मुकेश साहनी ने एनडीए में जाने की खबरों को बताया अफवाह, कहा- ये बीजेपी का षड्यंत्र, कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से पहले सियासी माहौल में बड़ी हलचल मच गई जब कुछ स्थानीय मीडिया चैनलों ने यह दावा किया कि विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश सहनी जल्द ही महागठबंधन छोड़कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं। इस खबर ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं का दौर तेज कर दिया, लेकिन सोमवार को मुकेश सहनी ने खुद इन खबरों का जोरदार खंडन किया। उन्होंने इसे “भ्रामक और बीजेपी द्वारा रचा गया षड्यंत्र” करार दिया और कहा कि ऐसी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ वह कानूनी कार्रवाई करेंगे।
अफवाह फैलाने वालों को दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
मुकेश सहनी ने पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “यह पूरी तरह झूठी और बेबुनियाद खबर है। मैं पूरी मजबूती से महागठबंधन के साथ हूं और रहूंगा। जो लोग यह अफवाह फैला रहे हैं, वे जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा और उसके समर्थक यह प्रचार इसलिए कर रहे हैं ताकि मतदाताओं के बीच भ्रम फैलाया जा सके।”सहनी ने आगे कहा कि उनकी पार्टी विकासशील इंसान पार्टी महागठबंधन की नीतियों और विचारधारा के प्रति पूरी तरह से समर्पित है। उन्होंने उन मीडिया संस्थानों को भी कड़ी चेतावनी दी जिन्होंने यह खबर प्रसारित की थी। सहनी ने कहा कि “अगर किसी भी चैनल या पोर्टल ने बिना पुष्टि के इस तरह की गलत खबरें चलाईं, तो मैं अदालत का दरवाजा खटखटाने में देर नहीं करूंगा।”
बीजेपी पर लगाया साजिश रचने का आरोप
वीआईपी प्रमुख ने कहा कि यह खबर भाजपा की “रणनीतिक चाल” का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि “जब बिहार में महागठबंधन पूरी मजबूती के साथ चुनाव मैदान में है और जनता में उसके पक्ष में माहौल बन चुका है, तो भाजपा भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। भाजपा को मालूम है कि इस बार जनता उनके झूठे वादों में नहीं आने वाली। इसलिए वे हमारे खिलाफ झूठी कहानियां गढ़ रहे हैं।” उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “जब महागठबंधन तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ रहा है, तो मैं एनडीए में क्यों जाऊं? यह अफवाह फैलाने वालों की राजनीतिक मंशा को उजागर करता है।”
महागठबंधन के प्रति वफादारी दोहराई
मुकेश सहनी ने साफ शब्दों में कहा कि वह महागठबंधन के साथ हैं और रहेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का लक्ष्य बिहार के पिछड़े, दलित और मछुआरा समुदाय के उत्थान के लिए काम करना है, और इसके लिए महागठबंधन ही सबसे बेहतर मंच है। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा गरीबों, मछुआरों और वंचित वर्गों की आवाज उठाई है। महागठबंधन ने हमारी सोच को समर्थन दिया है। ऐसे में गठबंधन बदलने का कोई सवाल ही नहीं उठता।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी का अस्तित्व समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने के लिए है, और एनडीए की राजनीति सिर्फ सत्ता की भूख पर आधारित है।
मीडिया की भूमिका पर उठाए सवाल
मुकेश सहनी ने इस मौके पर मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया चैनल चुनाव के दौरान बिना तथ्यों की पुष्टि के भ्रामक खबरें चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि “मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, लेकिन कुछ लोग इस जिम्मेदारी का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। झूठी खबरों से जनता में गलत संदेश जाता है और लोकतंत्र कमजोर होता है।” सहनी ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि कुछ चैनलों ने उनसे बिना संपर्क किए यह खबर चला दी। उन्होंने कहा कि “कम से कम पत्रकारिता का एक न्यूनतम दायित्व होना चाहिए कि खबर चलाने से पहले संबंधित व्यक्ति से बात की जाए।”
चुनाव प्रचार में व्यस्त रहे सहनी
दूसरे चरण के मतदान से पहले रविवार को मुकेश सहनी ने कटिहार, मधेपुरा और सुपौल में महागठबंधन के प्रत्याशियों के पक्ष में जनसभाएं कीं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे “विकास के मुद्दे” पर वोट करें और अफवाहों से दूर रहें। उन्होंने कहा कि “बिहार में इस बार परिवर्तन नहीं, बल्कि स्थिरता और विकास की सरकार चाहिए। महागठबंधन की सरकार ही यह भरोसा दे सकती है।” उन्होंने आगे कहा कि “जनता जानती है कि किसने बिहार को लूटा और किसने विकास की बात की। नीतीश कुमार और भाजपा की सरकार ने सिर्फ वादे किए, लेकिन न तो रोजगार दिया और न ही युवाओं का भविष्य सुरक्षित किया। महागठबंधन की सरकार बनने पर हम हर घर में रोजगार और शिक्षा की गारंटी देंगे।”
जनता से की अपील — अफवाहों पर ध्यान न दें
सहनी ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों या फर्जी खबरों पर विश्वास न करें। उन्होंने कहा कि “मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि महागठबंधन एकजुट है और मजबूत सरकार बनाने जा रहा है। बिहार की जनता अब समझ चुकी है कि कौन उनके साथ है और कौन उन्हें धोखा दे रहा है।” मुकेश सहनी का यह बयान न केवल अफवाहों का खंडन करता है बल्कि महागठबंधन के भीतर उनकी भूमिका को भी स्पष्ट करता है। चुनाव के इस महत्वपूर्ण चरण में भाजपा पर “षड्यंत्र” का आरोप लगाते हुए उन्होंने विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिश की है। उन्होंने यह साफ कर दिया कि वे किसी भी सूरत में एनडीए में शामिल नहीं होंगे और अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटेंगे। सहनी का यह रुख महागठबंधन के लिए राहतभरा संदेश है, वहीं भाजपा के लिए यह संकेत है कि विकासशील इंसान पार्टी का समर्थन विपक्षी गठबंधन को और मजबूती देगा।


