November 26, 2025

नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक में 6 एजेंडों पर मुहर: बिहार में खुलेगी 25 नई चीनी मिल, 11 नये टाउनशिप होंगे विकसित

पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को पटना स्थित मुख्य सचिवालय में आयोजित हुई। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें ऐसे निर्णय लिए गए हैं जो आने वाले वर्षों में बिहार की अर्थव्यवस्था, ग्रामीण विकास, शहरी संरचना और औद्योगिक पहचान को नई दिशा दे सकते हैं। पहली ही बैठक में 6 बड़े प्रस्तावों को मंजूरी देकर सरकार ने संकेत दे दिया है कि आने वाले पांच साल विकास और निवेश के लिहाज से अहम होने वाले हैं।
बिहार में 25 नई चीनी मिलों को फिर से शुरू करने का बड़ा फैसला
बैठक के बाद मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि बिहार में चीनी उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य में पहले से 9 चीनी मिलें बंद पड़ी थीं, जिन्हें पुनः चालू किया जाएगा। इसके साथ ही कुल 25 नई और पुनर्जीवित चीनी मिलों को संचालन के लिए मंजूरी दे दी गई है। यह निर्णय उत्तर और पूर्व बिहार के ग्रामीण इलाकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जहाँ गन्ना किसानों को वर्षों से अपनी फसल के लिए बाजार और उचित मूल्य की समस्या का सामना करना पड़ता था। नई मिलों के खुलने से लाखों किसानों को न सिर्फ रोजगार मिलेगा, बल्कि गन्ना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी।
11 नए टाउनशिप विकसित होंगे, शहरीकरण को मिलेगी गति
कैबिनेट बैठक में शहरी विकास से जुड़े बड़े फैसले भी शामिल रहे। मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में 11 नए टाउनशिप विकसित किए जाएंगे, जिनमें 9 प्रमंडलीय मुख्यालयों के साथ-साथ सीतामढ़ी और सोनपुर को भी शामिल किया गया है। इन टाउनशिप में ग्रीनफील्ड और सैटेलाइट सिटी मॉडल को अपनाया जाएगा, जिससे आने वाले वर्षों में शहरीकरण की प्रक्रिया सुव्यवस्थित और आधुनिक होगी। नए टाउनशिप से पटना, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर जैसे बड़े शहरों पर बढ़ते जनसंख्या दबाव को भी कम किया जा सकेगा और शहरों का संतुलित विस्तार संभव होगा।
बिहार बनेगा पूर्वी भारत का नया टेक हब
सरकार का तीसरा और सबसे महत्वाकांक्षी निर्णय बिहार को पूर्वी भारत का नया तकनीकी केंद्र बनाने का है। इसके तहत राज्य में डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। इस योजना को सुचारू रूप से लागू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ शामिल होंगे और यह छह माह के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। यह कदम बिहार को तकनीक आधारित उद्योगों की ओर ले जाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है।
नई इकोनॉमी: बिहार में सेवा आधारित नवाचारों को मिलेगा बढ़ावा
कैबिनेट के चौथे बड़े निर्णय में बिहार को न्यू-ऐज इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है। सरकार ने निर्णय लिया है कि तकनीक आधारित सेवाओं, स्टार्टअप, इनोवेशन और डिजिटल स्किल्स को बढ़ावा देने के लिए उन बिहारियों के सुझाव लिए जाएंगे जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंडस्ट्री में बड़े पदों पर कार्यरत हैं। इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी ताकि बिहार को वैश्विक ‘बैक-एंड हब’ और ‘ग्लोबल वर्कप्लेस’ के रूप में विकसित किया जा सके। इससे लाखों युवाओं को रोजगार उपलब्ध होने की संभावना है।
बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को मंजूरी
तकनीक के बदलते युग को देखते हुए कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बिहार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने के लिए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना को स्वीकृति दी गई है। इस मिशन के तहत एआई आधारित नवाचारों को प्रोत्साहित किया जाएगा और प्रतिभाशाली युवाओं, स्टार्टअप कंपनियों और तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर एक मजबूत इकोसिस्टम तैयार किया जाएगा। सरकार का मानना है कि भविष्य की नौकरियाँ एआई, मशीन लर्निंग और टेक-ड्रिवन सेक्टर में होंगी, इसलिए इस दिशा में अभी से निवेश करना बिहार के लिए बेहद जरूरी है।
विकास का रोडमैप तैयार, नई कैबिनेट ने दिखाई सक्रियता
नीतीश सरकार की यह पहली बैठक कई दृष्टियों से ऐतिहासिक कही जाएगी। एक तरफ जहां पारंपरिक उद्योगों जैसे चीनी मिलों को फिर से खड़ा करने का निर्णय हुआ, वहीं दूसरी तरफ हाई-टेक और डिजिटल अर्थव्यवस्था की ओर बड़े कदम उठाए गए। इन निर्णयों से साफ है कि बिहार आने वाले वर्षों में कृषि, उद्योग, शहरी विकास और तकनीक—चारों क्षेत्रों में संतुलित विकास की ओर बढ़ने वाला है। नीतीश कैबिनेट की पहली बैठक में लिए गए फैसले बिहार की आर्थिक और औद्योगिक तस्वीर बदलने की क्षमता रखते हैं। 25 चीनी मिलों का पुनरुद्धार, 11 टाउनशिप का विकास, टेक हब, डिफेंस कॉरिडोर और एआई मिशन जैसे परियोजनाएं आने वाले वर्षों में बिहार को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकती हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन निर्णयों को जमीन पर उतारने में सरकार कितनी तेजी और प्रभावशीलता दिखाती है।

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