November 12, 2025

बिहार चुनाव के दूसरे चरण में मतदान जारी: बंपर वोटिंग की उम्मीद, कई दिग्गजों का होगा फैसला

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे चरण में मंगलवार को राज्यभर में मतदान जारी है। यह चरण न केवल बिहार की सियासी दिशा तय करने वाला है, बल्कि यह भी दिखा रहा है कि मतदाता किस तरह लोकतंत्र के इस पर्व को उत्साह के साथ मना रहे हैं। सुबह 9 बजे तक 14.55 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था और उम्मीद जताई जा रही है कि दिन चढ़ने के साथ यह आंकड़ा पहले चरण से भी आगे निकल सकता है।
दूसरे चरण की अहमियत और आंकड़े
दूसरे चरण में कुल 122 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो रही है, जिसमें 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनका राजनीतिक भविष्य मंगलवार शाम पांच बजे तक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में कैद हो जाएगा। इस चरण में 45,399 मतदान केंद्रों पर करीब 3 करोड़ 70 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। इनमें 1 करोड़ 95 लाख से अधिक पुरुष, 1 करोड़ 74 लाख 68 हजार महिलाएं और 943 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। मतदाताओं की संख्या के लिहाज से हिसुआ विधानसभा क्षेत्र सबसे बड़ा निर्वाचन क्षेत्र माना जा रहा है। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस चरण का नतीजा यह बताएगा कि जनता ने इस बार किसे राज्य की कमान सौंपने का मन बनाया है।
पिछले चुनावों का सियासी परिदृश्य
2020 के विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नज़र डालें तो इन 122 सीटों में से भाजपा ने 42 सीटें, राजद ने 33, जदयू ने 20, कांग्रेस ने 11, भाकपा माले ने 5, एआईएमआईएम ने 5, हम ने 4 और बसपा ने 1 सीट पर जीत दर्ज की थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए थे। इस बार इन सीटों पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है, क्योंकि महागठबंधन और एनडीए दोनों ही गठबंधन जनता के मूड को भांपने की पूरी कोशिश में हैं।
एनडीए का आत्मविश्वास और दावे
जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि बिहार में इस बार मतदान के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। उनका कहना है कि लोगों का रुझान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार की ओर है। उन्होंने दावा किया कि महिलाओं का मतदान प्रतिशत तेजी से बढ़ा है और मतदाता अब विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं। नीरज कुमार ने महागठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव मैदान में देर से उतरते हैं और हार की जिम्मेदारी ईवीएम पर डालते हैं। वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी जनता से एनडीए के पक्ष में मतदान करने की अपील की। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य में विकास के कार्य हुए हैं—सड़कें बनी हैं, बिजली 24 घंटे मिल रही है और अस्पतालों की स्थिति में सुधार हुआ है। मांझी ने कहा कि इससे बेहतर सरकार बिहार को नहीं मिल सकती। बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी मतदान को लेकर उत्साह जताया। उन्होंने कहा कि सुबह से ही सभी बूथों पर लंबी कतारें लगी हैं और लोगों का जोश देखकर लग रहा है कि एनडीए के उम्मीदवारों को भारी समर्थन मिल रहा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा प्रत्याशी तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि कटिहार के मतदाताओं ने हमेशा विकास को प्राथमिकता दी है। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार की योजनाओं का असर इस बार के मतदान में साफ दिखाई देगा।
विपक्ष का नजरिया और प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, महागठबंधन के नेता जनता के बीच अपनी बात रख रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान, बीमा भारती, पूर्णिमा यादव और अजीत शर्मा जैसे कई दिग्गजों की साख इस चरण में दांव पर लगी है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम) के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान भी इस चरण में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं। एआईएमआईएम के लिए यह चुनाव राज्य में अपनी उपस्थिति को बनाए रखने और बढ़ाने का अहम अवसर है।
जन सुराज की प्रतिक्रिया
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि दिल्ली में हुए ब्लास्ट जैसे घटनाक्रमों से बिहार के मतदाताओं को विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव बिहार के मुद्दों पर ही लड़ा जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय केंद्र सरकार का है और इस पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहना चाहिए।
दूसरे चरण में दिग्गजों की साख
दूसरे चरण में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। एनडीए की ओर से पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, तारकिशोर प्रसाद, बिजेंद्र प्रसाद यादव, डॉ. प्रेम कुमार, नीरज कुमार सिंह, लेशी सिंह, सुनील कुमार पिंटू, सुमित कुमार सिंह, जयंत राज, श्रेयसी सिंह और अन्य नेता मैदान में हैं। इनके साथ ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी की बहू दीपा कुमारी और उनकी समधन ज्योति देवी भी इस चरण के चुनावी अखाड़े में हैं। राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता और अनिल कुमार भी इस चरण में अपना राजनीतिक भविष्य आजमा रहे हैं। यह चरण एनडीए और महागठबंधन दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है, क्योंकि दोनों ही गठबंधन जानते हैं कि इस चरण का प्रदर्शन अंतिम चरण पर सीधा असर डालेगा।
मतदाताओं में उत्साह और चुनाव आयोग की तैयारी
चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए हैं। राज्यभर में हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और संवेदनशील बूथों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी केंद्रों तक मतदान केंद्रों पर सुबह से ही लंबी कतारें दिख रही हैं। महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी इस बार के चुनाव की खासियत है। पिछली बार की तुलना में महिलाओं की मतदान दर में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। कई इलाकों में पहली बार वोट डालने वाले युवा मतदाताओं ने भी लोकतंत्र में अपनी भागीदारी को लेकर उत्साह जताया है। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मतदाताओं की बढ़ती संख्या और जोश ने यह साफ कर दिया है कि जनता अब विकास और स्थिरता को लेकर गंभीर है। चुनावी माहौल में हालांकि दलों के बीच बयानबाज़ी जारी है, लेकिन मतदाता अपने विवेक से यह तय कर रहे हैं कि राज्य के लिए कौन-सा नेतृत्व बेहतर होगा। अब सबकी निगाहें 14 नवंबर की मतगणना पर टिकी हैं, जब यह साफ होगा कि बिहार की जनता ने इस चुनावी जंग में किस पर भरोसा जताया है। दूसरे चरण का यह मतदान केवल सत्ता का समीकरण तय नहीं करेगा, बल्कि यह भी दिखाएगा कि बिहार की जनता किस तरह लोकतंत्र की मजबूती में अपनी भूमिका निभा रही है।

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