November 19, 2025

पटना में दर्दनाक हादसा, नदी में डूबकर सात वर्षीय बच्चे की मौत

पटना। पटना जिले के धनरूआ थाना क्षेत्र से सामने आया, जहां एक सात वर्षीय बच्चे की नदी में डूबने से मृत्यु हो गई। इस घटना ने न केवल परिवार को गहरे शोक में डाल दिया है, बल्कि पूरे क्षेत्र में संवेदना और चिंता का माहौल बना दिया है। घटना मंगलवार देर शाम के समय हुई जब नसरतपुर गांव का सात वर्षीय सौरभ नदी किनारे खेल रहा था। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे अक्सर खुले मैदानों, तालाबों और नदियों के पास खेलने चले जाते हैं, क्योंकि उनके पास खेल की सुविधाएं कम होती हैं। सौरभ भी उसी तरह अपने दोस्तों के साथ नदी किनारे गया था। लेकिन खेलते-खेलते वह अचानक नदी के गहरे हिस्से में चला गया और पानी की तेज धारा में बह गया।
स्थानीय लोगों का प्रयास
जैसे ही लोगों को बच्चे के डूबने का पता चला, आसपास के ग्रामीण मौके पर दौड़ पड़े। उन्होंने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। ग्रामीणों के अनुसार, बच्चे को बाहर निकालने के लिए कई लोग नदी में उतरे, लेकिन जब तक वे उसे खोज पाते, तब तक वह गंभीर रूप से डूब चुका था। ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला, परंतु उसकी हालत बेहद खराब थी और कोई सुधार संभव नहीं था।
पुलिस की कार्रवाई और पुष्टि
धनरूआ थाना प्रभारी आलोक कुमार ने घटना की आधिकारिक पुष्टि की। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और पूरे मामले की जानकारी जुटाई। पुलिस ने बच्चे के शव को अपने कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल भेज दिया गया।
पोस्टमार्टम और जांच की प्रक्रिया
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बच्चे की मृत्यु के सही कारणों की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी। हालांकि प्राथमिक दृष्टि में यह मामला डूबने से हुई मौत का प्रतीत होता है। इसके बावजूद पुलिस ने किसी भी तरह की लापरवाही या अन्य कारणों की संभावना से इंकार नहीं किया है। इसी वजह से संभावित गवाहों से बयान लिए जा रहे हैं और घटनास्थल का निरीक्षण किया गया है।
परिवार और गांव में शोक की लहर
नसरतपुर गांव में इस घटना के बाद मातम पसरा हुआ है। सौरभ के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। सात वर्ष की उम्र वह समय होता है जब बच्चा जीवन का पहला आनंद ले रहा होता है। उसके सपने, उसकी मुस्कान और उसका चंचल स्वभाव अचानक समाप्त हो जाना परिवार के लिए असहनीय पीड़ा का कारण है। गांव के बुजुर्गों और युवाओं का कहना है कि यह घटना सभी के लिए सीख है कि नदी या जलाशयों के पास बच्चों को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
सुरक्षा सावधानियों की अपील
धनरूआ थाना प्रभारी आलोक कुमार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को नदियों, तालाबों और अन्य जल स्रोतों के पास खेलने से रोकें। यदि बच्चे वहां जाते भी हों, तो उनकी निगरानी अवश्य करें। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं अक्सर लापरवाही और सुरक्षा के अभाव में हो जाती हैं। बारिश के मौसम या नदी में तेज धारा होने पर ऐसे हादसों का खतरा और भी बढ़ जाता है।
समाज के लिए चेतावनी
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता बेहद जरूरी है। नदियों और जलाशयों के आसपास चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा दीवारें या बैरिकेड लगाए जाने की जरूरत है, ताकि इस तरह के हादसों को रोका जा सके। ग्रामीण प्रशासन और स्थानीय निकायों को भी इस दिशा में कदम उठाने चाहिए। सात वर्षीय सौरभ की मौत अत्यंत दुखद और हृदयविदारक घटना है। यह हमें याद दिलाती है कि सुरक्षा में एक छोटी सी चूक भी कितना बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। परिवार को इंसाफ दिलाने और घटना की सच्चाई जानने के लिए पुलिस जांच जारी है। उम्मीद है कि ऐसी त्रासदियां भविष्य में न हों और समाज बच्चों की सुरक्षा के प्रति अधिक संवेदनशील बने।

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