वैशाली में 7 वर्षीय छात्र की निर्मम हत्या, कोचिंग हॉस्टल में गला रेतकर मार डाला
वैशाली। बिहार के वैशाली जिला में एक दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना हुई। गोपालपुर चौक स्थित एक कोचिंग हॉस्टल में 7 वर्षीय छात्र की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी गई। यह खबर फैलते ही पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया और स्थानीय लोग गुस्से में उबल पड़े। मृतक की पहचान बेलसर ओपी क्षेत्र के कल्याणपुर गांव निवासी अर्जुन ठाकुर के रूप में की गई है, जो पिछले पांच महीनों से हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था। अर्जुन ठाकुर का शव हॉस्टल के कमरे में खून से लथपथ हालत में मिला। उसके शरीर पर कई जगह चोटों के निशान पाए गए, जबकि गला पूरी तरह रेता हुआ था। यह दृश्य देखकर परिजनों और ग्रामीणों का गुस्सा भड़क उठा। अर्जुन के चाचा कुंदन कुमार ने बताया कि बच्चे पर अत्यधिक अत्याचार किए गए और हत्या अत्यंत क्रूर तरीके से की गई है। मामला सामने आते ही ग्रामीण बड़ी संख्या में हॉस्टल पहुंचे और वहां जमकर हंगामा शुरू कर दिया। गुस्से में लोगों ने हॉस्टल के कमरों और अन्य संपत्तियों को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाया। कई खड़ी गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
ग्रामीणों का आक्रोश और पुलिस पर हमला
जब पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची, तो भीड़ और उग्र हो गई और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिस को पीछे हटना पड़ा और अतिरिक्त बल बुलाया गया। देखते-ही-देखते तनावपूर्ण माहौल पूरे इलाके में फैल गया। सूचना मिलने पर कई थानों की पुलिस टीम और सदर एसडीपीओ-2 गोपाल मंडल भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मोर्चा संभाला और भीड़ को शांत करने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद हालात पर काबू पाया जा सका।
हॉस्टल संचालक सहित चार लोग हिरासत में
घटना के बाद पुलिस तुरंत हरकत में आई और हॉस्टल संचालक सहित चार लोगों को हिरासत में ले लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि सभी से पूछताछ की जा रही है और यह जानने की कोशिश है कि हत्या के पीछे कौन लोग शामिल थे तथा घटना कैसे घटी। हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि घटना के समय की गतिविधियों का सटीक विवरण मिल सके। पुलिस के अनुसार, सीसीटीवी फुटेज से कई अहम सुराग मिलने की उम्मीद है, जो मामले को सुलझाने में मदद करेंगे।
एफएसएल टीम की जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम को भी मौके पर बुलाया गया। टीम वैज्ञानिक तरीके से घटना स्थल से सबूत इकट्ठा कर रही है। इसमें खून के नमूने, हथियार से जुड़े निशान, फिंगरप्रिंट और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वैज्ञानिक जांच से यह पता लगाने में आसानी होगी कि हत्या कब और कैसे की गई, और अपराधियों ने कौन-सी तकनीक या हथियार का उपयोग किया।
परिजनों का आरोप और इलाके में तनाव
मृतक अर्जुन के परिजनों ने हॉस्टल प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि हॉस्टल में बच्चों की सुरक्षा की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। यदि हॉस्टल प्रशासन सतर्क रहता, तो ऐसी दर्दनाक घटना शायद टाली जा सकती थी। हत्या की खबर जैसे-जैसे फैली, ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता गया और पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया। स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
पुलिस का आश्वासन
एसडीपीओ गोपाल मंडल ने कहा कि घटना बेहद गंभीर है और पुलिस हर एंगल से इसकी जांच कर रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी हाल में बख्शा नहीं जाएगा और जल्द ही गिरफ्तार कर सजा दिलवाई जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से धैर्य बनाए रखने और पुलिस को जांच का अवसर देने की अपील की। अधिकारियों का कहना है कि भीड़ की नाराजगी समझ में आती है, लेकिन कानून को अपने हाथ में लेना उचित नहीं है। वैशाली की यह घटना न केवल एक बच्चे की निर्मम हत्या की कहानी है, बल्कि यह शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा संबंधी गंभीर सवाल भी खड़ा करती है। जिस हॉस्टल में बच्चे को सुरक्षित शिक्षा मिलनी थी, वहीं उसकी जिंदगी छीन ली गई। पुलिस जांच जारी है और उम्मीद है कि जल्द ही आरोपी पकड़ लिए जाएंगे। पूरे इलाके में भय और आक्रोश का माहौल है, और एक मासूम के खोने का दर्द पूरे समुदाय को झकझोर रहा है।


