पटना में अचानक सचिवालय का निरीक्षण करने पहुंचे मुख्यमंत्री, अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश, कर्मियों से लिया फीडबैक
पटना। नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। राज्य में प्रशासनिक कामकाज की समीक्षा और विकास योजनाओं में तेजी लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री लगातार विभागों का निरीक्षण कर रहे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक मुख्य सचिवालय पहुंचे और विभिन्न विभागों का औचक निरीक्षण किया। उनकी इस अप्रत्याशित मौजूदगी से सचिवालय परिसर में मौजूद अधिकारियों और कर्मियों में हलचल मच गई।
सचिवालय में औचक दौरा, अधिकारियों में मची खलबली
सुबह लगभग 10 बजे मुख्यमंत्री बिना किसी पूर्व सूचना के सचिवालय पहुंचे। पारंपरिक प्रोटोकॉल के विपरीत इस अचानक निरीक्षण के कारण कई विभागों में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई। जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला पहुंचा, सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत सक्रिय हो गए। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले विभिन्न शाखाओं में उपस्थिति रजिस्टर की जांच की और अधिकारियों की उपस्थिति तथा कार्यप्रणाली को परखा। कई कमरों में उन्होंने कर्मचारियों से उनके कामकाज के बारे में पूछा और लंबित फाइलों की स्थिति पर जानकारी ली।
लंबित योजनाओं की समीक्षा, तेजी से काम पूरा करने के निर्देश
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने विभागीय सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी लंबित योजनाओं और परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से उन विकासात्मक परियोजनाओं का जिक्र किया जो महीनों से धीमी गति में चल रही हैं या विभिन्न तकनीकी कारणों से रुकी पड़ी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “जनता का पैसा जनता के विकास में लगना चाहिए। योजनाओं में देरी अस्वीकार्य है। सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें और निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्यों को पूरा करें।” उनके इस बयान को सरकार की नई कार्यशैली के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें पारदर्शिता, त्वरित निष्पादन और जवाबदेही पर जोर दिया जा रहा है।
विभागों की कार्यप्रणाली पर असंतोष
इस औचक निरीक्षण में मुख्यमंत्री ने कुछ विभागों की कार्यप्रणाली पर असंतोष भी जताया। उन्होंने पाया कि कई मामलों में फाइलों के निस्तारण में अनावश्यक देरी हो रही है। कुछ विभागों में साफ-सफाई और व्यवस्था की स्थिति भी संतोषजनक नहीं थी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी विभाग अपने कार्यस्थलों की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें और समयबद्ध तरीके से फाइलों का निपटारा सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और अगर आगे भी गड़बड़ी मिली तो संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
नई सरकार के एजेंडे का संकेत
निरीक्षण के इस सिलसिले को नई सरकार की प्रशासनिक सक्रियता का हिस्सा माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार बनने के बाद ही संकेत दिया था कि विकास योजनाओं और प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार उनकी प्राथमिकता होगी। पिछले कुछ दिनों से वे लगातार विभिन्न परियोजनाओं और विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। शुक्रवार का यह औचक दौरा भी इसी रणनीति की कड़ी था, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को सख्त संदेश दिया कि अब ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुख्यमंत्री का यह रूख आने वाले दिनों में पूरे प्रशासनिक ढांचे में नई ऊर्जा का संचार करेगा।
कर्मचारियों और जनता की प्रतिक्रियाएँ
सचिवालय के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत किया, हालांकि अचानक निरीक्षण से कुछ विभागों में तनाव का माहौल भी देखा गया। वहीं आम जनता और राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के इस दौरे को सकारात्मक कदम माना जा रहा है। कई सामाजिक संगठनों ने कहा है कि अगर इस तरह की निगरानी लगातार होती रही तो सरकारी कामकाज में तेजी आएगी और योजनाओं का लाभ सीधे आम लोगों तक पहुंचेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह आकस्मिक निरीक्षण नई सरकार की सक्रियता, जवाबदेही और सुशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में ऐसे और निरीक्षण किए जा सकते हैं, जिससे प्रशासनिक मशीनरी में और अधिक सतर्कता आएगी।


