December 5, 2025

सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर होगा एक्शन: ईओयू ने कई आरोपियों को किया चिन्हित, भ्रामक पोस्ट पर भी नजर

पटना। पटना में आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू ने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों, भ्रामक सूचनाओं और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाली पोस्टों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। हाल के वर्षों में सोशल मीडिया का दुरुपयोग तेजी से बढ़ा है और कई लोग इसका इस्तेमाल गलत जानकारी फैलाने या तनाव पैदा करने के लिए कर रहे हैं। इसी बढ़ती चुनौती को देखते हुए ईओयू ने ऐसे मामलों पर सख्त रुख अपनाया है।
आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी की तैयारी
ईओयू की जांच में ऐसे लगभग दो दर्जन लोगों की पहचान की गई है, जो लगातार सोशल मीडिया का दुरुपयोग करते हुए भड़काऊ और गलत पोस्ट साझा कर रहे थे। इन आरोपियों की गिरफ्तारी की तैयारी अंतिम चरण में है। ईओयू ने संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि आरोपियों की पहचान की पुष्टि की जाए और जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जाए। यह कदम यह दर्शाता है कि प्रशासन अब इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई बरतने के पक्ष में नहीं है।
शिकायतों में बढ़ोतरी और चिंताजनक आंकड़े
पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट बताती है कि इस साल 1 अप्रैल से 11 नवंबर के बीच सोशल मीडिया सेल के पास कुल 584 शिकायतें दर्ज की गईं। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जिससे पता चलता है कि अफवाह फैलाने और भड़काने वाले पोस्टों की संख्या चिंताजनक रूप से बढ़ी है। शिकायतों में अधिकतर मामले ऐसे थे जिनसे समाज में तनाव बढ़ सकता था या चुनावी वातावरण प्रभावित हो सकता था।
चुनावी माहौल में सबसे ज्यादा मामले
ईओयू के अनुसार, सबसे अधिक शिकायतें बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दर्ज की गईं। आदर्श आचार संहिता लागू होने से लेकर चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक कुल 225 शिकायतें सामने आईं। ये मामले अधिकतर मतदाताओं को गुमराह करने, राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ गलत प्रचार करने और सामाजिक तनाव बढ़ाने से जुड़े थे। चुनाव जैसा संवेदनशील समय भ्रामक सूचनाओं के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, इसलिए इन शिकायतों की संख्या अधिक रहना स्वाभाविक है, लेकिन यह प्रशासन के लिए चुनौती भी है।
दर्ज हुई एफआईआर और हटाए गए पोस्ट
ईओयू की पड़ताल में कई शिकायतें गंभीर पाई गईं। इस आधार पर आईटी एक्ट सहित अन्य संबंधित धाराओं में कुल 77 एफआईआर दर्ज की गईं, जो यह दिखाती हैं कि विभाग इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रहा है। इसके अलावा, 93 सोशल मीडिया पोस्ट विभिन्न प्लेटफार्मों से हटवाए गए, क्योंकि उनमें गलत, भ्रामक या तनाव बढ़ाने वाली सामग्री थी।
सोशल मीडिया आईडी पर नोटिस
ईओयू ने 126 सोशल मीडिया आईडी को नोटिस भेजा है। इन आईडी से ऐसी पोस्ट किए जाने की आशंका थी, जो समाज में तनाव या विवाद बढ़ा सकती थीं। नोटिस भेजकर विभाग ने ये स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी प्रकार की उकसाने वाली, आपत्तिजनक या गलत सूचना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
किन प्रकार की पोस्टें थीं निशाने पर
अधिकांश मामलों में धार्मिक संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने वाली पोस्टें, समुदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी और ऐसी सामग्री शामिल थी जो सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकती थी। इन पोस्टों में गलत सूचनाओं को तथ्यों के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिससे आम लोगों में भ्रम फैलता है और आपसी तनाव पैदा होता है। इसी कारण ईओयू ने इन मामलों को अत्यंत गंभीर मानते हुए तेजी से अनुसंधान का निर्देश दिया है।
प्रशासन का सख्त संदेश
ईओयू की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि राज्य सरकार सोशल मीडिया पर फैल रहे दुष्प्रचार को रोकने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। सोशल मीडिया अब सूचना का प्रमुख माध्यम बन चुका है, लेकिन इसके दुरुपयोग ने सुरक्षा और सामाजिक समरसता जैसे मामलों को भी प्रभावित करना शुरू कर दिया है। ऐसे में प्रशासन का सख्त रुख समय की मांग है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की प्रवृत्ति समाज के लिए हानिकारक है और ईओयू की हालिया कार्रवाई इसी खतरे को रोकने का प्रयास है। बड़ी संख्या में शिकायतें दर्ज होना, दर्जनों एफआईआर होना और कई पोस्टों का हटाया जाना इस बात का संकेत है कि सोशल मीडिया अपराध नियंत्रण का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि आने वाले समय में इन कार्रवाइयों का कितना प्रभाव पड़ता है और समाज में जिम्मेदार सोशल मीडिया उपयोग को कितना बढ़ावा मिलता है।

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