षण की गुणवत्ता में भी सुधार आने की संभावना है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सरकारी स्कूलों की छवि और शैक्षणिक वातावरण को मजबूत करने में सहायक होगा।
तकनीकी या व्यक्तिगत समस्याओं के लिए समाधान
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी शिक्षक को आवंटन से संबंधित कोई तकनीकी या व्यक्तिगत समस्या आती है, तो उसके समाधान के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी। शिक्षक ई-शिक्षाकोष पोर्टल या संबंधित कार्यालय के माध्यम से अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं। स्थानांतरण के बाद सभी शिक्षकों को आवश्यक रिपोर्टिंग प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
नियमित निगरानी और आगे की योजना
शिक्षा विभाग इस पूरी प्रक्रिया की लगातार निगरानी कर रहा है। विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी शिक्षक समय पर अपने नए कार्यस्थलों पर योगदान दें और स्कूलों में शिक्षण कार्य सुचारु रूप से चलता रहे। भविष्य में भी इसी तरह की पारदर्शी और डिजिटल प्रक्रिया अपनाकर शिक्षकों से जुड़े अन्य प्रशासनिक निर्णय लेने की योजना पर काम किया जा रहा है।
शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
27,171 शिक्षकों के अंतर-जिला स्थानांतरण को बिहार की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण और सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल शिक्षकों के कार्यस्थल से जुड़ी समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि स्कूलों में शिक्षण गुणवत्ता और छात्रों के लिए अनुकूल माहौल भी तैयार होगा। शिक्षा विभाग की यह पहल राज्य के सरकारी स्कूलों में दीर्घकालिक सुधार की दिशा में एक मजबूत आधार प्रदान करती है।


