November 24, 2025

बिहार में आगे भी जारी रहेगी पूर्ण शराबबंदी, अवैध शराब के धंधों पर होगी सख्त कार्रवाई: विजेंद्र यादव

  • मद्य निषेध मंत्री बोले- अधिकारियों के साथ जल्द होगी समीक्षा बैठक, सभी गड़बड़ियों को करेंगे ठीक

पटना। बिहार में 2016 से लागू पूर्ण शराबबंदी कानून को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार राजनीतिक बयानबाजी होती रही है। कई राजनेताओं ने चुनावी मंचों से शराबबंदी को समाप्त करने की बात कही, तो कुछ नेताओं ने इसे राज्य पर बोझ बताया। हालांकि चुनाव परिणाम आने और एनडीए सरकार के गठन के बाद राज्य के मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के नए मंत्री विजेंद्र यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि बिहार में शराबबंदी आगे भी पूरी तरह लागू रहेगी। उनकी इस घोषणा के बाद शराबबंदी पर चल रही अटकलें अब पूरी तरह समाप्त हो गई हैं।
नीतीश सरकार की लगातार 10वीं पारी और शराबबंदी का रुख स्पष्ट
20 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार ने रिकॉर्ड 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जिसके साथ ही 26 मंत्रियों ने भी नए पदभार ग्रहण किए। विभागों के बंटवारे के बाद विजेंद्र प्रसाद यादव को मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई। अपने विभाग का कार्यभार संभालते ही उन्होंने शराबबंदी कानून को लेकर एक स्पष्ट और कड़ा संदेश दिया। विजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून न केवल जारी रहेगा, बल्कि इसे और अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को खत्म करने की कोई योजना नहीं है और यह नीति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन की मूल प्रतिबद्धता का हिस्सा है।
अवैध शराब कारोबार पर जीरो टॉलरेंस
मंत्री ने अपने बयान में यह भी कहा कि बिहार में अवैध शराब के कारोबार करने वालों पर अब और अधिक सख्ती बरती जाएगी। उन्होंने संकेत दिए कि अवैध शराब के नेटवर्क और सप्लाई चेन पर पुलिस और प्रशासन का निगरानी तंत्र और मजबूत किया जाएगा। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी मिलने पर दोषियों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में वे विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में सभी जिलों की रिपोर्ट, शिकायतें, पुलिस की कार्रवाई और राजस्व विभाग के अभिलेखों की गहन समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में जहां-जहां कमियां हैं, उन्हें तत्काल दूर किया जाएगा।
शराबबंदी पर राजनीतिक बयानबाजी के बीच सरकार का स्पष्ट संदेश
चुनाव के दौरान शराबबंदी को हटाने को लेकर विपक्षी दलों ने कई दावे किए थे। खासकर जनसुराज अभियान के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा था कि यदि उनकी सरकार बनी तो कुछ ही दिनों में शराबबंदी कानून समाप्त कर दिया जाएगा। उनके बयान ने इस विषय को चुनावी मुद्दा बना दिया था। परंतु चुनाव परिणाम आने के बाद एनडीए की प्रचंड जीत ने यह संकेत दिया कि नीतीश सरकार की नीतियों को जनता ने फिर से स्वीकार किया है। अब विजेंद्र यादव का ताजा बयान यह स्पष्ट करता है कि सरकार शराबबंदी के अपने फैसले पर पूरी तरह अडिग है। इसका अर्थ है कि आने वाले वर्षों में भी शराबबंदी बिहार की सामाजिक और प्रशासनिक नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनी रहेगी।
अधिकारियों के साथ होगी बड़ी समीक्षा बैठक
विजेंद्र यादव ने बताया कि जल्द ही वे मद्य निषेध विभाग और पुलिस अधिकारियों के साथ संयुक्त समीक्षा बैठक करेंगे। इसमें यह देखा जाएगा कि किस जिले में शराबबंदी का कितना पालन हो रहा है। जिन क्षेत्रों में शिकायतें अधिक हैं या जहां अवैध शराब की गतिविधियां बढ़ी हैं, वहां विशेष अभियान चलाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिकायतों के तेजी से निपटारे, निगरानी तंत्र को अपडेट करने और तकनीकी साधनों का बेहतर उपयोग करने पर जोर दिया जाएगा। विभाग ड्रोन सर्विलांस, मोबाइल ऐप्स और डेटा एनालिसिस जैसे आधुनिक तरीकों का उपयोग भी बढ़ाएगा।
शराबबंदी कानून का सामाजिक प्रभाव
शराबबंदी लागू होने के बाद से राज्य में इसके कई सामाजिक प्रभाव देखने को मिले हैं। कई रिपोर्टों में यह सामने आया है कि घरेलू विवादों में कमी आई है, महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर सकारात्मक असर पड़ा है और पारिवारिक आय का बेहतर उपयोग हुआ है। हालांकि अवैध शराब के कारण आए दिन घटनाओं की खबरें भी सामने आती हैं, जिससे सरकार के सामने बड़ी चुनौती बनी हुई है। विजेंद्र यादव का कहना है कि इन चुनौतियों को देखते हुए शराबबंदी की निगरानी को और सख्त बनाना आवश्यक है। उनका मानना है कि शराबबंदी एक सामाजिक सुधार का कदम है और इसे कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। बिहार सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि शराबबंदी कानून आगे भी पूर्ण रूप से जारी रहेगा। नए मंत्री विजेंद्र यादव का रुख यह बताता है कि सरकार इस नीति को लेकर गंभीर है और इसके क्रियान्वयन में अब किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अवैध शराब कारोबार पर सख्त कार्रवाई और नियमित समीक्षा बैठकें इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकते हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार शराबबंदी को प्रभावी बनाने के लिये किस तरह के नए उपायों को लागू करती है।

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