गोपालगंज में इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर दो पक्षों में हिंसक झड़प, चाकू से हमला, पांच घायल
गोपालगंज। जिले में सोशल मीडिया पर शुरू हुआ विवाद देर रात खूनी संघर्ष में बदल गया। उचकागांव थाना क्षेत्र में शुक्रवार की रात इंस्टाग्राम पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर दो पक्षों के बीच पहले बहस हुई और फिर मामला इतना बिगड़ गया कि दोनों ओर से चाकूबाजी शुरू हो गई। इस घटना में एक ही परिवार के पांच सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है।
सोशल मीडिया की बहस ने लिया हिंसक रूप
यह घटना उचकागांव ब्लॉक के पास की है, जहां दो युवकों के बीच इंस्टाग्राम पर अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवाद शुरू हुआ। बताया जाता है कि एक युवक ने दूसरे के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल होते ही दोनों समूहों में गाली-गलौज शुरू हो गई। कुछ ही देर में दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, पहले दोनों के बीच कहासुनी और धक्का-मुक्की हुई, लेकिन थोड़ी ही देर में लाठी-डंडे और चाकू चलने लगे। एक पक्ष ने दूसरे पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। स्थिति इतनी भयावह हो गई कि आसपास के लोगों को हस्तक्षेप करना पड़ा।
पांच लोग गंभीर रूप से घायल
इस हमले में एक ही परिवार के पांच सदस्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायलों की पहचान टुनटुन चौरसिया (30 वर्ष), सूरज चौरसिया (16 वर्ष), अंकित चौरसिया (13 वर्ष), सिंटू चौरसिया (18 वर्ष) और जितेंद्र चौरसिया (28 वर्ष) के रूप में की गई है। सभी एक ही परिवार से संबंधित हैं और उचकागांव के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत सभी घायलों को गोपालगंज सदर अस्पताल पहुंचाया। वहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए बेहतर इलाज के लिए उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। फिलहाल सभी का इलाज जारी है और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
पुलिस ने संभाला मोर्चा, तीन संदिग्ध हिरासत में
घटना की सूचना मिलते ही उचकागांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची। हथुआ के एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने खुद घटनास्थल का दौरा किया और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने तीन संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। एसडीपीओ ने बताया, “इंस्टाग्राम पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था, जो बाद में हिंसक झड़प में बदल गया। इस घटना में पांच लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को हिरासत में लिया है और मामले की जांच की जा रही है।” पुलिस ने घटनास्थल से कुछ सबूत भी जुटाए हैं और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी है।
पुराना विवाद भी बना वजह
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच पहले से भी विवाद चल रहा था। कुछ महीने पहले भी किसी छोटी बात को लेकर इनके बीच झड़प हुई थी। बताया जा रहा है कि इंस्टाग्राम पर हुई यह पोस्ट पुराने तनाव को फिर से हवा देने का कारण बनी। एक निवासी ने बताया, “दोनों परिवारों में पहले से मनमुटाव था। सोशल मीडिया पर की गई एक टिप्पणी ने इस पुराने झगड़े को और भड़का दिया। देखते ही देखते पूरा इलाका रणक्षेत्र में बदल गया।”
इलाके में तनाव, पुलिस की अतिरिक्त तैनाती
घटना के बाद उचकागांव और आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस ने इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। गश्ती दल लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। एसडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता ने बताया कि “इलाके में स्थिति अब नियंत्रण में है। पुलिस बल हर संवेदनशील स्थान पर तैनात है। लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है।”
सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लेकर प्रशासन सख्त
इस घटना के बाद प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है कि सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की भड़काऊ, अपमानजनक या भ्रामक पोस्ट डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि ऐसी घटनाएं समाज में तनाव फैलाती हैं और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बनती हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि “मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में कोई भी सोशल मीडिया के माध्यम से नफरत फैलाने की कोशिश न करे। पुलिस साइबर टीम की मदद से उस इंस्टाग्राम पोस्ट की भी जांच कर रही है जिससे विवाद की शुरुआत हुई थी।”
सोशल मीडिया विवाद का खतरनाक रुख
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया पर छोटी-छोटी टिप्पणियां किस तरह हिंसा का कारण बन सकती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इंटरनेट पर गलतफहमी या भड़काऊ संदेशों से शुरू होने वाले विवाद कई बार जमीनी स्तर पर खतरनाक मोड़ ले लेते हैं। गोपालगंज की यह घटना इसी का उदाहरण है, जहां एक इंस्टाग्राम पोस्ट ने पांच लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी। यह घटना समाज के लिए चेतावनी है कि सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से इस्तेमाल जरूरी है। उचकागांव की यह घटना न केवल एक स्थानीय विवाद थी, बल्कि यह इस बात का संकेत भी है कि डिजिटल माध्यमों का दुरुपयोग समाज में तनाव और हिंसा फैला सकता है। पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रण में रखा है और घायलों के इलाज की व्यवस्था की है। अब पुलिस का ध्यान मुख्य रूप से आरोपियों की गिरफ्तारी और सोशल मीडिया पर भड़काऊ गतिविधियों को रोकने पर है। प्रशासन ने लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। गोपालगंज की यह घटना एक सबक है कि वर्चुअल दुनिया में की गई छोटी-सी गलती भी वास्तविक जीवन में बड़ा संकट बन सकती है। इसलिए सोशल मीडिया पर हर व्यक्ति को सावधानी और जिम्मेदारी से व्यवहार करना चाहिए।


