दानापुर नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने किया विरोध प्रदर्शन, कार्यालय में लगाया ताला, जमकर की नारेबाजी
पटना। दानापुर नगर परिषद क्षेत्र में सोमवार की सुबह एक बार फिर सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। वजह थी दैनिक सफाई कर्मियों का अचानक किया गया जोरदार विरोध प्रदर्शन। सात प्रमुख मांगों को लेकर सफाई कर्मियों ने नगर परिषद कार्यालय के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया, आगजनी की और जमकर नारेबाजी की। इससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और नियमित कामकाज बाधित हो गया।
एजेंसी के खिलाफ गुस्सा और आई-कार्ड न मिलने का आरोप
प्रदर्शनकारी सफाई कर्मियों का मुख्य आरोप नगर परिषद की नियुक्त सफाई एजेंसी ‘एडम’ पर है। उनका कहना है कि लंबे समय से काम करने के बावजूद एजेंसी ने उन्हें अब तक पहचान पत्र यानी आई-कार्ड उपलब्ध नहीं कराया। कर्मचारियों का कहना है कि बिना पहचान पत्र के वे असुरक्षित रहते हैं और कई बार बाहरी लोग भी सफाई कर्मी बनकर काम करने लगते हैं, जिससे कई तरह की समस्याएँ पैदा होती हैं। सफाई कर्मियों ने यह भी बताया कि एजेंसी मनमानी करते हुए किसी भी कर्मचारी को बिना कारण बताए हटा देती है और विरोध करने पर धमकी भी दी जाती है।
सात प्रमुख मांगें और लंबे समय से जारी नाराजगी
कर्मचारियों ने अपनी सात प्रमुख मांगों को लेकर पहले भी कई बार आवाज उठाई है। इनमें मुख्य रूप से पटना नगर निगम की तर्ज पर पीएफ की सुविधा, मानदेय वेतन, नियमितीकरण, समय पर भुगतान, सुरक्षा उपकरण, कार्यस्थल पर बेहतर सुविधाएँ और नौकरी से मनमाने तरीके से हटाने पर रोक शामिल है। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा नया नहीं है। कई महीनों से वे ये मांगे उठा रहे हैं, लेकिन ठोस समाधान सामने नहीं आया। 25 नवंबर को भी परिषद के प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी विग्नेश टी.ए. को इस संबंध में लिखित आवेदन दिया गया था, लेकिन जब उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो कर्मचारियों ने आंदोलन की राह पकड़ ली।
अधिकारी भी लौटे वापस, कामकाज पूरी तरह ठप
प्रदर्शन के दौरान नगर परिषद की स्वच्छता अधिकारी अपर्णा और प्रभारी प्रधान लिपिक कार्यालय पहुंचे, लेकिन गेट पर लगे ताले और कर्मचारियों के आक्रोश को देखकर वे लौट गए। इससे साफ संकेत मिला कि कर्मचारी इस बार अपनी मांगों पर अडिग हैं और समाधान के बिना पीछे हटने को तैयार नहीं। इसके कारण नगर परिषद का पूरा कामकाज बाधित हो गया। फाइलें लंबित रहीं और प्रशासनिक गतिविधियां रुक गईं।
हड़ताल का असर—शहर में फैला कूड़ा, लोगों को हुई परेशानी
सफाई कर्मियों के कार्य बहिष्कार का सीधा असर शहर पर देखने को मिला। कई वार्डों में कूड़ा-कचरा जमा होने लगा। सड़कें बदबूदार हो गईं और पैदल चलना भी मुश्किल हो गया। स्थानीय लोग सुबह से ही समस्या की शिकायत करते नजर आए। नगर परिषद के नियमित कचरा उठाव कार्य रुक जाने से एक दिन में ही स्थिति बिगड़ने लगी। यह साफ दिखाई दिया कि सफाई व्यवस्था में दैनिक कर्मियों की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है और उनके बिना शहर की सामान्य दिनचर्या प्रभावित हो जाती है।
कर्मचारियों की चेतावनी और आंदोलन को तेज करने की तैयारी
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने साफ कहा कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। उनका कहना है कि यह उनके सम्मान और अधिकार से जुड़ा मुद्दा है, इसलिए पीछे हटने का सवाल नहीं है। कई कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें नियमित वेतन नहीं मिलता और सुरक्षा उपकरणों के अभाव में वे रोज जोखिम उठाकर काम करते हैं। कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे, जिससे सफाई व्यवस्था और भी चरमरा जाएगी।
नगर परिषद की प्रतिक्रिया और समाधान की कोशिश
मामले में परिषद प्रशासन ने कर्मचारियों के साथ बैठकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया है। कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने कहा कि दैनिक सफाई कर्मियों की मांगों को गंभीरता से देखा जाएगा और जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एजेंसी ‘एडम’ को भी निर्देश दिया गया है कि वह कर्मचारियों की मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करे। उन्होंने कहा कि सफाई व्यवस्था जनता से सीधा जुड़ा मुद्दा है, इसलिए परिषद जल्द ही उचित कदम उठाकर कामकाज को पटरी पर लाएगी।


