January 1, 2026

प्रदेश के गर्ल्स हॉस्टलों का निरीक्षण करेगा महिला आयोग, सुविधाओं की होगी जांच, चुनाव बाद बनेगा शेड्यूल

पटना। बिहार राज्य महिला आयोग ने प्रदेश भर के गर्ल्स हॉस्टलों का औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। आयोग का उद्देश्य राज्य में रह रही छात्राओं की सुरक्षा, उनके पोषण और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति का आकलन करना है। आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक विस्तृत शेड्यूल तैयार किया जाएगा, जिसके तहत विभिन्न जिलों के सरकारी और निजी छात्रावासों का निरीक्षण किया जाएगा।
राजधानी से होगी अभियान की शुरुआत
महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि निरीक्षण अभियान की शुरुआत राजधानी पटना से की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजधानी में बड़ी संख्या में ऐसी छात्राएं रहती हैं जो अपने सपनों को साकार करने के लिए दूर-दराज के जिलों से यहां पढ़ने आती हैं। इसलिए सबसे पहले पटना यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेजों के हॉस्टलों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद अन्य सरकारी और गैर-सरकारी हॉस्टलों में भी जांच अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि “राजधानी में कई महिलाएं और लड़कियां शिक्षा, प्रशिक्षण और नौकरी की तलाश में आती हैं। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिले। हम यह भी देखेंगे कि हॉस्टलों में भोजन और स्वास्थ्य से संबंधित मानक पूरे किए जा रहे हैं या नहीं।”
सुरक्षा और पोषण पर रहेगा खास ध्यान
महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि निरीक्षण का मुख्य फोकस महिला सुरक्षा और पोषण की स्थिति पर रहेगा। आयोग यह जांच करेगा कि छात्राओं के लिए सुरक्षा व्यवस्था कितनी सुदृढ़ है — जैसे सीसीटीवी कैमरे, गार्ड की तैनाती, और हॉस्टल के गेट की निगरानी व्यवस्था। इसके अलावा, भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई और स्वास्थ्य सुविधाओं की भी समीक्षा की जाएगी। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि “कई हॉस्टलों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की शिकायतें मिलती रही हैं। कुछ मामलों में छात्राओं ने यह भी बताया कि उन्हें पौष्टिक भोजन नहीं दिया जाता या स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं है। हमारा प्रयास है कि ऐसे सभी मामलों की जांच कर उन्हें सुधारने के लिए निर्देश दिए जाएं।”
जिलों से मिली शिकायतें बनीं कार्रवाई की वजह
महिला आयोग के पास हाल के महीनों में कई जिलों से शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों में कुछ हॉस्टलों में छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार, भोजन की खराब गुणवत्ता और असुरक्षित माहौल की बात कही गई थी। आयोग का कहना है कि इन शिकायतों ने ही औचक निरीक्षण करने का निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाई है। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि “हमारे पास ऐसे कई मामले आए हैं जिनमें महिला सुरक्षा की अनदेखी हुई है। कुछ मामलों में छात्राओं ने डर की वजह से औपचारिक शिकायत नहीं की। इसलिए हमने तय किया है कि हम स्वयं जाकर इन जगहों का निरीक्षण करेंगे और प्रत्यक्ष रूप से छात्राओं से बातचीत करेंगे।”
चुनाव के बाद बनेगा निरीक्षण का शेड्यूल
आयोग ने यह भी बताया कि वर्तमान में राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू होने के कारण निरीक्षण कार्य स्थगित रखा गया है। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद आयोग एक विस्तृत निरीक्षण कार्यक्रम तैयार करेगा। इस शेड्यूल में यह तय किया जाएगा कि किस दिन, किस जिले के कौन से हॉस्टल का दौरा किया जाएगा। अध्यक्ष ने बताया कि निरीक्षण केवल सरकारी हॉस्टलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि निजी छात्रावासों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल कमियों को उजागर करना नहीं है, बल्कि उन्हें दूर करने के लिए प्रशासन को सुझाव देना भी है। जहां भी सुधार की जरूरत होगी, वहां ठोस सिफारिशें की जाएंगी।”
छात्राओं से सीधे ली जाएगी फीडबैक
महिला आयोग की टीम प्रत्येक हॉस्टल में जाकर छात्राओं से सीधी बातचीत करेगी। उनसे पूछा जाएगा कि वे खुद को कितना सुरक्षित महसूस करती हैं, क्या उन्हें पर्याप्त भोजन, स्वास्थ्य सुविधा और गोपनीयता मिल रही है। आयोग छात्राओं के बयान को गोपनीय रखेगा ताकि कोई भी लड़की बिना डर के अपनी समस्या बता सके। आयोग ने यह भी कहा है कि निरीक्षण के दौरान मिलने वाली शिकायतों को दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। संबंधित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वे सुधारात्मक कदम उठाएं।
राजधानी में बनेंगे महिला सहायता केंद्र
महिला आयोग ने यह भी योजना बनाई है कि राजधानी पटना में कुछ स्थानों पर महिला सहायता केंद्र (विमेन हेल्प डेस्क) बनाए जाएंगे, जहां हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं अपनी समस्याओं को सीधे रख सकेंगी। इन केंद्रों के माध्यम से उनकी शिकायतें सीधे आयोग तक पहुंचेंगी। आयोग की अध्यक्ष ने कहा, “हमारी कोशिश है कि छात्राएं अपनी सुरक्षा और अधिकारों को लेकर जागरूक हों। जो भी समस्या हो, वह छिपे नहीं बल्कि खुले तौर पर सामने आए।” बिहार राज्य महिला आयोग की यह पहल राज्य में महिलाओं और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। हॉस्टलों में रह रही छात्राओं की सुरक्षा, पोषण और स्वास्थ्य व्यवस्था पर सीधा फोकस करते हुए आयोग यह सुनिश्चित करना चाहता है कि हर लड़की को सुरक्षित और सम्मानजनक माहौल मिले। चुनाव के बाद शुरू होने वाला यह निरीक्षण अभियान न केवल समस्याओं की पहचान करेगा बल्कि राज्य सरकार और संस्थानों को जवाबदेह बनाने का भी कार्य करेगा। आयोग की यह पहल उन हजारों छात्राओं के लिए उम्मीद की किरण है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए घर से दूर रह रही हैं।

You may have missed