November 13, 2025

पटना में ग्रामीणों का मद्यनिषेध की टीम पर हमला, चार पुलिसकर्मी जख्मी, लोगों ने दो शराबियों को छुड़ाया

पटना। राजधानी पटना के बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र से एक चिंताजनक घटना सामने आई है। बुधवार देर रात अथमलगोला थाना क्षेत्र के गंजपर गांव में शराब के खिलाफ कार्रवाई करने गई मद्यनिषेध विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इस हमले में चार पुलिसकर्मी, जिनमें तीन महिला सिपाही और एक गृहरक्षक शामिल हैं, गंभीर रूप से घायल हो गए। इतना ही नहीं, भीड़ ने टीम की चार सरकारी गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और गिरफ्तार दो शराबियों को छुड़ाकर ले गई।
कार्रवाई के दौरान हुआ हमला
घटना बुधवार देर रात की बताई जा रही है। मद्यनिषेध विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि गंजपर गांव में कुछ लोग शराब पीकर हंगामा कर रहे हैं। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और वहां दो लोगों को नशे की हालत में गिरफ्तार कर लिया। टीम जब दोनों आरोपियों को अपने साथ ले जाने लगी, तभी गांव के करीब 14-15 लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। देखते ही देखते विरोध हिंसक रूप ले लिया और भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर दिया।
20 मिनट तक चला पथराव
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ग्रामीणों ने लगभग 20 मिनट तक लगातार पथराव किया। पुलिस टीम ने बचाव का प्रयास किया, लेकिन हमलावरों की संख्या अधिक थी। इस दौरान उन्होंने गालियां दीं, डंडे फेंके और गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि टीम को पीछे हटना पड़ा। अफरातफरी के बीच ग्रामीण दोनों गिरफ्तार व्यक्तियों को छुड़ाकर अपने साथ ले गए।
घायल पुलिसकर्मी और क्षतिग्रस्त वाहन
हमले में चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनमें तीन महिला सिपाही — निधि प्रिया, निगम कुमारी और कविता कुमारी — तथा एक गृहरक्षक सत्येंद्र पासवान शामिल हैं। सभी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ पुलिसकर्मियों को सिर और कंधे में चोटें आई हैं। इसके अलावा, मद्यनिषेध विभाग की चार गाड़ियां पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं।
पुलिस की प्रतिक्रिया और कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही अथमलगोला थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने हालात पर काबू पाया और हमलावरों की तलाश शुरू की। मद्यनिषेध थाना अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि टीम नियमित गश्त पर थी और उन्हें गांव में शराब पीकर हंगामा करने की सूचना मिली थी। जब टीम वहां पहुंची, तो ग्रामीणों ने बिना किसी कारण आक्रोश दिखाया और हमला कर दिया। उन्होंने बताया कि हमले में शामिल एक आरोपी सुखदेव राय को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। इस संबंध में अथमलगोला थाना में एफआईआर दर्ज की गई है।
बिहार में शराबबंदी और बढ़ती चुनौतियाँ
बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। सरकार ने शराब की बिक्री, भंडारण और सेवन पर सख्त प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद राज्य के कई हिस्सों में अवैध शराब का कारोबार और सेवन लगातार जारी है। प्रशासन और मद्यनिषेध विभाग की टीमें अक्सर ऐसे इलाकों में छापेमारी करती हैं, जहां शराब की जानकारी मिलती है। लेकिन कई बार ये अभियान हिंसक रूप ले लेते हैं, जैसा कि गंजपर गांव में देखने को मिला।
ग्रामीणों का रवैया और सामाजिक समस्या
ग्रामीण इलाकों में शराबबंदी कानून को लेकर लोगों की दोहरी सोच देखने को मिलती है। एक ओर जहां कई लोग इसे सामाजिक सुधार के रूप में देखते हैं, वहीं कुछ लोग इसे अपनी स्वतंत्रता में हस्तक्षेप मानते हैं। कई बार शराब की तस्करी में शामिल लोग स्थानीय युवाओं को अपने साथ जोड़ लेते हैं, जिससे पुलिस कार्रवाई के दौरान टकराव की स्थिति बन जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में प्रशासन को कानून लागू करने के साथ-साथ लोगों में जागरूकता फैलाने की भी जरूरत है।
घायल टीम को मिला सहयोग
हमले के बाद पुलिस बल के अतिरिक्त जवानों को गांव में तैनात किया गया है। वहीं, घायल महिला सिपाहियों का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में कराया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि सभी की हालत स्थिर है। विभाग ने घटना की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है।
प्रशासन का सख्त रुख
अधिकारियों ने साफ किया है कि सरकारी कर्मचारियों पर हमला किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पटना जिला प्रशासन ने कहा है कि हमले में शामिल सभी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर न्यायिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, गंजपर गांव में स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है।
समाज में बढ़ती असहिष्णुता का संकेत
यह घटना इस बात का संकेत है कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू करने के प्रयासों के सामने अभी भी सामाजिक और मानसिक प्रतिरोध मौजूद है। पुलिस पर हमला न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह सरकारी तंत्र को चुनौती देने जैसा है। ऐसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि कानून लागू करने के साथ-साथ समाज में नैतिक और सामाजिक जागरूकता की आवश्यकता भी उतनी ही जरूरी है। पटना के अथमलगोला क्षेत्र में मद्यनिषेध टीम पर हुआ यह हमला कानून व्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है। शराबबंदी जैसे सामाजिक सुधार अभियान को सफल बनाने के लिए केवल पुलिस कार्रवाई ही नहीं, बल्कि जनता का सहयोग भी आवश्यक है। जब समाज स्वयं कानून के पालन में सहयोग करेगा, तभी ऐसी घटनाएं रुक सकेंगी। फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और बाकी की तलाश जारी है। उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन सख्त कार्रवाई कर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उपाय करेगा।

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