पटना में हुई ठंड की शुरुआत, अस्पतालों में मरीज बढ़े, सावधान रहने की जरूरत
पटना। पटना में नवंबर के अंतिम सप्ताह के साथ ही ठंड की शुरुआत महसूस की जाने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। सुबह और शाम के समय तेज ठंड का आभास होने लगा है, जबकि दोपहर में हल्की गर्माहट अभी भी बनी हुई है। मौसम के इस बदलाव का सीधा प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है, जिसके कारण लोग सर्दी-जुकाम, वायरल बुखार और सांस संबंधी समस्या से ग्रसित होने लगे हैं। शहर के अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
ठंड का स्वास्थ्य पर प्रभाव
मौसम बदलने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। विशेष रूप से ठंडी हवाओं के संपर्क में आने से लोग सर्दी, खांसी, वायरल फ्लू और बुखार जैसी समस्याओं से पीड़ित होने लगते हैं। पटना के अस्पतालों में पिछले कुछ दिनों में ऐसी शिकायतों वाले मरीजों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसके साथ ही सांस संबंधी संक्रमण, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और अस्थमा के मामलों में भी इजाफा हुआ है। डॉक्टरों का कहना है कि पतले कपड़े पहनने, सुबह-सुबह बाहर निकलने और तापमान में अचानक गिरावट के कारण स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें बढ़ती हैं।
अस्पतालों में बढ़ती भीड़
पटना के सिविल सर्जन ने बताया कि जिले के अस्पतालों में रोजाना 80 से 90 मरीज केवल सर्दी, जुकाम, बुखार और बदन दर्द की समस्या लेकर ओपीडी में पहुंच रहे हैं। ठंड से शरीर में जकड़न, जोड़ों में दर्द और कमजोरी भी बढ़ने लगती है, जिसके कारण खासकर बुजुर्ग बड़े पैमाने पर अस्पताल पहुंच रहे हैं। अस्पताल प्रशासन के अनुसार आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट के साथ मरीजों की भीड़ और बढ़ सकती है।
संवेदनशील समूहों पर अधिक खतरा
विशेषज्ञों का मत है कि ठंड का सबसे अधिक प्रभाव नवजात शिशुओं, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों पर पड़ता है। नवजात और छोटे बच्चे तापमान के उतार-चढ़ाव को आसानी से सहन नहीं कर पाते, जबकि गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अपेक्षाकृत कम होती है। इसके अलावा दमा, हृदय रोग, मधुमेह और फेफड़ों से जुड़ी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में मौसम बदलने पर संक्रमण तेजी से फैलता है। इस कारण स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
बढ़ते मरीजों को देखते हुए पटना के सिविल सर्जन ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, अनुमंडलीय अस्पतालों और जिला अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया है। अस्पतालों को हीटिंग व्यवस्था दुरुस्त रखने, कमरों में ठंड से बचाव की उचित व्यवस्था करने और मरीजों के लिए गर्म पानी उपलब्ध कराने को कहा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार और वायरल संक्रमण से संबंधित दवाओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित किया जाए, ताकि मरीजों का इलाज बिना किसी देरी के हो सके।
गंभीर मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था
सिविल सर्जन ने सभी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि गंभीर मरीजों के लिए अलग बेड आरक्षित रखें। इसके अलावा ऑक्सीजन, नेबुलाइज़र और अन्य जरूरी उपकरणों को पहले से ही दुरुस्त स्थिति में रखा जाए, ताकि आपात स्थिति में किसी प्रकार की कठिनाई न आए। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार सोमवार से जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण शुरू किया जाएगा। इस निरीक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अस्पतालों की तैयारियां संतोषजनक हैं और बढ़ते मरीजों की संख्या को सँभालने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं।
आगामी दिनों को लेकर चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग ने आगाह किया है कि अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट संभव है, जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में और तेजी आ सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए सभी स्तरों पर सतर्कता बढ़ाने और मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने की आवश्यकता है। विभाग ने लोगों को भी सलाह दी है कि वे मौसम के अनुरूप कपड़े पहनें, ठंडे पानी से बचें और संक्रमण से बचाव हेतु सावधानियां अवश्य बरतें।


