संजय झा के साथ सीएम से मिलने पहुंचे जदयू के कई नेता, ललन सिंह और श्याम रजक मौजूद, सत्ता गठन पर हुई चर्चा
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद राज्य की सियासत में हलचल और अधिक तेज हो गई है। एनडीए को मिली प्रचंड जीत के बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया अब सक्रिय चरण में प्रवेश कर चुकी है। शनिवार सुबह जदयू के कई वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पहुंचे, जिससे राजनीतिक गतिविधियां और भी रफ्तार पकड़ती दिख रही हैं।
एनडीए को मिला स्पष्ट जनादेश
243 सीटों वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए ने भारी सफलता हासिल की है। भाजपा 89 सीटों के साथ राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। जदयू ने भी उल्लेखनीय प्रदर्शन करते हुए 85 सीटें जीती हैं। इसके अलावा लोजपा (रा) को 19, हम को पांच और रालोमो को चार सीटें मिली हैं। दूसरी ओर महागठबंधन का प्रदर्शन इस चुनाव में काफी कमजोर रहा। आरजेडी महज 25 सीटों पर सिमट गई, जबकि कांग्रेस सिर्फ छह सीटें जीत सकी। लेफ्ट दलों को कुल मिलाकर तीन सीटें मिलीं। इसके साथ ही एआईएमआईएम ने पांच, आईपी गुप्ता की पार्टी ने एक और बसपा ने भी एक सीट हासिल की। चुनाव परिणामों के बाद मुख्यमंत्री आवास पर राजनीतिक गतिविधियां शाम से ही शुरू हो गई थीं और शनिवार सुबह तक वह लगातार जारी रहीं। नेताओं के आने-जाने का सिलसिला यह संकेत दे रहा है कि सरकार गठन को लेकर रणनीतिक चर्चाएं अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी हैं।
मुख्यमंत्री से जदयू नेताओं की मुलाकात
शनिवार सुबह सबसे पहले जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। उनके हाथों में जदयू के सभी विजयी प्रत्याशियों की सूची थी, जिसे उन्होंने नीतीश कुमार को सौंपा। इस कदम को पार्टी की औपचारिक प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है, साथ ही सरकार गठन के लिए शुरुआती तैयारी भी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह भी सीएम आवास पहुंचे। उनकी यह अचानक हुई मुलाकात राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई। इनके साथ ही जदयू नेता और मंत्री विजय चौधरी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे, जिससे यह स्पष्ट होने लगा कि पार्टी के भीतर सरकार गठन को लेकर विमर्श तेज हो चुका है।
श्याम रजक का अहम बयान
फुलवारीशरीफ से नवनिर्वाचित विधायक और पूर्व मंत्री श्याम रजक भी सीएम निवास पहुंचे। मुलाकात के बाद बाहर निकलते समय उन्होंने बड़ा बयान देकर एनडीए के भीतर चल रही चर्चाओं की दिशा को और स्पष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि नीतीश कुमार के बिना भी एनडीए सरकार बना सकता है। उनका कहना था कि बिहार की जनता ने जिस चेहरे पर वोट किया है, वह नीतीश कुमार ही हैं। इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में उनका फिर से चयन स्वाभाविक और आवश्यक है। श्याम रजक का यह बयान न सिर्फ नीतीश कुमार के नेतृत्व में जदयू की एकजुटता को मजबूत करता है, बल्कि एनडीए के भीतर नेतृत्व को लेकर किसी भी संभावित भ्रम को भी दूर करता है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि एनडीए में नीतीश कुमार के बिना सरकार की कल्पना नहीं की जा सकती।
सत्ता गठन की प्रक्रिया में तेजी
शुक्रवार शाम से मुख्यमंत्री आवास पर शुरू हुई राजनीतिक बैठकों का सिलसिला शनिवार सुबह होने वाली इन मुलाकातों के बाद और तेज हो गया है। नेताओं की लगातार आवाजाही से यह साफ संकेत मिल रहे हैं कि अब सरकार गठन को लेकर अंतिम रूपरेखा तैयार की जा रही है। यह भी माना जा रहा है कि कुछ ही घंटों में एनडीए की ओर से औपचारिक घोषणा सामने आ सकती है। इस पूरी हलचल से यह स्पष्ट है कि बिहार में नई सरकार के गठन की तस्वीर अब तेजी से साफ हो रही है। एनडीए को मिले बहुमत ने उसकी स्थिति मजबूत की है, और नीतीश कुमार को लेकर पार्टी नेताओं का स्पष्ट समर्थन इस बात की पुष्टि करता है कि वह एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि एनडीए किस प्रकार सत्ता संचालन की नई रणनीति तैयार करता है और किन चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया जाता है। बिहार की सियासत अब निर्णायक मोड़ पर है और पूरे राज्य की निगाहें मुख्यमंत्री आवास से निकलने वाली हर खबर पर टिकी हुई हैं।


