November 12, 2025

दिल्ली ब्लास्ट मामले में फरीदाबाद से मौलवी गिरफ्तार, घर से भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद

नई दिल्ली। दिल्ली में हुए हालिया ब्लास्ट मामले की जांच में एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अल फलाह विश्वविद्यालय परिसर से एक मौलवी को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान मौलवी इश्तियाक के रूप में हुई है। यह गिरफ्तारी उस आतंकवादी नेटवर्क से जुड़ी मानी जा रही है, जिसने हाल ही में दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए भीषण विस्फोट को अंजाम दिया था। इस धमाके में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हैं।
मेवात से गिरफ्तारी और बरामदगी
सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस की विशेष टीम ने हरियाणा के मेवात और फरीदाबाद में संयुक्त छापेमारी की। इसी दौरान फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय परिसर में मौलवी इश्तियाक के किराए के घर से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान पुलिस को 2,500 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर मिला, जो उच्च क्षमता वाले विस्फोटक बनाने में प्रयुक्त होते हैं। पुलिस का कहना है कि यह बरामदगी इस बात का सबूत है कि मौलवी इश्तियाक का संबंध एक संगठित आतंकवादी मॉड्यूल से था। फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए श्रीनगर भेज दिया है, जहां इस नेटवर्क के कई अन्य सदस्य पहले से ही हिरासत में हैं।
आतंकवादी नेटवर्क की कड़ी जुड़ी
जांच एजेंसियों के अनुसार, मौलवी इश्तियाक का संपर्क दो डॉक्टरों—डॉ. मुजम्मिल गनई उर्फ मुसैब और डॉ. उमर नबी—से था, जो इस आतंकवादी मॉड्यूल के सक्रिय सदस्य हैं। बताया गया है कि यही दोनों व्यक्ति दिल्ली ब्लास्ट की साजिश रचने और उसे अंजाम देने में प्रमुख भूमिका निभा रहे थे। मौलवी के घर पर ही इन आतंकियों की नियमित बैठकें होती थीं, जहां देशभर में संभावित धमाकों की योजनाएँ बनाई जाती थीं।
ब्लास्ट की साजिश और कार चालक की भूमिका
पुलिस जांच में सामने आया है कि डॉ. उमर नबी ही वह शख्स था जो धमाका करने वाली कार को चला रहा था। दिल्ली के लाल किला इलाके में खड़ी इस कार में विस्फोटकों की बड़ी मात्रा रखी गई थी, जिससे शक्तिशाली धमाका हुआ। इस विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया और 12 लोगों की जान चली गई। शुरुआती जांच में यह भी पता चला कि मौलवी के घर पर रखे गए विस्फोटक इन्हीं डॉक्टरों द्वारा वहां छिपाए गए थे, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
लाल किला ब्लास्ट के बाद से दिल्ली पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड में है। राजधानी में सभी प्रवेश और निकास मार्गों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पुलिस वाहनों की सघन तलाशी ले रही है और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सभी जिला इकाइयों, विशेष शाखाओं और आतंकवाद निरोधक इकाइयों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, दिल्ली पुलिस ने भीड़भाड़ वाले इलाकों—जैसे पर्यटन स्थलों, मॉल, बाजारों और धार्मिक स्थलों—के आसपास सुरक्षा व्यवस्था और गश्त बढ़ा दी है। पुलिस को यह आशंका है कि इस मॉड्यूल के अन्य सदस्य अब भी राजधानी या आसपास के इलाकों में छिपे हो सकते हैं और किसी नए हमले की साजिश रच सकते हैं।
अब तक हुई गिरफ्तारियां और जांच की दिशा
दिल्ली ब्लास्ट मामले में पुलिस अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें डॉक्टर, मौलवी और अन्य संदिग्ध शामिल हैं, जो अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय थे। गिरफ्तार मौलवी इश्तियाक से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिलने की उम्मीद है। जांच एजेंसियों का कहना है कि यह नेटवर्क न केवल दिल्ली बल्कि उत्तर भारत के कई हिस्सों में सक्रिय था। पुलिस को यह भी संदेह है कि इस मॉड्यूल की फंडिंग विदेशों से हो रही थी। जांच अधिकारी अब मौलवी के बैंक खातों और मोबाइल रिकॉर्ड्स की पड़ताल कर रहे हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसे धन और निर्देश कहां से मिल रहे थे।
आतंकवाद पर बढ़ती चिंता
दिल्ली ब्लास्ट ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को एक बार फिर चौकन्ना कर दिया है। राजधानी में इस तरह के बड़े हमले का होना यह संकेत देता है कि आतंकी संगठन अब भी सक्रिय हैं और नए-नए तरीके अपनाकर अपने नेटवर्क को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मॉड्यूल डॉक्टरों और धार्मिक गुरुओं की आड़ में काम कर रहा था, जिससे उनकी गतिविधियों पर तुरंत संदेह नहीं हो पाया।
आम लोगों में भय और सरकार की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद दिल्ली और आसपास के इलाकों में भय का माहौल है। लोग भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बच रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों को सतर्क रहने के निर्देश जारी किए हैं। गृहमंत्रालय ने खुफिया एजेंसियों से रिपोर्ट मांगी है और कहा है कि देशभर में आतंकवादी गतिविधियों की रोकथाम के लिए एकीकृत अभियान चलाया जाएगा। फरीदाबाद से मौलवी इश्तियाक की गिरफ्तारी ने दिल्ली ब्लास्ट मामले की जांच को एक नई दिशा दी है। भारी मात्रा में विस्फोटक की बरामदगी यह संकेत देती है कि यह नेटवर्क बड़ी और संगठित योजना पर काम कर रहा था। पुलिस और जांच एजेंसियों के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती इस पूरे आतंकवादी तंत्र की जड़ों तक पहुंचना है। राजधानी में बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था और लगातार हो रही गिरफ्तारियों से यह स्पष्ट है कि प्रशासन इस मामले को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है। मौलवी इश्तियाक से होने वाली पूछताछ आने वाले दिनों में कई चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है, जो न केवल इस ब्लास्ट बल्कि उससे जुड़े अन्य साजिशों की परतें भी खोल देगी।

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