November 12, 2025

गिरिराज सिंह का विपक्ष पर तंज, कहा- 14 को सभी पॉलिटिकल एनालिसिस होंगे फेल, प्रचंड बहुमत से बनेगी एनडीए की सरकार

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के बाद राज्य में सियासी बयानबाजी और भी तेज हो गई है। केंद्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को विपक्ष पर करारा तंज कसा। उन्होंने दावा किया कि 14 नवंबर को जब चुनाव परिणाम आएंगे, तो सभी राजनीतिक विश्लेषकों के अनुमान गलत साबित होंगे और एनडीए गठबंधन प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगा। गिरिराज सिंह ने कहा कि यह चुनाव “विश्वसनीयता बनाम अवसरवादिता” का मुकाबला है, जिसमें जनता ने विकास और स्थिरता को चुना है।
विपक्ष पर व्यंग्य: “इनका नाम है एमवाय, जिसने किसी को नहीं छोड़ा”
गिरिराज सिंह ने अपने चिर-परिचित अंदाज में विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “इनका नाम है एमवाय—मतलब मौका और यादव—जिन्होंने किसी को नहीं छोड़ा। इन लोगों ने चुनाव में ऐसा कोई सगा नहीं ठगा।” उन्होंने कहा कि जनता अब सब जान चुकी है और इस बार बिहार की जनता जाति और समुदाय से ऊपर उठकर “विश्वसनीय चेहरों” को वोट दे रही है। उन्होंने कहा कि पहले चरण की वोटिंग में महिलाओं का उत्साह ऐतिहासिक रहा है। “बेगूसराय में पुरुषों की तुलना में 8 से 10 प्रतिशत अधिक महिलाओं ने वोट किया है। यह नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की विश्वसनीयता का वोट है। महिलाएं जानती हैं कि सुरक्षा, विकास और सम्मान का वातावरण किसने दिया है,” उन्होंने कहा।
“राजनीतिक विश्लेषकों के गणित फेल होंगे”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस बार के चुनाव में “पॉलिटिकल एनालिस्ट्स” और “डेटा एक्सपर्ट्स” की सारी भविष्यवाणियां गलत साबित होंगी। गिरिराज सिंह ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “जो लोग अंग्रेजी बोलकर टीवी पर विश्लेषण कर रहे हैं, वे सब फेल हो जाएंगे। इनका गणित ऐसा है जैसे कोई बाप अपने बच्चों की लंबाई जोड़कर औसत निकाल रहा हो—कोई चार फीट का, कोई छह फीट का, और फिर बोल रहा कि सब पांच फीट के हैं। ऐसे लोगों का लुटिया डूब चुका है।” उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं है, इसलिए वे अफवाहों और झूठे वादों के सहारे जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस बार जनता ने जवाब दे दिया है।
“लालू के जंगलराज की याद अब भी लोगों में जिंदा”
गिरिराज सिंह ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “लालू जी का जैसा जंगलराज था, उसे लोग भूल नहीं पाए हैं। बिहार की जनता दोबारा उस दौर में नहीं जाना चाहती।” उन्होंने आगे कहा कि “आज तेजस्वी यादव के मंच से गाने गाए जा रहे हैं—‘तेजस्वी भैया आएंगे तो कनपटी में कट्टा लगाएंगे।’ ऐसे नारों से बिहार के लोगों को डर नहीं, बल्कि गुस्सा आता है। कौन मां होगी जो अपनी बेटी की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं होगी? कौन पिता होगा जो अपने बेटे की जान को लेकर न डरेगा? यही वजह है कि इस बार महिलाओं और परिवारों ने एकजुट होकर एनडीए को वोट दिया है।”
“विपक्ष का झूठ अब नहीं चलेगा”
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष ने हमेशा झूठ और भ्रम फैलाने की राजनीति की है। “विपक्षी दलों को अब समझ लेना चाहिए कि बिहार बदल चुका है। अब गरीब और किसान वोट डालने से नहीं डरते। वे अपने अधिकारों को पहचान चुके हैं। जो लोग अब भी गरीबों को वोट डालने से रोकने की कोशिश करेंगे, उन्हें जनता सबक सिखाएगी।” उन्होंने हाल में लखीसराय में हुई घटना पर कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यादवों के गांव में गरीबों को वोट डालने नहीं दिया जा रहा था। अब जमाना चला गया है कि आप गरीबों को दबा लें। अब जनता जाग चुकी है।”
प्रशांत किशोर पर भी कसा तंज
गिरिराज सिंह ने जन सुराज प्रमुख प्रशांत किशोर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रशांत किशोर की दुकानदारी अब खत्म होने वाली है। उन्होंने खुद को बहुत बड़ा मान लिया है, लेकिन बिहार की जनता ने बता दिया है कि असली ताकत जनता के पास होती है। उनका सपना न पूरा हुआ है, न कभी होगा।” उन्होंने कहा कि एनडीए की जीत नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की विश्वसनीयता पर टिकी है। “लोग जानते हैं कि एनडीए की सरकार काम करती है, सिर्फ वादे नहीं करती। मोदी और नीतीश के नेतृत्व पर जनता को भरोसा है, और इस भरोसे का परिणाम 14 नवंबर को साफ दिखेगा।”
“राहुल गांधी के वर्चुअल टिकट बेअसर”
गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर व्यंग्य करते हुए कहा, “राहुल गांधी वर्चुअल टिकट बांट रहे थे, लेकिन बिहार की जनता ने उन्हें रियल में जवाब दे दिया। जनता ने दिखा दिया कि सिर्फ भाषणों और झूठे आरोपों से वोट नहीं मिलते।” उन्होंने कहा कि विपक्ष का एजेंडा सिर्फ अफवाह फैलाना और जनता को बांटना है, जबकि एनडीए जनता के मुद्दों—विकास, रोजगार और सुरक्षा—पर काम कर रही है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का यह बयान एनडीए की ओर से आत्मविश्वास भरे प्रचार अभियान को दर्शाता है। उन्होंने न केवल विपक्ष के नेताओं पर हमला बोला बल्कि यह भी दावा किया कि एनडीए की “विश्वसनीयता की राजनीति” ने इस बार बिहार के मतदाताओं को आकर्षित किया है। गिरिराज सिंह के इस बयान से साफ है कि एनडीए को पहले चरण की भारी वोटिंग से उत्साह मिला है। अब 14 नवंबर को नतीजे आने के बाद यह तय होगा कि उनका दावा कितना सही साबित होता है और क्या वाकई विपक्ष “औंधे मुंह” गिरता है जैसा उन्होंने कहा—या फिर बिहार की जनता एक नया राजनीतिक समीकरण लिखती है।

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