प्रदेश में कड़ाके की ठंड: पहली बार 6.5 डिग्री पहुंच तापमान, कैमूर सबसे ठंडा, पटना में भी बदलाव
पटना। दिसंबर की शुरुआत के साथ ही बिहार में ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सुबह और शाम के समय ठिठुरन तेजी से बढ़ रही है। राज्य के कई हिस्सों में घने कोहरे की परत छाने लगी है, जिससे विजिबिलिटी कम हो रही है और जनजीवन प्रभावित होने लगा है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में ठंड का प्रकोप और बढ़ेगा तथा तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएगी।
कई जिलों में घना कोहरा और तापमान में गिरावट
गुरुवार को पटना, बेगूसराय, किशनगंज, बेतिया, बगहा, गोपालगंज सहित 10 से अधिक जिलों में घना कोहरा छाया रहा। सुबह-सुबह सड़क पर चलने वाले लोगों को विजिबिलिटी की कमी के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ा। उत्तर बिहार के जिलों में कोहरा कुछ ज्यादा ही गहरा रहा, जहां सुबह के समय दृश्यता कुछ मीटर तक सीमित रह गई। भागलपुर इस बार सबसे ठंडा जिला रहा। पिछले 24 घंटों में यहां न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पूरे राज्य में सबसे कम था। सबौर का तापमान भी 8.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है, जिससे यहां ठंड का प्रभाव काफी अधिक महसूस किया जा रहा है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान—ठंड अभी और बढ़ेगी
मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि दिसंबर के दूसरे और तीसरे सप्ताह में ठंड अपने चरम पर हो सकती है। पहले सप्ताह में न्यूनतम तापमान में 1 से 3 डिग्री तक गिरावट की संभावना जताई गई है। वहीं दूसरे सप्ताह में कई जिलों में तापमान 9 डिग्री सेल्सियस से नीचे जा सकता है। तीसरे सप्ताह तक तापमान 7 डिग्री या उससे कम तक पहुंचने की आशंका है। अंतिम सप्ताह में प्रदेश के कई हिस्सों में शीतलहर चल सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पछुआ हवा के प्रभाव से राज्य में ठंड बढ़ रही है। यह हवा रात के तापमान को और नीचे ले आती है, जिससे सुबह के समय ठिठुरन अधिक महसूस होती है। 20 दिसंबर के बाद मौसम की स्थिति में कुछ बदलाव संभव है, लेकिन तब तक तेज ठंड जारी रहेगी।
राजधानी पटना में भी बढ़ रही है ठंड
राजधानी पटना में ठंड का असर अब स्पष्ट दिखने लगा है। पिछले दिनों से न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है और सुबह के समय कोहरे की घनी परत शहर पर छाई रहती है। आने वाले दिनों में पटना का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे जाने का अनुमान है। शहर के कई हिस्सों में सुबह-सुबह ठंडी हवा चलने के कारण लोगों ने गर्म कपड़ों का इस्तेमाल बढ़ा दिया है।
अन्य जिलों में भी महसूस हो रही तेज सर्दी
औरंगाबाद में भी सर्दी का असर तेज हो चुका है। यहां न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो इस मौसम के हिसाब से काफी कम है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सुबह और शाम के समय घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है। सहरसा में आज अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है। हालांकि दिन में धूप निकल रही है, लेकिन सुबह की ठंडक और शाम को अचानक गिरते तापमान से लोग ठिठुरन महसूस कर रहे हैं। हवा की गति लगभग 6 किलोमीटर प्रति घंटा रहने का अनुमान है, जिससे ठंड और ज्यादा महसूस हो सकती है।
यातायात और जनजीवन पर कोहरे का प्रभाव
कोहरे के कारण सड़क मार्ग पर यातायात प्रभावित होने लगा है। कई बस और ट्रेन सेवाओं में देरी की खबरें आने लगी हैं। सुबह के समय गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो गई है और लोग सावधानी से निकल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तापमान में गिरावट के कारण खेतों में काम करने वाले किसानों को सुबह देर तक इंतजार करना पड़ रहा है।
स्वास्थ्य पर बढ़ रहा प्रभाव
तेज ठंड और कोहरे के कारण बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा से पीड़ित लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। डॉक्टर सलाह दे रहे हैं कि सुबह और देर शाम बाहर निकलने से बचें और गर्म कपड़े जरूर पहनें। इस मौसम में सर्दी, खांसी और फ्लू के मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। दिसंबर की शुरुआत ने बिहार में सर्दी की तेज दस्तक दे दी है। तापमान में गिरावट और कोहरे के बढ़ते असर को देखते हुए आने वाले दिन और भी ठंडे हो सकते हैं। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार राज्य को कड़ाके की सर्दी, घने कोहरे और संभावित शीतलहर के लिए तैयार रहना होगा। जनता से अपील की जा रही है कि सावधानी बरतें और विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें, क्योंकि ठंड अभी और तेज होने वाली है।


