January 1, 2026

मोकामा में निर्दलीय उम्मीदवार पर जानलेवा हमला, युवकों ने लाठी-डंडों से पीटा, थाने में मामला दर्ज

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा विधानसभा क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है। रविवार देर रात यहां निर्दलीय प्रत्याशी राहुल कुमार पर जानलेवा हमला किया गया। चुनाव समाप्त होने के बाद भी इस क्षेत्र में राजनीतिक तनाव कम नहीं हुआ है। इस हमले ने एक बार फिर मोकामा की सियासी फिज़ा को गर्मा दिया है, जहां पहले भी चुनावी हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं।
देर रात हुआ हमला, राहुल कुमार ने दर्ज कराई शिकायत
घटना रविवार देर रात की बताई जा रही है, जब निर्दलीय प्रत्याशी राहुल कुमार अपने घर लौट रहे थे। उन्होंने पुलिस को दिए आवेदन में बताया कि तेराहा और बाजार चौक के बीच कुछ युवकों ने उन पर हमला किया। राहुल कुमार ने आरोप लगाया कि एक टाटा सफारी से आए तीन लोगों ने पहले उन्हें कुचलने की कोशिश की और फिर लाठी-डंडे तथा रॉड से बेरहमी से पीटा। हमलावरों में मोकामा वार्ड नंबर 18 के निवासी शिवम उर्फ गोलू, सत्यम कुमार और एक अज्ञात युवक शामिल बताए जा रहे हैं। राहुल कुमार के अनुसार, हमलावरों ने उनके सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें पहुंचाईं और जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि उनके स्कूटी को भी तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
घायल प्रत्याशी को अस्पताल में भर्ती कराया गया
हमले के बाद राहुल कुमार ने तत्काल पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर कॉल किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उनके सिर और चेहरे पर गहरी चोटें आई हैं, फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। मोकामा थाना प्रभारी ने बताया कि शिकायत दर्ज कर ली गई है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों की पहचान हो चुकी है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है।
मोकामा की सियासत फिर चर्चा में
मोकामा विधानसभा सीट का इतिहास हिंसा और बाहुबलियों से जुड़ा रहा है। यहां राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता अक्सर हिंसक रूप ले लेती है। इस बार भी चुनाव प्रचार के दौरान कई हिंसक घटनाएं सामने आईं। जनसुराज पार्टी के प्रत्याशी प्रियदर्शी पीयूष के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने पूरे इलाके को दहला दिया था। उस मामले में बाहुबली नेता अनंत सिंह की गिरफ्तारी भी हुई थी। अब निर्दलीय प्रत्याशी पर हुए हमले ने मोकामा की चुनावी स्थिति को एक बार फिर अस्थिर बना दिया है। स्थानीय लोगों के अनुसार, क्षेत्र में लगातार बढ़ती राजनीतिक प्रतिस्पर्धा और वर्चस्व की लड़ाई से आम जनता भयभीत है।
चुनाव प्रचार से लेकर मतदान तक हिंसा का साया
मोकामा विधानसभा सीट पर 6 नवंबर को मतदान हुआ था। प्रशासन ने इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी और करीब 65 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इसके बावजूद चुनाव प्रचार और मतदान के बाद हिंसा की घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोकामा में इस बार जदयू की ओर से बाहुबली अनंत सिंह मैदान में थे, जबकि महागठबंधन की ओर से वीणा देवी, जो सूरजभान सिंह की पत्नी हैं, ने चुनाव लड़ा। वहीं राहुल कुमार ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सेब छाप चुनाव चिन्ह पर अपनी किस्मत आजमाई। राहुल कुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान खुद को एक “साफ-सुथरी छवि वाले उम्मीदवार” के रूप में प्रस्तुत किया था और कहा था कि वह मोकामा को हिंसा और भय की राजनीति से मुक्त करेंगे। लेकिन चुनाव समाप्त होते ही उन पर हुआ हमला इस बात की ओर इशारा करता है कि मोकामा में राजनीतिक प्रतिशोध और वर्चस्व की जंग अभी खत्म नहीं हुई है।
हमले के बाद बढ़ी सुरक्षा, जांच में जुटी पुलिस
हमले के बाद मोकामा और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल बन गया है। पुलिस ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है। एसडीपीओ बाढ़ ने बताया कि “प्रत्याशी राहुल कुमार पर हुए हमले को गंभीरता से लिया गया है। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और सभी संभावित एंगल से जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।” पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि घटना पुरानी रंजिश और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जुड़ी हो सकती है। हालांकि, सभी पहलुओं की जांच जारी है।
क्षेत्र में फैली दहशत, लोगों में नाराजगी
इस हमले के बाद मोकामा के लोगों में डर और गुस्सा दोनों है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान प्रशासन ने शांति बनाए रखने का वादा किया था, लेकिन मतदान खत्म होते ही हिंसा फिर सिर उठाने लगी। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम चाहते हैं कि मोकामा में अब हिंसा बंद हो। लोग अब विकास चाहते हैं, डर नहीं।” वहीं कुछ लोगों ने कहा कि बार-बार होने वाली इस तरह की घटनाओं से मोकामा की छवि पर नकारात्मक असर पड़ता है। निर्दलीय प्रत्याशी राहुल कुमार पर हुआ यह हमला मोकामा की चुनावी राजनीति में व्याप्त अस्थिरता को उजागर करता है। यह घटना केवल एक उम्मीदवार पर हमला नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक माहौल पर सीधा प्रहार है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है। लेकिन यह सवाल अब भी कायम है कि क्या मोकामा कभी भय और हिंसा से मुक्त होकर एक शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक क्षेत्र बन पाएगा। फिलहाल, इस घटना ने राज्यभर में राजनीतिक सुरक्षा और चुनावी हिंसा पर नई बहस को जन्म दे दिया है।

You may have missed