November 28, 2025

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तैयारी में जुटा प्रशासन, विधानसभा के आसपास लागू रहेगी धारा 163, जुलूस पर रहेगी रोक

पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। 1 दिसंबर से 5 दिसंबर 2025 तक चलने वाले इस सत्र को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने के लिए पटना जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। सुरक्षा व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और भीड़ प्रबंधन को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनमें सबसे अहम विधानसभा के आसपास धारा 163 लागू किया जाना है।
धारा 163 का लागू होना और कारण
पटना सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सत्र के दौरान विभिन्न राजनीतिक दल, संगठन या समूह अपनी मांगों को लेकर जुलूस और प्रदर्शन कर सकते हैं। ऐसे हालात में विधानसभा परिसर की सुरक्षा और सामान्य कार्यवाही बाधित हो सकती है। इस संभावना को देखते हुए प्रशासन ने विधानसभा और उसके आसपास धारा 163 लागू करने का निर्णय लिया है। धारा 163 के लागू होने का मतलब है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के जुलूस, धरना, घेराव, रैली या राजनीतिक गतिविधि पर प्रतिबंध रहेगा। प्रशासन का कहना है कि विधानसभा सत्र के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है ताकि विधायक बिना किसी व्यवधान के कामकाज कर सकें।
किस प्रकार की गतिविधियों पर रहेगी रोक
आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि धारा 163 लागू होने के दौरान पांच या उससे अधिक लोगों का अवैध जमाव प्रतिबंधित रहेगा। किसी भी प्रकार का प्रदर्शन, नारेबाजी, जुलूस या प्रदर्शनकारी समूह का विधानसभा क्षेत्र में प्रवेश निषिद्ध होगा। साथ ही हथियार, खतरनाक वस्तुएँ, आग्नेयास्त्र, विस्फोटक सामग्री और किसी भी प्रकार के घातक हथियार लेकर चलना पूरी तरह से वर्जित रहेगा। इसके अलावा बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजाना या ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी उपकरण का इस्तेमाल भी प्रतिबंधित किया गया है। प्रशासन का कहना है कि ये नियम केवल सुरक्षा और शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं और इनका पालन सभी लोगों को करना आवश्यक है।
जुलूस और प्रदर्शन पर सख्त रोक
सत्र के दौरान सबसे बड़ी चुनौती आमतौर पर विभिन्न संगठनों द्वारा किए जाने वाले धरनों और जुलूसों की होती है। कई बार विधायकों के आने-जाने के रास्तों को बाधित किया जाता है, जिससे विधानसभा की कार्यवाही प्रभावित होती है। यही कारण है कि प्रशासन ने इस बार स्पष्ट रूप से इन गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। आदेश में कहा गया है कि किसी भी प्रकार का राजनीतिक या सामाजिक आंदोलन यदि बिना अनुमति के विधानसभा के पास आया, तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पुलिस बल को भी अलर्ट पर रखा गया है और अतिरिक्त जवानों की तैनाती की तैयारी है।
सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की विशेष तैयारी
धारा 163 लागू होने के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन ने विधानसभा के आसपास सुरक्षा घेरा भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। महत्त्वपूर्ण मार्गों पर बैरिकेडिंग, वाहन चेकिंग और पेट्रोलिंग बढ़ाई जाएगी। पुलिस का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र को ‘नो-प्लाकार्ड जोन’ और ‘नो-प्रोटेस्ट एरिया’ बनाया जाएगा। यातायात विभाग ने भी आवश्यक बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। सत्र के दौरान आम लोगों के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए जाएंगे ताकि विधानसभा परिसर में भीड़ न बढ़ सके। इस दौरान वीआईपी मूवमेंट भी अधिक रहेगा, इसलिए ट्रैफिक कंट्रोल रूम को 24 घंटे सक्रिय रखा जाएगा।
विधानसभा परिसर के भीतर कड़े नियम
विधानसभा परिसर के भीतर भी सुरक्षा को लेकर सख्त नियम लागू रहेंगे। बिना अनुमोदन के किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। विधायक, अधिकारी और मीडिया प्रतिनिधियों के प्रवेश के लिए विशेष पास जारी किए जाएंगे। सुरक्षा जांच में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
लागू रहने की अवधि
धारा 163 को 1 दिसंबर 2025 से लेकर 5 दिसंबर 2025 तक, यानी शीतकालीन सत्र की समाप्ति तक लागू रखा जाएगा। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि परिस्थितियाँ आवश्यक हुईं, तो इस अवधि को बढ़ाया भी जा सकता है। पटना जिला प्रशासन द्वारा धारा 163 लागू करने का उद्देश्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से संपन्न कराना है। यह कदम सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने और संभावित विरोध प्रदर्शनों से बचने के लिए आवश्यक माना जा रहा है। प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी कर सभी प्रकार के जुलूस, धरना और भीड़भाड़ गतिविधियों पर सख्त रोक लगा दी है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इन व्यवस्थाओं का पालन किस प्रकार होता है और सत्र कितनी सुगमता से चलता है।

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