मतगणना से पहले तेजप्रताप का बड़ा ऐलान, कहा- महुआ हम जीत रहे, जश्न नहीं काम की तैयारी होगी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में दो चरणों की वोटिंग पूरी होने के बाद अब सभी की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। इस बीच राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के दावे तेज हो गए हैं। जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव ने भी अपनी जीत को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने महुआ सीट से अपनी जीत को पक्का बताया और कहा कि उनकी प्राथमिकता जश्न नहीं, बल्कि जनता के काम की तैयारी करना है।
तेजप्रताप यादव का आत्मविश्वास भरा दावा
पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजप्रताप यादव ने कहा, “मैं महुआ सीट से जीत रहा हूं। इसमें किसी भी तरह का संशय नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी जश्न की तैयारी नहीं करती, बल्कि काम की तैयारी करती है। उनके अनुसार, जीत के बाद सबसे पहले वे महुआ की जनता की समस्याओं के समाधान को प्राथमिकता देंगे। तेजप्रताप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब चुनावी माहौल बेहद गर्म है और सभी दल अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं।
एग्जिट पोल पर जताया अविश्वास
एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त दिखाए जाने पर तेजप्रताप ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं एग्जिट पोल पर विश्वास नहीं करता। 14 नवंबर को क्या होगा, यह कोई नहीं कह सकता। देखते हैं क्या होता है।” उन्होंने संकेत दिया कि एग्जिट पोल हमेशा सही नहीं होते और वास्तविक परिणाम अक्सर अनुमान को चौंका देते हैं।
महुआ सीट पर कड़ा मुकाबला
इस बार तेजप्रताप यादव अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के उम्मीदवार मुकेश कुमार रोशन से है, जिन्होंने 2020 में यह सीट जीती थी। इसके अलावा लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने संजय कुमार सिंह को मैदान में उतारा है। जन सुराज पार्टी से इंद्रजीत प्रधान और बहुजन समाज पार्टी से रिमझिम देवी भी चुनाव लड़ रही हैं। महुआ सीट पर इस बार बहुकोणीय मुकाबला है, लेकिन तेजप्रताप का दावा है कि जनता इस बार उन्हें ही चुनने वाली है।
2020 और 2015 का चुनावी इतिहास
महुआ विधानसभा सीट पर चुनावी इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। 2015 में तेजप्रताप यादव ने आरजेडी उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। 2020 में तेजप्रताप महुआ की बजाय समस्तीपुर जिले की हसनपुर सीट से चुनाव लड़े और वहाँ से विजयी हुए। 2020 में महुआ सीट से आरजेडी के मुकेश कुमार रोशन जीते, जिन्होंने इस बार भी तेजप्रताप के खिलाफ चुनाव लड़ा है। इस बार तेजप्रताप की वापसी महुआ सीट को राजनीतिक रूप से और भी महत्वपूर्ण बना रही है।
6 नवंबर को हुआ था मतदान
महुआ विधानसभा सीट के लिए पहले चरण में 6 नवंबर को मतदान कराया गया था। पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर वोट डाले गए थे। दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान हुआ। अब सभी 243 सीटों की मतगणना 14 नवंबर को होगी और यह स्पष्ट हो जाएगा कि बिहार की जनता ने किसे चुना है।
कार्यकर्ताओं में उत्साह, नेताओं में बढ़ता आत्मविश्वास
तेजप्रताप के बयान से उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उत्साहित हैं। उनका कहना है कि महुआ में इस बार माहौल तेजप्रताप के पक्ष में है और जनता उनके साथ खड़ी है। वहीं राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुकाबला दिलचस्प है और अंतिम परिणाम ही बताएगा कि जनता का असली झुकाव किस ओर है।
नतीजों से पहले सियासी गर्मी
नतीजों से पहले पूरे बिहार में राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कुछ दल एग्जिट पोल के आंकड़ों को अपना आधार बना रहे हैं, वहीं कई नेता इन्हें पूरी तरह खारिज कर रहे हैं। तेजप्रताप का दावा भी इसी राजनीतिक तापमान का हिस्सा है, जहाँ हर दल अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊँचा रखने की कोशिश में है।
चुनाव के बाद काम की तैयारी
तेजप्रताप यादव ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनका उद्देश्य चुनाव जीतना भर नहीं है, बल्कि महुआ विधानसभा क्षेत्र में ज़मीनी स्तर पर काम करना है। उन्होंने कहा कि जीत के बाद वे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और रोजगार को प्राथमिकता देंगे। उनका कहना है कि महुआ में विकास का नया मॉडल पेश किया जाएगा, जिसमें युवाओं और महिलाओं को विशेष तवज्जो दी जाएगी। मतगणना से ठीक पहले तेजप्रताप यादव का दावा बिहार की राजनीतिक हलचल को और अधिक रोचक बनाता है। महुआ सीट पर उनका विजय विश्वास और काम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता जनता की अपेक्षाओं से जुड़ी हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 14 नवंबर को मतगणना के दौरान जनता ने वास्तव में किसे चुना है—तेज़प्रताप का दावा वास्तविकता में बदलता है या फिर चुनाव परिणाम कोई नया इतिहास रचते हैं।


