November 12, 2025

बिहार चुनाव के बाद भाजपा को मिलेगा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजनाथ सिंह ने दी जानकारी

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक बदलाव को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक अहम बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा। साथ ही उन्होंने इस बात का भी खंडन किया कि भाजपा अध्यक्ष के चयन को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा के बीच किसी प्रकार का मतभेद है। राजनाथ सिंह ने एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि भाजपा एक लोकतांत्रिक दल है, और संगठन से जुड़े सभी फैसले सामूहिक रूप से लिए जाते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि आरएसएस भाजपा के राजनीतिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करता और यह निर्णय पूरी तरह पार्टी के नेतृत्व के स्तर पर लिया जाएगा।
बिहार चुनाव के बाद होगा नया अध्यक्ष का चयन
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में पार्टी का पूरा ध्यान बिहार विधानसभा चुनाव पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि जैसे ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी होगी, भाजपा अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा करेगी। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से भाजपा में संगठनात्मक पुनर्गठन की चर्चा तेज रही है। भाजपा के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने वाला है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व और संसदीय बोर्ड नए अध्यक्ष के नाम पर विचार कर रहा है। हालांकि, अब तक किसी नाम की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। राजनाथ सिंह ने कहा, “हम एक व्यवस्थित संगठन हैं। भाजपा में हर निर्णय पर विचार-विमर्श के बाद ही घोषणा की जाती है। नया अध्यक्ष तय प्रक्रिया के तहत चुना जाएगा।”
आरएसएस और भाजपा में मतभेद की खबरों को बताया निराधार
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे यह पूछा गया कि क्या पार्टी और संघ के बीच अध्यक्ष पद को लेकर मतभेद है, तो उन्होंने साफ कहा कि यह पूरी तरह निराधार बात है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस के बीच हमेशा तालमेल रहा है। “संघ हमारे संगठन का वैचारिक आधार है, लेकिन राजनीतिक निर्णय पूरी तरह भाजपा के भीतर तय होते हैं। संघ कभी भी राजनीतिक निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करता,” उन्होंने कहा। राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि भाजपा एक विचारधारा-आधारित पार्टी है और उसकी सफलता का कारण उसका संगठनात्मक अनुशासन और वैचारिक एकता है।
बिहार चुनाव में दो-तिहाई बहुमत का दावा
राजनाथ सिंह ने साक्षात्कार के दौरान बिहार चुनाव पर भी विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन को बिहार में भारी जनसमर्थन मिल रहा है और इस बार गठबंधन 160 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगा। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरी तरह एकजुट है। हम दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले चरण के मतदान में जनता का जोश साफ दिखा रहा है कि राज्य में एनडीए की सरकार ही बनने जा रही है। “हमारी जनसभाओं में जिस तरह का उत्साह दिखाई दे रहा है, उससे यह स्पष्ट है कि जनता विकास और स्थिरता के पक्ष में वोट दे रही है,” उन्होंने कहा।
नीतीश कुमार ही होंगे मुख्यमंत्री
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या चुनाव के बाद मुख्यमंत्री का चेहरा नीतीश कुमार ही रहेंगे, तो राजनाथ सिंह ने स्पष्ट जवाब दिया, “राजग नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहा है, इसलिए स्वाभाविक रूप से वही मुख्यमंत्री बनेंगे।” उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को गलत बताया कि भाजपा, नीतीश कुमार को किनारे करने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि एनडीए एकजुट है और जनता का भरोसा इस गठबंधन पर कायम है।
प्रशांत किशोर पर टिप्पणी
इंटरव्यू में जब प्रशांत किशोर की राजनीतिक भूमिका पर सवाल पूछा गया, तो राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रशांत किशोर को लेकर जो चर्चाएं हो रही हैं, वे चुनाव के नतीजों पर कोई असर नहीं डालेंगी। उन्होंने कहा, “प्रशांत किशोर का प्रभाव इतना बड़ा नहीं है कि उसके आधार पर कोई चुनाव परिणाम तय किया जा सके। बिहार की जनता समझदार है और उसे पता है कि जन सुराज पार्टी कोई सीट जीतने की स्थिति में नहीं है।” राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि जनता केवल नारों या रणनीतियों से नहीं, बल्कि नेतृत्व के भरोसे पर वोट करती है। “बिहार में जनता विकास और सुशासन चाहती है, और वह जानती है कि यह केवल एनडीए के नेतृत्व में ही संभव है,” उन्होंने जोड़ा।
उपमुख्यमंत्री पद पर भविष्य में फैसला
भाजपा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से एक-एक उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना पर उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई औपचारिक निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, “भविष्य में जो भी होगा, वह सामूहिक सहमति से होगा। जब सभी साथी मिलकर बैठेंगे, तो तय किया जाएगा कि सरकार में कौन-कौन सी जिम्मेदारियां दी जाएं।”
भाजपा के संगठनात्मक ढांचे पर भरोसा
राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा का संगठन बहुत मजबूत है और पार्टी में निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी तरह लोकतांत्रिक है। “हमारे यहां व्यक्ति नहीं, बल्कि विचार और सामूहिक निर्णय सर्वोपरि होता है। भाजपा में कार्यकर्ताओं से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक संवाद और समन्वय की परंपरा है,” उन्होंने कहा। उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद दिया और कहा कि भाजपा की ताकत उसके लाखों कार्यकर्ता हैं, जो देशभर में लोगों तक सरकार की नीतियां पहुंचा रहे हैं। राजनाथ सिंह का यह बयान भाजपा के अंदर चल रही चर्चाओं को एक नई दिशा देता है। उन्होंने साफ कर दिया कि बिहार चुनाव के बाद पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा और यह निर्णय पूरी तरह संगठन के भीतर की प्रक्रिया के तहत लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि भाजपा में कोई आंतरिक मतभेद नहीं है और आरएसएस के साथ संबंध पहले की तरह सौहार्दपूर्ण हैं। बिहार चुनाव को लेकर उनके विश्वास भरे शब्दों से यह साफ झलकता है कि एनडीए नेतृत्व को जनता के समर्थन पर पूरा भरोसा है। आने वाले दिनों में भाजपा संगठनात्मक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर नए बदलावों की दिशा में आगे बढ़ने के लिए तैयार दिख रही है।

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