पटना में अब सड़क किनारे गाड़ी खड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई, अवैध पार्किंग होंगे नष्ट
पटना। शहर में ट्रैफिक जाम लंबे समय से लोगों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। रोज़मर्रा की गतिविधियाँ, अस्पतालों तक पहुँच, स्कूलों की बसें और दैनिक आवाजाही—सभी पर इसका असर पड़ता है। इसी समस्या को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। डिवीजनल कमिश्नर अनिमेष कुमार पराशर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में स्पष्ट संकेत दिया गया कि अब शहर को जाम से मुक्त कराने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।
सड़क किनारे गाड़ियाँ खड़ी करने वालों पर सख्त निगरानी
पटना में एक बड़ी समस्या रात भर सड़क किनारे खड़ी रहने वाली गाड़ियों की है। कई वाहन मालिक अपनी सुविधा के लिए सड़क को ही निजी गैराज की तरह इस्तेमाल करते हैं। इससे सुबह होते ही मुख्य और उपमार्गों पर जाम लगने लगता है और लोगों की आवाजाही प्रभावित होती है। बैठक में कमिश्नर ने इस स्थिति को अस्वीकार्य बताया और कहा कि अब ऐसे वाहन मालिकों पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक सभी जगहों पर अवैध रूप से खड़ी गाड़ियों की पहचान कर उन्हें हटाया जाए।
अवैध गैराज और पुराने वाहनों पर कार्रवाई
पराशर ने ट्रैफिक एसपी को स्पष्ट निर्देश दिए कि 30 नवंबर तक सभी अनधिकृत मरम्मत गैराज और सड़क किनारे पड़े पुराने वाहन हटा दिए जाएं। कई स्थानों पर ऐसे वाहन महीनों से जमा होते रहते हैं, जो स्थान घेरते हैं और जाम का मुख्य कारण बनते हैं। इन वाहनों को हटाने के लिए विशेष टीम बनाई गई है, जो वार्ड दर वार्ड जाकर जांच करेगी। 1 दिसंबर के बाद किसी भी स्थिति में सड़क किनारे अवैध पार्किंग या गैराज संचालन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बिक्री के लिए खड़ी गाड़ियों पर भी रोक
कुछ क्षेत्रों में पार्किंग जोन को वाहन विक्रेताओं ने बिक्री स्थल की तरह उपयोग करना शुरू कर दिया है। ये वाहन जगह घेरे रहते हैं और अन्य वाहन चालकों के लिए पार्किंग की कमी बन जाती है। इस समस्या को हल करने के लिए कमिश्नर ने आदेश दिया है कि ऐसे वाहनों को तुरंत हटाया जाए। पार्किंग स्थलों का उपयोग केवल पार्किंग के लिए ही होगा, न कि वाहन बिक्री के लिए।
रात में खड़ी गाड़ियों की वीडियोग्राफी और सूची तैयार
ज़िला परिवहन अधिकारी को निर्देश दिया गया है कि रात में सड़क पर खड़ी सभी गाड़ियों की वीडियोग्राफी की जाए और उनकी सूची बनाई जाए। इससे यह पता चलेगा कि किन इलाकों में लोग जानबूझकर अवैध पार्किंग करते हैं। यह सूची आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए आधार बनेगी। 1 दिसंबर के बाद यदि कोई वाहन सड़क किनारे अवैध रूप से खड़ा पाया गया, तो उसे बिना चेतावनी जब्त कर लिया जाएगा और मालिक पर जुर्माना तथा कानूनी कार्रवाई होगी।
ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए आगामी कदम
प्रशासन की निगरानी केवल पार्किंग तक सीमित नहीं है। बैठक में यह भी तय हुआ कि आने वाले दिनों में सड़क कटिंग को नियंत्रित किया जाएगा ताकि मार्गों की सुगमता प्रभावित न हो। कई स्थानों पर जेब्रा क्रॉसिंग नहीं होने से पैदल यात्रियों को परेशानी होती है, इसलिए शहर में इनका निर्माण तेज गति से किया जाएगा। इसके अलावा, ऑटो और ई-रिक्शा के लिए भी नियम सख्त किए जाएंगे। अनियमित ढंग से रुकने-चलने वाले वाहनों के कारण भी यातायात बाधित होता है। प्रशासन उनके रूट और स्टॉपेज तय करने पर काम कर रहा है, ताकि शहर में अनियंत्रित ट्रैफिक का दबाव कम हो।
लंबी अवधि की योजनाएँ: सड़क चौड़ीकरण और मेट्रो विस्तार
पटना जैसे विकसित हो रहे शहर के लिए प्रशासन ने लंबे समय के दृष्टिकोण से भी योजनाएँ तैयार की हैं। इनमें एस्केलेटर वाले फुट ओवरब्रिज, अंडरपास निर्माण, सड़क चौड़ीकरण तथा मेट्रो नेटवर्क का विस्तार शामिल है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल जाम की समस्या कम होगी, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में भी सुधार होगा।
बैठक में अधिकारियों की भूमिका और तैयारी
इस बैठक में डीएम, एसएसपी, नगर आयुक्त सहित कई उच्च अधिकारी उपस्थित थे। सभी ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने का संकल्प लिया। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि पटना शहर को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए किसी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
नागरिकों के लिए आवश्यक चेतावनी और संदेश
यदि आप पटना में रहते हैं और रात में अपनी गाड़ी सड़क के किनारे पार्क करने की आदत रखते हैं, तो समय रहते सावधान हो जाएँ। प्रशासन ने साफ कहा है कि अब से यह आदत भारी पड़ सकती है। बेहतर होगा कि वैध पार्किंग स्थल खोजें या अपने घर के गैराज का उपयोग करें। ये कदम शहर को बेहतर बनाने के लिए उठाए जा रहे हैं, लेकिन नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए परेशानी निश्चित है।


