December 3, 2025

पटना में गाड़ियों की होगी कैमरों से निगरानी, सड़क पर खड़े करने पर बजेगा अलार्म, होगी डिजिटल मॉनिटरिंग

पटना। कानून-व्यवस्था और यातायात प्रबंधन को मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी मिशन ने एक नई पहल शुरू की है। अब शहर की सड़कों पर खड़ी गाड़ियों पर न सिर्फ नजर रखी जाएगी, बल्कि उन्हें डिजिटल तरीके से मॉनिटर भी किया जाएगा। इसके लिए पटना स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लगाए गए आईसीसीसी (इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर) कैमरों का आधुनिक तरीके से उपयोग शुरू कर दिया गया है।
कैमरों से मिलेगी हर गाड़ी की जानकारी
आईसीसीसी कैमरे पहले भी ट्रैफिक प्रबंधन और निगरानी के लिए काम में आते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्हें नए उद्देश्य के लिए तैयार किया गया है। अब सड़क किनारे लंबे समय तक खड़ी रहने वाली हर गाड़ी की सूचना सीधे कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी। इसके पीछे मकसद यह है कि अपराध से जुड़े किसी भी संभावित जोखिम को पहले ही रोक लिया जाए। यदि कोई गाड़ी संदिग्ध रूप से घंटों तक एक जगह खड़ी रहती है, तो यह चोरी, अपहरण, अवैध गतिविधि या किसी बड़े अपराध की तैयारी का संकेत भी हो सकता है। ऐसे में कैमरों से मिलने वाली यह जानकारी पुलिस और प्रशासन को तेजी से कार्रवाई करने में मदद करेगी।
सड़कों पर खींची जाएगी डिजिटल लाइन
नए प्रयोग के तहत अब पटना की प्रमुख सड़कों पर एक डिजिटल लाइन निर्धारित की जाएगी। यह लाइन केवल कंट्रोल रूम के सिस्टम में दिखाई देगी, जहां बैठा स्टाफ यह देख सकेगा कि कोई वाहन सड़क पर किन स्थानों पर पार्किंग की सीमा से बाहर खड़ा है। अगर कोई वाहन इस डिजिटल लाइन के बाहर खड़ा मिलता है, तो सिस्टम अलर्ट जारी करेगा। इसके बाद संबंधित थाने को सूचना दी जाएगी और मौके पर पुलिस भेजकर स्थिति की जांच कराई जाएगी।
वाहन खड़े रहने के समय की होगी मॉनिटरिंग
डिजिटल सिस्टम में एक निश्चित समयसीमा भी तय की जा रही है। यदि कोई वाहन उस समयसीमा से अधिक देर तक सड़क किनारे खड़ा रहे, तो उसके खिलाफ चालान काटने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कई लोग अपनी गाड़ी एक ही स्थान पर दो-दो दिन तक छोड़ देते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था बढ़ती है। इस नए सिस्टम का उद्देश्य ऐसे मामलों पर रोक लगाना है। कैमरे न केवल वाहन की मौजूदगी दर्ज करेंगे, बल्कि यह भी बताएंगे कि वह कितनी देर से उसी स्थान पर खड़ा है। इससे अवैध पार्किंग और बिना कारण खड़ी गाड़ियों की पहचान आसान हो जाएगी।
मैनुअल मॉनिटरिंग भी होगी जारी
डिजिटल अलर्ट के साथ-साथ मैन्युअल निगरानी भी जारी रहेगी। यदि किसी गाड़ी की स्थिति संदिग्ध लगती है, तो कैमरों के जरिए उसका फुटेज दोबारा चेक किया जाएगा। इसके बाद संबंधित क्षेत्र की पुलिस को मौके पर भेजकर सत्यापन कराया जाएगा। यह दोहरी प्रणाली अपराध रोकने में काफी उपयोगी साबित हो सकती है, खासकर ऐसे हालात में जब गाड़ियों का उपयोग अपराधी वारदातों में किया जाता है।
लॉ एंड ऑर्डर में मिलेगी बड़ी मदद
इस नई डिजिटल पार्किंग मॉनिटरिंग प्रणाली का मुख्य उद्देश्य यातायात व्यवस्था के साथ-साथ कानून-व्यवस्था को भी मजबूत करना है। अक्सर देखा जाता है कि संदिग्ध वाहन पार्क कर अपराधी किसी घटना को अंजाम देते हैं। नई प्रणाली ऐसे जोखिमों को काफी हद तक कम कर सकती है। इसके अलावा चोरी की गाड़ियों पर भी नजर रखना आसान होगा। यदि कोई चोरी की गाड़ी शहर में कहीं खड़ी मिलती है, तो उसका विवरण तुरंत कंट्रोल रूम में पहुंच जाएगा और पुलिस समय रहते कार्रवाई कर सकेगी।
यातायात व्यवस्था भी होगी सुचारू
पटना में कई स्थानों पर अवैध पार्किंग की वजह से जाम की स्थिति बन जाती है। विशेषकर बाजार क्षेत्रों, अस्पतालों और मुख्य मार्गों पर सड़क किनारे गाड़ियां छोड़े जाने से ट्रैफिक बाधित होता है। डिजिटल सिस्टम से ऐसे वाहनों की पहचान जल्दी हो सकेगी और समय से कार्रवाई करके सड़कें खाली कराई जा सकेंगी। इससे न केवल जाम की समस्या कम होगी, बल्कि आम लोगों को भी राहत मिलेगी। प्रशासन का मानना है कि इस कदम से शहर की ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा सुधार आएगा। पटना स्मार्ट सिटी के कैमरों का उपयोग कर तैयार की जा रही यह डिजिटल पार्किंग मॉनिटरिंग प्रणाली शहर की सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्था दोनों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी। सड़क किनारे गलत तरीके से गाड़ी खड़ी करने की आदत पर लगाम लगेगी और अपराध पर भी प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा। प्रशासन की उम्मीद है कि इस नए प्रयोग से शहर की व्यवस्था और अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनेगी।

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