November 20, 2025

नीतीश के मंत्रीपरिषद में महिलाओं को मिली 11 फ़ीसदी हिस्सेदारी, 26 मंत्रियों में से तीन ने ली मंत्री पद की शपथ

पटना। नीतीश कुमार ने दसवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर राज्य में एक बार फिर राजनीतिक स्थिरता और अनुभवी नेतृत्व की वापसी का संकेत दे दिया है। भव्य शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी ने इस कार्यक्रम को और ऐतिहासिक बना दिया। उनके साथ कुल 26 मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें तीन महिलाओं को शामिल किया गया है। इस प्रकार नए मंत्रिमंडल में महिलाओं की हिस्सेदारी लगभग 11 प्रतिशत है, जो बिहार की राजनीति में महिला प्रतिनिधित्व का एक महत्वपूर्ण संकेत है।
महिला प्रतिनिधित्व का आंकलन
मंत्रिमंडल में शामिल तीन महिला मंत्रियों में लेशी सिंह, श्रेयसी सिंह और रमा निषाद के नाम प्रमुख हैं। इन तीनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय जीत हासिल कर विधानसभा में प्रवेश किया और मंत्रिपरिषद में जगह बनाई। इससे स्पष्ट है कि नीतीश कुमार और भाजपा नेतृत्व दोनों ही महिलाओं को राजनीतिक रूप से सशक्त करने के अपने संकल्प पर आगे बढ़ रहे हैं।
लेशी सिंह का अनुभव और लोकप्रियता
धमदाहा सीट से छह बार की विधायक लेशी सिंह को एक बार फिर मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वह पिछली सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री थीं और अपनी सक्रियता व कार्यशैली के कारण उन्हें एक भरोसेमंद नेता के रूप में देखा जाता है। इस चुनाव में उन्होंने आरजेडी उम्मीदवार संतोष कुमार को भारी अंतर से हराया और लगातार अपनी राजनीतिक पकड़ साबित की। नीतीश कुमार का एक बार फिर उन पर भरोसा जताना बताता है कि वह शासन व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी।
श्रेयसी सिंह का नया सफर
भाजपा कोटे से श्रेयसी सिंह को मंत्री पद का मौका मिला है। यह उनकी पहली मंत्रिपद की जिम्मेदारी है। जमई सीट से चुनाव जीतने वाली श्रेयसी सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर की पूर्व निशानेबाज रह चुकी हैं और हाल के वर्षों में राजनीति में तेजी से उभरी हैं। उन्होंने आरजेडी के मोहम्मद शमशाद आलम को बड़े अंतर से हराकर अपनी लोकप्रियता और क्षेत्र में मजबूत आधार का प्रमाण दिया है। उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने से युवा नेतृत्व को प्रोत्साहन मिलेगा।
रमा निषाद की ऐतिहासिक जीत
औराई विधानसभा सीट से जीतकर आईं रमा निषाद ने भी मंत्रिमंडल में अपनी जगह बनाई है। वह पूर्व भाजपा सांसद अजय निषाद की पत्नी हैं और पहली बार विधायक बनने के साथ ही मंत्री बनने का अवसर उन्हें मिला है। 54 हजार से अधिक वोटों के अंतर से उनकी जीत ने पार्टी नेतृत्व को प्रभावित किया, जिसके बाद उन्हें मंत्रिपद सौंपा गया। उनकी जीत वीआईपी के उम्मीदवार भोगेंद्र सहनी पर मिली भारी बढ़त से और भी अहम मानी जा रही है।
महिलाओं के समर्थन की निर्णायक भूमिका
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में महिला मतदाताओं ने रिकॉर्ड संख्या में मतदान किया और पुरुषों की तुलना में अधिक वोट प्रतिशत दर्ज कराते हुए इतिहास रच दिया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नीतीश सरकार की अनेक योजनाओं—विशेषकर जीविका दीदियों को आर्थिक सहायता, स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली नीतियों—का व्यापक प्रभाव महिलाओं के वोट बैंक पर पड़ा। इसी वजह से एनडीए को मिली 202 सीटों की भारी जीत में महिलाओं का समर्थन एक निर्णायक भूमिका में रहा।
नीतीश सरकार की महिला केंद्रित नीतियां
राज्य में पिछले कई वर्षों से महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए कई योजनाएँ चलाई जा रही हैं। साइकिल योजना, पोशाक योजना, आरक्षण की व्यवस्था, जीविका समूहों को वित्तीय सहायता और शराबबंदी जैसे कदमों ने महिला समुदाय में सरकार के प्रति भरोसा बढ़ाया है। इसी विश्वास का परिणाम इस चुनाव में बड़े पैमाने पर मतदान के रूप में दिखाई दिया।
नई सरकार से उम्मीदें
मंत्रिपरिषद में महिलाओं की 11 प्रतिशत हिस्सेदारी भले ही प्रतीकात्मक न लगे, लेकिन यह संदेश निश्चित रूप से महत्वपूर्ण है कि सरकार महिलाओं को नेतृत्व के स्तर पर शामिल करना चाहती है। नए कार्यकाल में इन तीनों महिला मंत्रियों से उम्मीद है कि वे अपने विभागों में विकास कार्यों को गति देंगी और महिलाओं से जुड़ी योजनाओं को और प्रभावी तरीके से लागू करेंगी। नीतीश कुमार का नया मंत्रिमंडल अनुभव, युवा ऊर्जा और महिला प्रतिनिधित्व का संतुलित मिश्रण है। महिलाओं को दी गई हिस्सेदारी राज्य की प्रगतिशील राजनीति की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो आगे आने वाले वर्षों में बिहार की सामाजिक और राजनीतिक संरचना को और मजबूत करेगा।

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